ऑनलाइन गेमिंग संवर्द्धन और विनियमन अधिनियम, 2025 | 13 Sep 2025
प्रिलिम्स के लिये: ऑनलाइन गेमिंग, रियल मनी गेमिंग (RMG) उद्योग, डिजिटल भुगतान प्रणाली, राज्य सूची, विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा)।
मेन्स के लिये: भारत में गेमिंग उद्योग के उदय के कारक, आचार संहिता की आवश्यकता और भारत के ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र को विनियमित करना।
चर्चा में क्यों?
संसद द्वारा पारित यह अधिनियम ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स को प्रोत्साहित करता है, जबकि हानिकारक ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवाओं, विज्ञापनों और उनसे संबंधित वित्तीय लेन-देन पर प्रतिबंध लगाता है।
- राष्ट्रपति की सिफारिश से इस अधिनियम को संविधान के अनुच्छेद 117(1) और 117(3) के तहत वित्त विधेयक के रूप में संसद में पेश किया गया।
ऑनलाइन गेमिंग संवर्द्धन और विनियमन अधिनियम, 2025 क्या है?
- परिचय: यह अधिनियम ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र को विनियमित करने, बढ़ावा देने और समर्थन देने के लिये एक व्यापक कानूनी ढाँचा बनाने का प्रयास करता है, जिससे नागरिकों के लिये एक ज़िम्मेदार डिजिटल वातावरण को बढ़ावा मिलता है।
- ऑनलाइन मनी गेम्स पर प्रतिबंध: यह अधिनियम वास्तविक धन वाले खेलों की पेशकश, विज्ञापन या वित्तीय लेन-देन को सुविधाजनक बनाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाता है।
- बैंकों और वित्तीय संस्थानों को ऐसे प्लेटफार्मों के लिये भुगतान संसाधित करने से रोक दिया गया है।
- IT अधिनियम, 2000 के तहत गैर-कानूनी प्लेटफार्मों को ब्लॉक करने के लिये प्राधिकारियों को सशक्त बनाया गया है।
- अधिनियम के प्रमुख प्रावधान: ऑनलाइन गेम को निम्नलिखित तरीके से वर्गीकृत किया गया है:
- ई-स्पोर्ट्स: एक वैध खेल के रूप में मान्यता प्राप्त, संगठित टूर्नामेंटों के माध्यम से खेले जाने वाले प्रतिस्पर्द्धी डिजिटल खेल, जिनमें कौशल की आवश्यकता होती है।
- ऑनलाइन सामाजिक खेल: मुख्यतः मनोरंजन या सामाजिक संपर्क के लिये डिज़ाइन किये गए कौशल-आधारित खेल। उदाहरण: वर्डले।
- ऑनलाइन मनी गेम्स: ऐसे खेल जिनमें वित्तीय दांव शामिल होते हैं, चाहे वे संयोग पर आधारित हों, कौशल पर या दोनों पर। इन खेलों में खिलाड़ी शुल्क का भुगतान करते हैं या पैसा जमा करते है। इस उम्मीद के साथ कि उन्हें मौद्रिक या अन्य प्रकार का लाभ प्राप्त होगा। उदाहरण: ड्रीम11, पोकर, रम्मी।
- अधिनियम की प्रयोज्यता: यह पूरे भारत में लागू होता है और उन ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवाओं पर भी लागू होता है, जो भारत में प्रदान की जा रही हों या भारत के बाहर से संचालित होकर भारत में उपलब्ध हों।
