तिमाही रोज़गार सर्वेक्षण (QES) | 28 Sep 2022

प्रिलिम्स के लिये:

अखिल भारतीय त्रैमासिक स्थापना-आधारित रोज़गार सर्वेक्षण (AQEES), त्रैमासिक रोज़गार सर्वेक्षण, आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS), अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन

मेन्स के लिये:

सरकार के सर्वेक्षण और रोज़गार डेटा प्राप्त करने के तरीके

चर्चा में क्यों?

हाल ही में अखिल भारतीय त्रैमासिक स्थापना आधारित रोज़गार सर्वेक्षण (AQEES) के तहत तिमाही रोज़गार सर्वेक्षण (QES) के चौथे दौर (जनवरी-मार्च 2022) की रिपोर्ट जारी की गई।

 QES 2022 के प्रमुख निष्कर्ष:

  • कुल रोज़गार:
    • चौथे राउंड के दौरान 31 लाख प्रतिष्ठानों में अनुमानित तौर पर कुल 3.18 करोड़ कामगार काम कर रहे हैं, तीसरी तिमाही में यह आँकड़ा 3.14 करोड़ था।

Overall-Employment

  • क्षेत्रवार आँकड़े:
    • विनिर्माण क्षेत्र: 38.5%
    • शिक्षा: 21.7%
    • सूचना प्रौद्योगिकी / बिज़नेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (BPO): 12%
    • स्वास्थ्य क्षेत्र: 6%
  • संगठनों का आकार:
    • अगर प्रतिष्ठानों को श्रमिकों की संख्या के हिसाब से देखें तो अनुमानित रूप से 80 प्रतिशत प्रतिष्ठानों में 10 से 99 श्रमिक काम कर रहे हैं।  
      • अगर हम 10 या इससे अधिक श्रमिकों वाले प्रतिष्ठानों की बात करें तो यह आँकड़ा बढ़कर 88 प्रतिशत हो जाएगा।
      • करीब 12 प्रतिशत प्रतिष्ठानों में 10 से कम श्रमिक काम कर रहे हैं।
    • केवल 4 प्रतिशत प्रतिष्ठानों में कम-से-कम 500 श्रमिक काम कर रहे हैं।
      • ऐसे बड़े प्रतिष्ठान ज़्यादातर IT/BPO और स्वास्थ्य क्षेत्र में हैं।
  • महिलाओं की भागीदारी:
    • चौथी तिमाही की रिपोर्ट में महिला कामगारों की हिस्सेदारी तीसरी तिमाही के 31.6 प्रतिशत से मामूली रूप से बढ़कर 31.8 प्रतिशत हो गई है।
    • क्षेत्रवार भागीदारी:
      • स्वास्थ्य: 52%
      • शिक्षा: 44%
      • वित्तीय सेवाएँ: 41%
      • IT/BPO: 36%
    • उल्लेखनीय है कि वित्तीय सेवाओं में स्वरोज़गार करने वाले व्यक्तियों में महिलाओं की संख्या पुरुषों से कहीं अधिक है।

अखिल भारतीय त्रैमासिक स्थापना आधारित रोज़गार सर्वेक्षण (AQEES):

  • श्रम ब्यूरो द्वारा ‘ऑल-इंडिया क्वार्टरली एस्टैब्लिशमेंट-बेस्ड एम्प्लॉयमेंट सर्वे’ को नौ चयनित क्षेत्रों के संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों में रोज़गार एवं प्रतिष्ठानों के संबंध में तिमाही आधार पर अद्यतन करने के लिये आयोजित किया जाता है।
  • AQEES के तहत मुख्यतः दो घटक हैं:
    • ‘त्रैमासिक रोज़गार सर्वेक्षण’ (QES):
      • यह 9 क्षेत्रों में संगठित खंड में 10 या अधिक श्रमिकों को रोज़गार देने वाले प्रतिष्ठानों के लिये रोज़गार अनुमान प्रदान करता है।
        • ये 9 क्षेत्र हैं- विनिर्माण, निर्माण, व्यापार, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और रेस्तरां, IT/ BPO, वित्तीय सेवा गतिविधियाँ।
    • एरिया फ्रेम एस्टैब्लिशमेंट सर्वे (AFES): यह एक सैंपल सर्वे द्वारा असंगठित क्षेत्र (10 से कम श्रमिकों के साथ) को कवर करता है।

QES और आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) में अंतर:

  • जहाँ एक ओर त्रैमासिक रोज़गार सर्वेक्षण (QES) मांग पक्ष की तस्वीर प्रदान करता है, वहीं ‘राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण’ या ‘आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण’ (PLFS) श्रम बाज़ार के आपूर्ति पक्ष की तस्वीर प्रस्तुत करता है।
  • ‘आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण’ का संचालन ‘सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय’ के तहत ‘राष्ट्रीय सांख्यिकी संगठन’ (NSO) द्वारा किया जाता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन 'औद्योगिक श्रमिकों के लिये उपभोक्ता मूल्य सूचकांक संख्या' प्रस्तुत करता है? (2015)

(a) भारतीय रिज़र्व बैंक
(b) आर्थिक मामलों का विभाग
(c) श्रम ब्यूरो
(d) कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग

उत्तर: (c)

व्याख्या:

  • औद्योगिक कामगारों के लिये उपभोक्ता मूल्य सूचकांक संख्या (CPI-IW) एक सूचकांक है जिसे एक परिभाषित आबादी (अर्थात् औद्योगिक श्रमिकों) द्वारा उपभोग की जाने वाली वस्तुओं एवं सेवाओं की कीमतों में समय के साथ बदलाव को मापने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
  • CPI-IW श्रम और रोज़गार मंत्रालय के तहत एक संलग्न कार्यालय, श्रम ब्यूरो द्वारा संकलित किया जाता है।
  • CPI-IW की वर्तमान शृंखला (आधार 2016 = 100) देश के 88 चयनित केंद्रों के लिये संकलित की गई है। औद्योगिक श्रमिकों के लिये अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक इन 88 केंद्रों के सूचकांकों का भारित औसत है।
  • इन केंद्रों को पहली बार देश में औद्योगिक महत्त्व के आधार पर चुना गया है और फिर राज्य में औद्योगिक रोज़गार के अनुपात में विभिन्न राज्यों में वितरित किया गया है, बशर्ते कि एक राज्य में एक क्षेत्र को अधिकतम 5 केंद्र आवंटित किये गए हों।

अतः विकल्प (c) सही उत्तर है।

स्रोत: पी.आई.बी.