प्रीलिम्स फैक्ट्स: 09 अगस्त, 2018 | 09 Aug 2018

‘निर्यात मित्र’ मोबाइल एप

  • केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग तथा नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने नई दिल्ली में‘निर्यात मित्र’ मोबाइल एप जारी किया।
  • भारतीय निर्यातक महासंघ (एफआईईओ) द्वारा विकसित यह एप एंड्राइड और आईओसी प्लेटफॉर्म वाले सभी मोबाइल फोन पर उपलब्ध है।
  • इसके जरिये अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से संबंधित सभी नियमों और व्यवस्थाओं की जानकारी हासिल की जा सकती है।
  • इसमें आयात-निर्यात से जुड़ी नीतियाँ, जीएसटी की दरें, निर्यात के लिये मिलने वाली रियायतें, शुल्क तथा बाज़ारों तक पहुँचने के लिये आवश्यक निर्देश शामिल हैं।
  • इसमें 87 देशों के डाटा को शामिल किया गया है।
  • इसकी सबसे प्रमुख विशेषता यह है कि इसमें टैरिफ से जुड़ी सभी जानकारियाँ उपलब्ध हैं।

हरिवंश नारायण सिंह राज्यसभा के उपसभापति पद हेतु निर्वाचित

  • राज्यसभा उपसभापति पद के लिये हुए चुनाव में एनडीए उम्मीदवार हरिवंश नारायण सिंह को जीत मिली है।
  • हरिवंश के नाम हेतु जदयू के आर.सी.पी. सिंह, भाजपा के अमित शाह, शिव सेना के संजय राउत और अकाली दल के सुखदेव सिंह ढींढसा ने प्रस्ताव किया था।
  • प्रस्तुत प्रस्तावों पर मत विभाजन के बाद सभापति नायडू ने हरिवंश को उपसभापति निर्वाचित घोषित किया।
  • उल्लेखनीय है कि कॉंन्ग्रेस सदस्य पी.जे. कुरियन के पिछले महीने सेवानिवृत्त होने के बाद उपसभापति का पद खाली हुआ था। 

कंचनजंगा बायोस्फीयर रिज़र्व यूनेस्को की वैश्विक सूची में शामिल

  • भारत के कंचनजंगा बायोस्फीयर रिज़र्व को दुनिया के उच्चतम पारिस्थितिक तंत्रों में से एक यूनेस्को की विश्व नेटवर्क ऑफ बायोस्फीयर रिज़र्व(डब्ल्यूएनबीआर)की सूची में जोड़ा गया है।
  • सिक्किम में स्थित कंचनजंगा बायोस्फीयर रिज़र्व एक राष्ट्रीय उद्यान भी है।
  • यूनेस्को ने अपने 30वें सत्र में विश्व नेटवर्क ऑफ बायोस्फीयर रिज़र्व में शामिल करने के लिये कंचनजंगा बायोस्फीयर रिज़र्व को नामित किया था, यह सत्र इंडोनेशिया के पालेम्बैंग में 23-27 जुलाई, 2018 को आयोजित किया गया था।
  • इस सूची में शामिल अन्य भारतीय जैवमंडल आरक्षित क्षेत्रों में नीलगिरी, मन्नार की खाड़ी, सुंदरबन, नंदादेवी, नोकरेक, पंचमढ़ी, सिमलीपाल, अंचनकमार-अमरकंटक, ग्रेट निकोबार और अगस्त्यमाला हैं।
  • उल्लेखनीय है कि कंचनजंगा बायोस्फीयर रिज़र्व भारत का 11वाँ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नामित डब्लूएनबीआर होगा।
  • भारत में कुल 18 जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र हैं, जिनमें से 11 को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर डब्ल्यूएनबीआर हेतु नामित किया गया है।