- सकारात्मक गेमिंग का प्रचार:
- ई-स्पोर्ट्स: युवा मामलों और खेल मंत्रालय मार्गदर्शन तैयार करेगा, प्रशिक्षण अकादमियाँ तथा अनुसंधान केंद्र स्थापित करेगा।
- सामाजिक/शैक्षिक खेल: केंद्र सरकार सुरक्षित, आयु-उपयुक्त सीखने और मनोरंजन प्लेटफॉर्म को मान्यता, पंजीकरण तथा प्रचारित कर सकती है।
- नियामक निकाय: एक राष्ट्रीय स्तर का नियामक निम्नलिखित कार्य करेगा:
- खेलों को श्रेणीबद्ध और पंजीकृत करना।
- यह तय करना कि कोई खेल मनी गेम (पैसे वाला खेल) के रूप में योग्य है या नहीं।
- शिकायतों और विवादों को निपटाना।
- केंद्रीय सरकार को अधिकारियों की नियुक्ति का अधिकार है, जिन्हें जाँच, तलाशी, ज़ब्ती और गिरफ्तारी के अधिकार प्राप्त होंगे (कुछ मामलों में वारंट के बिना भी)।
- अपराध और दंड:
- ऑनलाइन मनी गेम्स की पेशकश करना: 3 वर्ष तक की जेल और 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना।
- प्रतिबंधित खेलों का विज्ञापन करना: 2 वर्ष तक की जेल और 50 लाख रुपए तक का जुर्माना।
- अपराध संज्ञेय एवं गैर-जमानती हैं।
- दायित्व खंड: यह अधिनियम कंपनियों और उनके अधिकारियों को उत्तरदायी ठहराता है, जबकि स्वतंत्र तथा गैर-कार्यकारी निदेशकों को तब छूट मिलती है, जब वे उचित परिश्रम का प्रमाण प्रस्तुत कर सकें।
ऑनलाइन गैंबलिंग
- परिचय: ऑनलाइन खेल उन खेलों को कहा जाता है जो इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल उपकरणों पर खेले जाते हैं और इंटरनेट या अन्य इलेक्ट्रॉनिक संचार तकनीकों के माध्यम से सॉफ्टवेयर द्वारा संचालित होते हैं।
- यह खिलाड़ियों के बीच वास्तविक समय में बातचीत और प्रतिस्पर्द्धा की सुविधा प्रदान करता है, चाहे वे किसी भी स्थान पर हों।
- वर्गीकरण:
- स्किल-बेस्ड गेम्स (Skill-Based Games): इनमें मौका नहीं बल्कि कौशल को महत्त्व दिया जाता है और ये भारत में वैध हैं। उदाहरण: Game 24X7, Dream11 और मोबाइल प्रीमियर लीग (MPL)।
- गेम्स ऑफ चांस (Games of Chance): इनका परिणाम मुख्य रूप से कौशल नहीं बल्कि चांस पर निर्भर करता है और ये भारत में अवैध हैं। उदाहरण: रूलेट (Roulette), जो मुख्य रूप से मौद्रिक पुरस्कार के लिये खिलाड़ियों को आकर्षित करता है।
- बाज़ार का आकार/मार्केट साइज़: वर्ष 2023 में भारत 568 मिलियन खिलाड़ियों और 9.5 बिलियन ऐप डाउनलोड के साथ विश्व का सबसे बड़ा गेमिंग मार्केट बन गया।
- वर्ष 2023 में 2.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य का बाज़ार वर्ष 2028 तक 8.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है।
भारत की गेमिंग इंडस्ट्री के प्रमुख विकास कारक क्या हैं?
