प्रधानमंत्री की दक्षिण कोरिया यात्रा | 23 Feb 2019

चर्चा में क्यों?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण कोरिया के साथ भारत के सामरिक संबंधों को मजबूत करने हेतु दक्षिण कोरिया की दो दिवसीय यात्रा की। यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन ने व्यापार, निवेश, रक्षा और सुरक्षा सहित कई मुद्दों पर द्वीपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर बातचीत की।

  • प्रधानमंत्री मोदी की 2015 के बाद से कोरिया गणराज्य की यह दूसरी यात्रा है तथा दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति के साथ दूसरी शिखर बैठक है।

प्रमुख समझौते

  • दोनों देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच सहयोग बढ़ाने और सीमा पार और अंतर्राष्ट्रीय अपराधों से निपटने के लिये एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए।
  • राजकुमारी सुरीरत्ना (क्वीन हुर ह्वांग-ओक) जो कि अयोध्या की एक पौराणिक राजकुमारी थीं, 48AD में कोरिया चली गई थीं और वहाँ उन्होंने राजा किम-सुरो से विवाह कर लिया था, की याद में एक संयुक्त टिकट जारी करने हेतु समझौते पर हस्ताक्षर किये गए।
  • दोनों पक्षों ने कोरिया प्लस संगठन (Korea Plus Organisation) के संचालन को जारी रखने के लिये एक समझौते पर हस्ताक्षर किये जो भारत में कोरियाई कंपनियों को निवेश करने की सुविधा प्रदान करता है।
  • कोरिया प्लस का संचालन जून 2016 में किया गया था और इसमें दक्षिण कोरिया उद्योग, व्यापार तथा ऊर्जा मंत्रालय, कोरिया व्यापार निवेश एवं संवर्द्धन एजेंसी (Korea Trade Investment and Promotion Agency-KOTRA) और इन्वेस्ट इंडिया के प्रतिनिधि शामिल हैं।
  • दोनों देश स्टार्ट-अप के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देंगे और स्टार्ट-अप कंपनियों के विचारों, प्रौद्योगिकियों और डिज़ाइनों के व्यावसायीकरण के लिये भारत में एक कोरिया स्टार्ट-अप सेंटर (KSC) की स्थापना करेंगे।
  • कोरियाई ब्रॉडकास्टिंग सिस्टम (KBS) और प्रसार भारती ने दक्षिण कोरिया में डीडी इंडिया चैनल और भारत में KBS वर्ल्ड चैनल के प्रसारण की सुविधा देने पर सहमति व्यक्त की है।
  • भारत की सड़क और परिवहन अवसंरचना विकास परियोजनाओं में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने तथा सड़क और परिवहन के क्षेत्र में तकनीकी एवं संस्थागत ज्ञान विनिमय की सुविधा के लिये भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और कोरिया एक्सप्रेस-वे कॉर्पोरेशन के बीच एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किये गए।
  • दोनों पक्षों ने वर्ष 2010 से प्रभावी मुक्त व्यापार समझौता यानी व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीपा) को बढ़ाने के लिये वार्ता को गति देने पर सहमति व्यक्त की है। सीपा के तहत बाज़ार उदारीकरण पर ज़ोर देने के लिये अब तक सात दौर की बातचीत हो चुकी है।
  • दोनों नेताओं ने वर्ष 2030 तक व्यापार को दोगुना कर इसे 50 अरब डॉलर तक के अपने साझा लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये सहयोग करने का भी आश्वासन दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सियोल शांति पुरस्कार

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोरिया के दौरे के दूसरे दिन सियोल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मोदी ने पुरस्कार में मिली 1.30 करोड़ की रकम को नमामि गंगे प्रोजेक्ट के लिये देने की घोषणा की।
  • यह पुरस्कार पाने वाले वह 14वें व्यक्ति हैं। पिछली बार यह पुरस्कार संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान को दिया गया था।
  • यह पुरस्कार 1988 में सियोल ओलिंपिक के सफल आयोजन के बाद शुरू किया गया था।
  • जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल जैसी हस्तियाँ तथा डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स और ऑक्सफैम जैसे प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय राहत संगठन इस पुरस्कार को पाने वालों में शामिल हैं।

प्रधानमंत्री मोदी को क्यों दिया गया यह पुरस्कार?

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सियोल पुरस्कार समिति ने भारतीय और वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास में उनके योगदान को मान्यता देते हुए तथा अमीर और गरीब के बीच सामाजिक एवं आर्थिक विषमता को कम करने के लिये उनकी विशिष्ट आर्थिक नीतियाँ ‘मोदीनॉमिक्स’ को श्रेय देते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि, विश्व शांति, मानव विकास में सुधार और भारत में लोकतंत्र को मज़बूत करने के लिये उनके योगदान को देखते हुए सियोल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

भारत-कोरिया संबंध

  • भारत और दक्षिण कोरिया के बीच व्यापारिक एवं आर्थिक संबंधों के अलावा सामरिक संबंधों में ऐसा बदलाव आया है जिसे ऐतिहासिक कहा जा सकता है।
  • दक्षिण कोरिया ने भारत को अपना ‘विशेष रणनीतिक साझेदार’ घोषित किया है, वहीं इस बीच उसने भारत का दर्जा बढ़ाते हुए उसे अपने उन पारंपरिक सहयोगियों की सूची में भी शामिल कर लिया जिनमें केवल रूस, चीन, जापान और अमेरिका जैसे कुछ चुनिंदा देश ही हैं।
  • भारत की एक्ट ईस्ट पालिसी और कोरिया की न्यू साउदर्न पालिसी का तालमेल  विशेष रणनीतिक भागीदारी (Special Strategic Partnership) को और अधिक गहराई तथा मज़बूती देने का सशक्त प्लेटफार्म प्रदान कर रहा है।
  • दोनों देशों ने अपने संबंधों में महत्त्वपूर्ण प्रगति की है। यह प्रगति और भविष्य में संबंधों का रोडमैप, नागरिक शांति और समृद्धि के साझा विज़न पर आधारित है।
  • दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश बढ़ रहा है। दोनों देशों ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ा कर 50 बिलियन डॉलर तक ले जाने के लक्ष्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है।
  • दोनों देश इंफ्रास्ट्रक्चर, पोर्ट डेवलपमेंट, मरीन और फ़ूड प्रोसेसिंग स्टार्ट-अप और स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज जैसे क्षेत्रों में अपना सहयोग बढ़ाने पर सहमत हैं।
  • दोनों देशों के बीच बढ़ती सामरिक साझेदारी में रक्षा क्षेत्र की अहम भूमिका है। इसका एक उदाहरण भारतीय थल सेना में K-9 "वज्र” आर्टिलरी गन के शामिल होने के रूप में देखा जा सकता है।

स्रोत : पी.आई.बी.