रेल नियामक के गठन को केंद्र सरकार की हरी झंडी | 06 Apr 2017

संदर्भ
गौरतलब है कि 5 अप्रैल 2017 को केंद्र सरकार ने एक स्वतंत्र रेल नियामक (Independent Rail Regulator) स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है| यह रेल नियामक यात्री किरायों में कमी एवं बढ़ोतरी के साथ–साथ रेल संचालन के लिये प्रदर्शन मानकों की स्थापना तथा इस क्षेत्र विशेष में निजी क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित करने संबंधी कार्यों के लिये एक उत्तरदायी तंत्र होगा|

नियामक का परिचय

  • इस नियामक का नाम ‘रेल विकास प्राधिकरण’ (Rail Development Authority-RDA) होगा| इसे 50 करोड़ रुपए की आरंभिक धनराशी के साथ देश की राजधानी दिल्ली में स्थापित किया जाएगा|
  • आरडीए की समस्त कार्य प्रणाली रेलवे अधिनियम, 1989 के मानकों के तहत ही कार्य करेगी| यहाँ यह भी स्पष्ट करना अत्यंत आवश्यक है कि यह यात्री किराये एवं माल भाड़े से संबंधित मुद्दों पर रेल मंत्रालय को केवल सिफारिश ही कर सकती है, उसके संबंध में कोई निर्णय नहीं ले सकती है|

नियामक की संरचना – व्यवस्था

  • गौरतलब है कि इस नियामक में एक अध्यक्ष के साथ-साथ तीन अन्य सदस्य भी होंगे, जिनका कार्यकाल पाँच वर्ष का होगा| इसके अतिरिक्त इस नियामक में विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित विशेषज्ञों को भी शामिल करने की अनुमति होगी|
  • वस्तुतः यह एक स्वतंत्र नियामक तंत्र होगा जिसका अपना एक बजट भी होगा| इसके अतिरिक्त इसके अंतर्गत सदस्यों की नियुक्ति करने तथा उन्हें हटाने की एक उचित प्रक्रिया भी सुनिश्चित की जायेगी|
  • इसके अतिरिक्त इस नियामक के अधीन अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक विशेष खोज एवं चयन समिति द्वारा की जायेगी| इस समिति में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष भी शामिल होंगे, इसके साथ-साथ कार्मिक एवं प्रशिक्षण प्रभाग के सचिव तथा कैबिनेट सचिव द्वारा नामित केंद्र सरकार के किसी भी नियामकीय निकाय के अध्यक्ष को भी सम्मिलित किया जायेगा|

निवेशकों को राहत 

  • स्पष्ट है कि इस नियामक के स्थापित होने से न केवल यात्रियों को प्राप्त होने वाली सुविधाओं में इज़ाफा होगा बल्कि रेल क्षेत्र से संबद्ध निवेशकों को भी बड़ी राहत मिलेगी, जिससे इस क्षेत्र में पारदर्शिता एवं जवाबदेहिता में वृद्धि होगी|

नियामक का कार्य

  • उल्लेखनीय है कि इस नियामक का प्राथमिक कार्य सामाजिक सेवा संबंधी दायित्वों हेतु लागतों के अनुरूप शुल्क का निर्धारित करने की सिफारिश करना तथा इस क्षेत्र विशेष में निजी निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हितधारकों के लिये बेहतर नीतियों का सुझाव देना होगा|
  • यह नियामक दक्षता मानकों को तय करने तथा भविष्य में रियायत संबंधी समझौतों से संबद्ध विवादों का हल निकालने जैसे कार्य भी करेगा| 
  • इसके अतिरिक्त यह नियामक रेल क्षेत्र से संबंधित आँकड़ों को संग्रहित करने तथा इससे संबद्ध सूचनाओं को एकत्रित कर इनका इस्तेमाल भविष्य की रणनीतियों में करने संबंधी कार्यों का भी अनुपालन करेगा|

घाटे की स्थिति में रेलवे

  • ध्यातव्य है कि वर्ष 2004-05 से 2015-16 के मध्य रेलवे को यात्री किराये में बहुत नुकसान उठाना पड़ा है| वर्ष 2004-05 में यह घाटा 6,159 करोड़ रुपए से बढ़कर वर्ष 2015-16 में 30,000 करोड़ रुपए के स्तर पर पहुँच गया है|
  • वस्तुतः इसका मुख्य कारण रेलवे में आने वाली समस्त इनपुट लागत में हुई अकस्मात् वृद्धि तथा इसी समयावधि में यात्री किराये में कोई परिवर्तन न हो पाना है|