प्रीलिम्स फैक्ट्स : 30 नवंबर, 2017 | 30 Nov 2017

अंतर्राष्ट्रीय सामुद्रिक संगठन

हाल ही में जॉर्जिया के स्थायी प्रतिनिधि तामार बरुचेशविली (Tamar Beruchashvili) को अंतर्राष्ट्रीय समुद्रिक संगठन (International Maritime Organization - IMO) के उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया है। 

प्रमुख बिंदु

  • यह संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी जो जहाज की सुरक्षा और बचाव तथा जहाजों के कारण फैलने वाले समुद्री प्रदूषण से रोकथाम के लिये उत्तरदायी है।
  • इसमें 171 सदस्य राज्य और तीन सहयोगी सदस्य हैं।
  • आई.एम.ओ. का प्राथमिक उद्देश्य शिपिंग और इसके प्रेषण के लिये एक व्यापक नियामक ढाँचे का विकास और रखरखाव करना है > इसके अंतर्गत सुरक्षा, पर्यावरणीय चिंताएं, कानूनी मामलें, तकनीकी सहयोग, समुद्री सुरक्षा और नौवहन की दक्षता जैसे मुद्दों को शामिल किया गया है।
  • आई.एम.ओ. की संरचना में एक विधानसभा, परिषद, समुद्री सुरक्षा समिति, समुद्री पर्यावरण संरक्षण समिति, कानूनी समिति, तकनीकी सहयोग समिति और सचिवालय शामिल है।
  • आई.एम.ओ. द्वारा अपने उद्देश्यों की प्राप्ति तथा अंतर्राष्ट्रीय सामुद्रिक संधियों की रुपरेखा तय करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय सामुद्रिक सम्मेलनों का भी आयोजन किया जाता है
  • वस्तुतः यह सामुद्रिक मामलों को विनियमित करने वाली अंतर्राष्ट्रीय संधियों को लागू करने के संदर्भ में एक अधिकरण के रूप में कार्य करता है 

एशिया और प्रशांत महासागर के लिये संयुक्त राष्ट्र का आर्थिक और सामाजिक आयोग

एशिया और प्रशांत महासागर के लिये संयुक्त राष्ट्र का आर्थिक और सामाजिक आयोग (Economic and Social Commission for Asia and the Pacific  - ESCAP) एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिये संयुक्त राष्ट्र की एक क्षेत्रीय विकास शाखा है।

प्रमुख बिंदु

  • यह 53 सदस्य देशों और 9 एसोसिएट सदस्यों से बना एक आयोग है .
  • इसका अधिकार क्षेत्र पश्चिम में तुर्की से पूर्व में किरिबाती तक और दक्षिण में न्यूजीलैंड से उत्तरी क्षेत्र में रूसी संघ तक फैला हुआ है .
  • यही कारण है कि ई.एस.सी.ए.पी. संयुक्त राष्ट्र के पांच क्षेत्रीय कमीशनों में सबसे व्यापक होने के साथ-साथ 600 से अधिक कर्मचारियों के साथ एशिया-प्रशांत क्षेत्र की संयुक्त राष्ट्र की सबसे बड़ी संस्था है।
  • इसकी स्थापना 1947 में की गई थी . इसका मुख्यालय थाईलैंड के बैंकॉक शहर में है. 
  • ई.एस.सी.ए.पी. सदस्यीय राज्यों हेतु परिणामोन्मुखी परियोजनाएँ विकसित करने, तकनीकी सहायता प्रदान करने और क्षमता निर्माण जैसे महत्त्वपूर्ण पक्षों के संबंध में कार्य करता है।