- आर्थिक कारक: स्टार्ट-अप इंडिया तथा आत्मनिर्भर भारत फ्रेमवर्क द्वारा समर्थित भारत के जीवंत स्टार्टअप इकोसिस्टम ने कई गेमिंग कंपनियों और प्लेटफार्मों के विकास को बढ़ावा दिया है।
- ये स्टार्टअप नवाचार को बढ़ावा दे रहे हैं और भारतीय उपभोक्ताओं की विविध गेमिंग प्राथमिकताओं को पूरा कर रहे हैं, जिससे देश में गेमिंग इंडस्ट्री के विस्तार तथा विकास में योगदान मिल रहा है।
- भारत ने कई गेमिंग यूनिकॉर्न्स का निर्माण किया है, जिनमें Games24X7, Dream11 और मोबाइल प्रीमियर लीग शामिल हैं।
- पिछले कुछ वर्षों में गेमिंग कंपनियों ने घरेलू और वैश्विक निवेशकों से 2.8 अरब अमेरिकी डॉलर जुटाए, जो भारत में कुल स्टार्टअप फंडिंग का 3% है।
- NVIDIA ने नवंबर 2025 में भारत में अपनी क्लाउड गेमिंग सेवा शुरू करने की घोषणा की है।
- तकनीकी समर्थक;
- भारतनेट और राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन (NBM) जैसी पहलें ग्रामीण और दूरदराज़ के क्षेत्रों में हाई स्पीड इंटरनेट उपलब्ध कराने पर केंद्रित हैं।
- 5G रोलआउट ने इंटरनेट गति को और बढ़ाया है तथा विलंबता को कम किया है, जो सुचारू गेमिंग अनुभव के लिये महत्त्वपूर्ण है।
- सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) के हालिया सर्वेक्षण से पता चलता है कि अब 85% से अधिक भारतीय परिवारों के पास स्मार्टफोन हैं और 86.3% परिवारों में परिसर के भीतर ही इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध है।
- भारत में गेमिंग बाज़ार का 90% हिस्सा मोबाइल फोन से आता है, जबकि अमेरिका और चीन में यह क्रमशः लगभग 37% और 62% है।
- नीतिगत और सांस्कृतिक बदलाव:
- IT नियम 2021, स्व-नियामक निकायों और AVGC टास्क फोर्स ने सुरक्षित विकास हेतु एक रूपरेखा तैयार की।
- गेमर्स को कंटेंट क्रिएटर्स अवार्ड से सम्मानित किया गया; क्रिएट इन इंडिया अभियान कंटेंट क्रिएटर्स को प्रोत्साहित करता है।
- कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान उद्योग में 50% की वृद्धि हुई, औसत गेमिंग समय 2.5 घंटे/दिन से बढ़कर 4.1 घंटे/दिन हो गया, जिससे गेमिंग एक वैध करियर बन गया।
भारत में गेमिंग इंडस्ट्री का विनियमन कैसे किया जाता है?
- सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 और नियम
- सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021, जिसे अप्रैल 2023 में संशोधित किया गया, ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म के लिये मानक निर्धारित करते हैं।
- मध्यस्थों को अवैध/गैर-कानूनी सामग्री के प्रसार को रोकना अनिवार्य है।
- धन-आधारित खेल उपलब्ध कराने वाले प्लेटफॉर्म को स्व-नियामक संस्थाओं (SRB) के साथ पंजीकरण कराना होगा, जो यह तय करती हैं कि कोई खेल अनुमेय है या नहीं।
- धारा 69A सरकार को अवैध साइटों/ऐप्स को ब्लॉक करने का अधिकार प्रदान करती है - वर्ष 2022 से जून 2025 तक 1,524 सट्टेबाज़ी और जुए से संबंधित प्लेटफॉर्म को ब्लॉक किया गया।
- भारतीय न्याय संहिता, 2023
- धारा 111: अवैध आर्थिक गतिविधियों और साइबर अपराधों को दंडित करती है।
- धारा 112: अनधिकृत सट्टेबाज़ी/जुए पर 1 से 7 वर्ष तक के कारावास और जुर्माने का प्रावधान करती है।
- एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (IGST) अधिनियम, 2017:
- यह अवैध/विदेशी गेमिंग प्लेटफॉर्म पर भी लागू होता है।
- ऑनलाइन मनी गेमिंग प्रदाताओं को सरलीकृत पंजीकरण योजना के तहत पंजीकरण कराना अनिवार्य है।
- GST इंटेलिजेंस के महानिदेशक गैर-पंजीकृत/अनुपालन न करने वाले प्लेटफॉर्म को ब्लॉक करने का निर्देश दे सकते हैं।
- यह सुनिश्चित करता है कि डिजिटल गेमिंग इकाइयाँ भी भौतिक व्यवसायों जैसी कराधान प्रणाली का पालन करें।
- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019
- भ्रामक/छद्म विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाता है।
- केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) जाँच कर सकता है, दंडित कर सकता है और आपराधिक कार्यवाही शुरू कर सकता है।
- सट्टेबाज़ी प्लेटफॉर्म के समर्थन से सेलिब्रिटी/प्रभावशाली व्यक्तियों को रोकने हेतु परामर्श जारी किये गए हैं।
भारत के ऑनलाइन गेमिंग उद्योग की प्रमुख चिंताएँ क्या हैं और इसे मज़बूत करने के उपाय सुझाएँ?
