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बजट 2018-19 में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को प्रोत्साहन | 03 Feb 2018 | अंतर्राष्ट्रीय संबंध

चर्चा में क्यों?

क्या है सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम?
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के संवर्धन एवं विकास को सरल एवं सुविधाजनक बनाने हेतु 2 अक्तूबर, 2006 को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास अधिनियम (MSMED Act), 2006 विनियमित किया गया था। इस अधिनियम के तहत MSMEs को निम्नलिखित दो भागों में वर्गीकृत किया गया है:

उद्यम का प्रकार संयंत्र एवं मशीनरी में किया गया निवेश (रुपयों में)
सूक्ष्म (Micro) 25 लाख तक
लघु (Small) 25 लाख से अधिक किंतु 5 करोड़ से कम
मध्यम (Medium) 5 करोड़ से अधिक किंतु 10 करोड़ से कम
उद्यम का प्रकार उपकरणों में किया गया निवेश (रुपयों में)
सूक्ष्म (Micro) 10 लाख तक
लघु (Small) 10 लाख से अधिक किंतु 2 करोड़ से कम
मध्यम (Medium) 2 करोड़ से अधिक किंतु 5 करोड़ से कम

भारत के लिये MSMEs का महत्त्व

राष्ट्रीय विनिर्माण प्रतिस्पर्धात्मकता कार्यक्रम (National Manufacturing Competitiveness Program)

प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम 

साख गांरटी कोष

स्फूर्ति (Scheme of Fund for Regeneration of Traditional Industries -SFURTI)

एस्पायर योजना (Aspire)

अन्य पहलें