प्रीलिम्स फैक्ट्स : 25 अक्टूबर, 2018 | 25 Oct 2018

सियोल शांति पुरस्कार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अंतर्राष्‍ट्रीय सहयोग और वैश्विक आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, आर्थिक विकास को गति देकर देश के लोगों के जीवन स्‍तर को सुधारने, भ्रष्‍टाचार निरोधक उपायों व सामाजिक एकता के प्रयासों के ज़रिये देश में लोकतंत्र को मज़बूत बनाने के लिये 2018 के सियोल शांति पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया जाएगा।
  • सियोल शांति पुरस्‍कार समिति ने यह सम्‍मान प्रदान करने के लिये प्रधानमंत्री के नाम का चयन किया है।
  • समिति ने 'मोदी सिद्धांत' और एक्‍ट ईस्‍ट पॉलिसी' के माध्‍यम से दुनिया भर के देशों के साथ एक सक्रिय विदेश नीति के ज़रिये क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के प्रति उनके योगदान को भी स्‍वीकार किया है।
  • यह पुरस्कार प्राप्‍त करने वाले नरेंद्र मोदी 14वें व्‍यक्ति हैं।
पृष्‍ठभूमि
  • सियोल शांति पुरस्‍कार की शुरुआत 1990 में कोरिया गणराज्‍य में 24वें ओलंपिक खेलों के सफल आयोजन के उपलक्ष्‍य में की गई थी। इन खेलों में दुनिया भर के 160 देशों के खिलाडि़यों ने भाग लेते हुए सद्भाव, मित्रता, शांति और आपसी मेल-मिलाप के विश्वव्यापी माहौल का निर्माण किया।
  • यह पुरस्‍कार कोरियाई लोगों की देश और दुनिया में शांति बनाए रखने की इच्‍छा का प्रतीक है।
  • यह पुरस्‍कार मानवता के कल्‍याण और विश्व शांति के प्रयास में योगदान देने वाले व्‍यक्तियों को प्रत्‍येक दो वर्ष में एक बार दिया जाता है।
'मैं नहीं हम’ पोर्टल और एप
  • 24 अक्तूबर, 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में 'मैं नहीं हम' पोर्टल और एप लॉन्च किया। 'मैं नहीं हम' पोर्टल 'सेल्फ4सोसाइटी' की थीम पर काम करेगा।
  • यह पोर्टल आईटी क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों और संगठनों को सामाजिक सरोकारों और समाज सेवा से जुड़े उनके प्रयासों को एक साथ लाने के लिये मंच प्रदान करेगा।
  • इसके माध्‍यम से प्रौद्योगिकी का लाभ समाज के कमज़ोर तबके तक पहुँचाने के लिये परस्‍पर सहयोग के प्रयासों में तेज़ी लाई जा सकेगी।
  • पोर्टल के ज़रिए समाज की बेहतरी के लिये काम करने के इच्‍छुक लोगों की व्‍यापक सहभागिता को भी बढ़ावा दिया जा सकेगा।

PBW-343 नामक गेहूँ की किस्म

पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी (पीएयू) ने PBW-343 नामक गेहूँ की किस्म को एक नए रूप में लॉन्च किया है, जिसमें दो जोड़ी पत्ते और पीला जंग (rust, यह पौधों में होने वाली एक फंगल बीमारी है जिसके परिणामस्वरूप पौधों में लाल या भूरे रंग के चकते हो जाते हैं), प्रतिरोधीजीन - Lr37/Yr17 and Lr76/Yr70 शामिल हैं। गेहूँ की इस नई किस्म को PBW-343 Unnat नाम दिया गया है।
  • PBW-343 को तैयार करने की इस पूरी प्रक्रिया को मार्कर-समर्थित चयन (marker-assisted selection) नामक बायोटेक्नोलॉजी आधारित पौधा प्रजनन (plant breeding) तकनीक द्वारा संपन्न किया गया है। यह गेहूँ अपनी तरह की पहली ऐसी विकसित किस्म है।
  • PBW-343, अंतर्राष्ट्रीय मक्का और गेहूँ सुधार केंद्र या मेक्सिको में CIMMYT  में उत्पादित गेहूँ की 'वेरी' लाइनों पर आधारित है, नब्बे के दशक के मध्य से पिछले दशक तक यह प्रजाति भारतीय किसानों के बीच लोकप्रिय थी। लेकिन वर्ष 2007 में बड़े स्तर पर फसल को नुकसान पहुँचने के कारण किसानों का रुझान इस ओर कम हो गया।
  • लेकिन, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा 2011-12 और 2013-14 में क्रमशः विकसित HD-2967 और  HD-3086  के लॉन्च होने के बाद PBW-343 फिर से चर्चा का विषय बन गया है।
  • HD-2967 किस्म का इस्तेमाल करने से किसान प्रति एकड़ 21 क्विंटल गेहूँ का उत्पादन कर सकता है, लेकिन इसके साथ समस्या यह है कि यह पीले और भूरे रंग के धब्बों/चकतों के लिये अतिसंवेदनशील है। इसी प्रकार HD-3086 भी  ब्राउन rust के मामले में कमज़ोर साबित होता है, लेकिन यह अभी भी उपज के मामले में किसानों को सर्वोत्तम परिणाम दे रहा है। इस क्रम में PBW-343 Unnat के सफल होने की संभावनाएँ काफी है।
  • ‘उन्नत’ प्रारंभिक गेहूँ की एक किस्म है, जो एचडी -2967 की तरह अक्तूबर के चौथे सप्ताह से नवंबर के चौथे सप्ताह में 155 दिनों की परिपक्वता अवधि के साथ बोई जा सकती है। परीक्षण के अनुसार उन्नत की औसत उपज प्रति एकड़ 23.2 क्विंटल होने का अनुमान है।
अंडर-16 स्नूकर वर्ल्ड चैंपियनशिप

30 सितंबर से 6 अक्तूबर, 2018 तक रूस के सेंटपीटर्सबर्ग में अंडर-16 स्नूकर वर्ल्ड चैंपियनशिप का आयोजन किया गया। 
  • महिला वर्ग में भारत की कीर्थना पांडियन और पुरुष वर्ग में बेल्जियम के बेन मार्टेंस ने अंडर-16 स्नूकर वर्ल्ड चैंपियनशिप का ख़िताब जीता।
  • भारत की कीर्थना पांडियन के लिये यह पहला अंतर्राष्ट्रीय खिताब है। कीर्थना ने फाइनल में बेलारूस की अल्बिना लेस्चुक को 3-1 से हराकर यह खिताब जीता।
  • बेन ने फाइनल मुकाबले में आयरलैंड के आरोन हिल को 4-3 से हराकर यह खिताब जीता।