प्रीलिम्स फैक्ट्स : 30 अगस्त, 2018 | 30 Aug 2018

अरनमुला नौका दौड़

  • केरल में हालिया बाढ़ के कारण नौका दौड़ ‘अरनमुला वल्ल्मकली’ बिना किसी उत्सव के ही आयोजित की गई। पिछले 50 वर्षों में ऐसा पहली बार है जब प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाले इस नौका दौड़ का आयोजन बिना किसी उत्सव के ही किया गया है।
  • अरनमुला नौका दौड़ केरल की सबसे पुराना नदी नाव त्योहार है, जो ओणम (अगस्त-सितंबर) के दौरान आयोजित किया जाता है।
  • यह केरल के पथनमथित्ता (Pathanamthitta) ज़िले में पाम्पा नदी में श्री कृष्ण और अर्जुन को समर्पित पार्थसारथी नामक हिंदू मंदिर के समीप मनाया जाता है।
  • इस त्योहार में गायन करते हुए और दर्शकों के शोर-शराबे के बीच साँप की आकृति वाली नौकाओं को जोड़े में दौड़ाया जाता है। 

स्मार्ट इंडिया हैकथॉन

  • केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने नई दिल्ली में विश्व के सबसे बड़े ओपन इनोवेशन मॉडल के तृतीय संस्करण – ‘स्मार्ट इंडिया हैकथॉन -2019’ का शुभारंभ किया। 
  • एसआईएच-2019 जीवन में आने वाली कुछ गंभीर समस्याओं के समाधान के लिये छात्रों को मंच मुहैया करवाने हेतु एक राष्ट्रव्यापी पहल है। इससे नवाचार की संस्कृति तथा समस्या समाधान की मानसिकता विकसित होती है। 
  • स्मार्ट इंडिया हैकथॉन मानव संसाधन विकास मंत्रालय, ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE), पर्सिस्टेंट सिस्टम्स और इंटर इंस्टीट्यूशनल इनक्लूसिव इनोवेशन सेंटर (I4 C) की एक पहल है।
  • IISCs, IITs, NITs और AICTE/UGC से अनुमोदन प्राप्त संस्थानों के विद्यार्थियों को समस्या समाधान की सृजनात्मक प्रतिस्पर्द्धा में भाग तथा तकनीकी समाधान प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा।
  • इसमें पहली बार उद्योगों एवं गैर-सरकारी संगठनों के समस्या-विवरण भी शामिल किये जाएंगे।
  • स्मार्ट इंडिया हैकथॉन-2019 के दो उप संस्करण होंगे –
    ♦  सॉफ्टवेयर संस्करण (36 घंटे का सॉफ्टवेयर उत्पाद  विकास प्रतिस्पर्द्धा) तथा
    ♦  हार्डवेयर संस्करण (5 दिन की लंबी अवधि की हार्डवेयर उत्पाद विकास प्रतिस्पर्द्धा)  

इससे पूर्व दो संस्करणों का आयोजन वर्ष 2016 और 2017 में किया गया था।

ओपन इनोवेशन मॉडल

यह  एक ऐसा तरीका है जिसके अंतर्गत किसी संगठन से संबंधित समस्या का समाधान ढूंढने का प्रयास ज्ञान और कर्मचारियों तथा विशेषज्ञों के अपने सामान्य आंतरिक पूल से परे विशेषज्ञता के दोहन के माध्यम से किया जाता है। यह नई प्रौद्योगिकियों के विकास के लिये बाहरी पूल के साथ आंतरिक पूल को जोड़ने हेतु एक ढाँचा प्रदान करता है।

‘डॉ. अम्बेडकर राष्ट्रीय मेधा पुरस्कार-2017’ 

  • सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अधीन डॉ. अम्बेडकर फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के मधावी छात्रों को डॉ. अम्बेडकर राष्ट्रीय मेधा पुरस्कार प्रदान किये गए।
  • डॉ. अम्बेडकर फाउंडेशन की स्थापना 24 मार्च, 1992 में की गई थी और केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री इसके अध्यक्ष हैं।
  • पुरस्कार योजना वर्ष 2002-03 में शुरू की गई थी और डॉ. अम्बेडकर फाउंडेशन दसवीं कक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने वाले अनुजाति जाति/अनुसूचित जनजाति के छात्रों की पहचान करता है।
  • फाउंडेशन 12वीं कक्षा के सभी विषयों यथा- विज्ञान, मानविकी, वाणिज्य में बेहतर प्रदर्शन करने वाले अनुसूचित जाति के छात्रों का चयन करता है।
  • योजना के तहत मेधा प्रमाण पत्र, डॉ. अम्बेडकर पर किताबें और भारतीय संविधान की एक प्रति के अलावा अपने-अपने वर्ग में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान हासिल करने वाले छात्रों को क्रमश: 60,000, 50,000 और 40,000 रुपए की नकद राशि दी जाती है।
  • इस मेधा पुरस्कार योजना के लिये योग्यता मानदंड निम्नलिखित हैं:
    1. दसवीं कक्षा के लिये छात्रों का अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से होना आवश्यक।
    2. बारहवीं कक्षा के लिये छात्रों का सिर्फ अनुसूचित जाति श्रेणी से होना ज़रूरी।

प्रगति
(PRAGATI - Pro-Active Governance and Timely Implementation)

  • यह एक मंच है जो प्रधानमंत्री को संबंधित केंद्रीय और राज्य के अधिकारियों के साथ मुद्दों पर पूरी जानकारी के साथ चर्चा करने में सक्षम बनाता है।
  • इसे 2015 में लॉन्च किया गया था और प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) की मदद से डिज़ाइन किया गया है।
  • यह एक तीन-स्तरीय प्रणाली है (पीएमओ, केंद्र सरकार के सचिव और राज्यों के मुख्य सचिव)।
  • प्रगति के तीन उद्देश्य हैं:
    ♦  शिकायत निवारण
    ♦  कार्यक्रम कार्यान्वयन
    ♦  परियोजना निगरानी
  • प्रगति मंच अद्वितीय रूप से तीन नवीनतम प्रौद्योगिकियों को एक साथ लाता है: डिजिटल डेटा प्रबंधन, वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग और भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी।
  • यह सहकारी संघवाद को बढ़ावा देता है क्योंकि यह भारत सरकार के सचिवों और राज्यों के मुख्य सचिवों को एक मंच पर लाता है।
  • हालाँकि, राज्य के राजनीतिक अधिकारियों को शामिल किये बिना राज्य सचिवों के साथ प्रधानमंत्री की सीधी बातचीत राज्य की राजनीतिक कार्यकारी को कमज़ोर कर रही है। इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि यह पीएमओ जैसे संवैधानेतर कार्यालय में शक्ति के संकेद्रण का कारण बन रहा है।
  • प्रमुख हितधारकों के बीच वास्तविक समय की उपस्थिति और विनिमय के साथ यह ई-पारदर्शिता और ई-जवाबदेही लाने के लिये एक मज़बूत प्रणाली है।

यह ई-शासन और सुशासन में एक अभिनव परियोजना है।

  • यह हर महीने चौथे बुधवार को 3.30 बजे आयोजित होता है और प्रगाति दिवस के रूप में जाना जाता है।