चिंताएँ |
उपाय |
विनियामक अस्पष्टता: खंडित राज्य कानून, कौशल-आधारित गेमिंग और जुए के बीच कोई स्पष्ट भेद नहीं। |
राष्ट्रीय नियामक निकाय की स्थापना, स्पष्टता के लिये स्व-नियामक निकायों (SRBs) को मज़बूत करना। |
अवैध जुआ और मनी लॉन्ड्रिंग: विदेशी वेबसाइटों का विस्तार हो रहा है, आतंकवादी वित्तपोषण और प्रेषण मार्गों के दुरुपयोग का खतरा। |
बैंकों और भुगतान गेटवे के साथ सहयोग कर अवैध लेन-देन रोकना जैसे- रियल-टाइम निगरानी; वैश्विक मनी लॉन्ड्रिंग विरोधी सहयोग। |
नशे की लत वाला व्यवहार– अत्यधिक खेल से तनाव, आर्थिक बर्बादी, आत्महत्या की प्रवृत्ति (23% युवाओं पर असर)। |
आयु-सीमा, व्यय सीमा, स्व-बहिष्कार उपकरण लागू करना, मानसिक स्वास्थ्य सहायता को एकीकृत करना, जन जागरूकता अभियान चलाना। |
साइबर हमले (Cyberattacks) – डेटा उल्लंघन (2024 में 1.1 करोड़ खातों का रिसाव); VPN/जियो-ब्लॉकर को दरकिनार करने से खतरा। |
साइबर सुरक्षा को मज़बूत करना – ऑडिट, एन्क्रिप्शन, घुसपैठ पहचान प्रणाली, डेटा संरक्षण मानकों का पालन। |
वित्तीय जोखिम– असुरक्षित उपयोगकर्त्ता अत्यधिक व्यय करते हैं (₹17 लाख PUBG मामला), भारतीय सालाना ₹20,000 करोड़ गंवाते हैं। |
ज़िम्मेदार गेमिंग प्रथाओं को बढ़ावा देना: पेरेंटल, कंट्रोल लागू करना, उपभोक्ता संरक्षण तंत्र सुनिश्चित करना। |
नवाचार समर्थन की कमी– डेवलपर्स के लिये सीमित बुनियादी ढाँचा और मार्गदर्शन। |
नवाचार और प्रतिभा विकास के लिये समर्पित गेमिंग हब और इनक्यूबेटर विकसित किये जाएँ (मॉडल: मॉन्ट्रियल, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया)। |
दृष्टि मुख्य परीक्षा प्रश्न प्रश्न: भारत में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के विकास के लिये आवश्यक चुनौतियों और नियामक उपायों पर चर्चा कीजिये। |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)
प्रिलिम्स:
प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा/से भारत सरकार के ‘डिजिटल इंडिया’ योजना का/के उद्देश्य है/हैं? (2018)
- भारत की अपनी इंटरनेट कंपनियों का गठन, जैसा कि चीन ने किया।
- एक नीतिगत ढाँचे की स्थापना, जिससे बड़े आँकड़े एकत्रित करने वाली समुद्रपारीय बहु-राष्ट्रीय कंपनियों को प्रोत्साहित किया जा सके, जिससे कि वे हमारी राष्ट्रीय भौगोलिक सीमाओं के अंदर अपने बड़े डेटा केंद्रों की स्थापना करें।
- हमारे अनेक गाँवों को इंटरनेट से जोड़ना तथा हमारे बहुत से विद्यालयों, सार्वजनिक स्थलों एवं प्रमुख पर्यटक केंद्रों में वाई-फाई की सुविधा प्रदान करना।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: (b)
मेन्स:
प्रश्न : चर्चा कीजिये कि किस प्रकार उभरती प्रौद्योगिकियाँ और वैश्वीकरण मनी लॉन्ड्ऱिंग में योगदान करते हैं। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर मनी लॉन्ड्ऱिंग की समस्या से निपटने के लिये किये जाने वाले उपायों को विस्तार से समझाइये। (150 शब्दों में उत्तर दीजिये) (2021)