क्वांटम सुप्रीमेसी | 02 Nov 2019

प्रीलिम्स के लिये:

क्वांटम सुप्रीमेसी

मेन्स के लिये:

क्वांटम सुप्रीमेसी की उपयोगिता एवं सीमाएँ

चर्चा में क्यों?

हाल ही में गूगल ने घोषणा की है कि उसने संगणना (Computing) के क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है जिसे क्वांटम सुप्रीमेसी (Quantum Supremacy) कहा गया।

क्वांटम सुप्रीमेसी क्या है?

  • इस शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग कैलिफ़ोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर जॉन प्रेस्किल द्वारा 2012 में किया गया था। उनके अनुसार क्वांटम कंप्यूटर किसी भी ऐसी गणना को कर सकता है जिसे आधुनिक सुपर कंप्यूटर करने में सक्षम नहीं है।
  • गूगल ने साइकामोर नामक एक क्वांटम प्रोसेसर (Cycamore Quantum Processor) की सहायता से एक गणना को 200 सेकंड में हल कर दिया जिसे आधुनिक समय के एक सुपर कंप्यूटर से हल करने में 10,000 वर्ष का समय लगता।

क्वांटम सिद्धांत:

  • यह आधुनिक भौतिकी का सिद्धांत है जिसके अंतर्गत किसी पदार्थ की प्रकृति तथा व्यवहार का अध्ययन उसके परमाण्विक स्तर पर किया जाता है।

क्वांटम कंप्यूटर क्या है?

  • क्वांटम कंप्यूटर भौतिक विज्ञान के क्वांटम सिद्धांत पर कार्य करता है। इसके विपरीत आधुनिक कंप्यूटर भौतिकी के विद्युत् प्रवाह के नियमों पर कार्य करता है।
  • एक सामान्य कंप्यूटर अपनी सूचनाओं को बिट में संग्रहीत करता है, जबकि क्वांटम कंप्यूटर में सूचना ‘क्वांटम बिट’ या ‘क्यूबिट’ में संग्रहीत होती है।
  • सामान्य कंप्यूटर, प्रोसेसिंग के दौरान बाइनरी इनपुट (0 या 1) में से किसी एक को ही एक बार ऑपरेट कर सकते हैं वहीं क्वांटम कंप्यूटर दोनों बाइनरी इनपुट को एक साथ ऑपरेट कर सकते हैं।
  • किसी 100 क्युबिट से कम की क्षमता रखने वाला क्वांटम कंप्यूटर किसी बहुत अधिक आँकड़े वाली उन समस्याओं को भी हल कर सकता है जो किसी आधुनिक कंप्यूटर की क्षमता से बाहर है।
  • क्वांटम कंप्यूटर को किसी बड़े वातानुकूलित सर्वर रूम में रखा जाता है जहाँ कई सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट को स्टैक में रखा जाता है।

क्वांटम कंप्यूटर का महत्त्व:

  • वर्तमान समय में किसी बहुत अधिक आँकड़ों के समूह में से कम समय में कुछ आवश्यक सूचनाएँ प्राप्त करना एक बड़ी समस्या है तथा इस कार्य को क्वांटम कंप्यूटर बहुत ही आसानी से कर सकता है।
  • उदाहरण के लिये यदि हमें 10 लाख सोशल मीडिया प्रोफाइल में से किसी एक व्यक्ति की जानकारी प्राप्त करनी है तो एक पारंपरिक कंप्यूटर उन सभी प्रोफाइल को स्कैन करेगा जिसमें उसे 10 लाख चरणों से गुज़रना होगा। जबकि क्वांटम कंप्यूटर उसे एक हज़ार चरणों में संपन्न कर सकता है।
  • इसकी सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण विशेषता इसकी रफ्तार है। यह कई पारंपरिक कंप्यूटर द्वारा एक समय में समानांतर तौर पर किए जाने वाले कार्य को अकेले ही कर सकता है।
  • बैंकिंग तथा सुरक्षा अनुप्रयोगों में उपयोग किये जाने हेतु कई एनक्रिप्शन सिस्टम का उपयोग इन कंप्यूटरों में किया जाता है जो गणितीय समस्याओं को सुलझाने में एक सीमा के बाद असमर्थ है। क्वांटम कंप्यूटर इन कमियों को दूर कर सकते हैं।
  • इसके अतिरिक्त यह वैज्ञानिक अनुसंधानों, खगोलीय अंतरिक्ष मिशनों, डेटा संरक्षण, AI आदि के लिये उपयोगी हो सकते हैं।

संभावित चुनौतियाँ

  • क्वांटम कंप्यूटर अभी अपने प्रायोगिक अवस्था में है जहाँ इसका पहला प्रयोग गूगल द्वारा 53 क्यूबिट क्षमता वाले साइकामोर नामक क्वांटम प्रोसेसर के माध्यम से किया गया, किंतु इसके वास्तविक प्रयोग में कई वर्ष या दशक लग सकते हैं।
  • क्वांटम कंप्यूटर में प्रयोग क्यूबिट को क्रायोजेनिक तापमान पर ही स्थिर रखा जा सकता है, इसलिये इसका रख-रखाव एक बड़ी चुनौती है।
  • विशेषज्ञों के अनुसार, इसका प्रयोग केवल सरकारों या बड़ी कंपनियों द्वारा ही किया जा सकता है।
  • क्वांटम कंप्यूटर को तैयार करने में अत्यधिक विकसित तकनीक तथा भारी निवेश की आवश्यकता होगी। क्वांटम कंप्यूटर को लेकर बड़ी चिंता इसके एनक्रिप्शन कोड को हल करने को लेकर है। अभी तक एनक्रिप्शन कोड को डेटा की सुरक्षा के लिहाज़ से विश्वसनीय माना जाता था जो कि क्वांटम कंप्यूटर द्वारा आसान हो जाएगा।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस