प्रीलिम्स फैक्ट्स : 5 फरवरी, 2018 | 05 Feb 2018

सालनदी

केंद्र सरकार द्वारा गोवा के नवेलिन शहर में साल नदी के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिये नई परियोजना को मंजू़री दी गई। इस परियोजना को मंजू़री राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना के तहत पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा दी गई।

प्रमुख बिंदु

  • इसकी लागत 61.74 करोड़ रुपए होगी। केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा क्रमशः 60:40 के अनुपात के आधार पर इस लागत को साझा किया जाएगा।
  • इस परियोजना के तहत, लगभग 32 किमी. लंबाई की सीवर डाली जाएगी एवं 3 मिलियन लीटर प्रति दिन (एमएलडी) का सीवेज उपचार संयंत्र का निर्माण किया जाएगा।
  • इस परियोजना को जनवरी 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
  • इस परियोजना से नदी में प्रदूषण के बोझ को कम करने एवं इसकी जल गुणवत्ता को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
  • इसके अतिरिक्त, शहर के पर्यावरण एवं स्वच्छता में सुधार लाने में भी सहायता मिलेगी।

नोडल मंत्रालय

  • पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय इसका नोडल निकाय होगा।

पृष्ठभूमि

  • साल नदी भारत के गोवा के सल्केटे से बहने वाली नदी है।
  • यह नदी मारगाँव से निकलकर बेनौलिम (Benaulim), नावेली (Navelim), वार्सा (Varca), ओर्लिम (Orlim), कार्मोना (Carmona), डोरमापुर (Dramapur), चिंचोणें (Chinchinim), असोलणा (Assolna), केवलोसिम (Cavelossim), मोबोर (Mobor) नामक गाँवों से बहती हुई बेतुल के निकट अरब सागर में गिरती है।
  • नदी में बढ़ते प्रदूषण और कचरा फेंके जाने को लेकर बेनौलिम के स्थानीय निवासियों द्वारा वर्ष 2008 से सरकार से शिकायत की जा रही है।
  • कार्मोना के निवासियों द्वारा एक ग्रीनपीस समर्थित (⦁ Greenpeace petition) याचिका उत्थापित की गई है ताकि यहाँ बन रही एक "महा-आवासीय योजना" को रोका जा सके।
  • गोवा के वेलिम में साल नदी के समीप एक प्राकृतिक बंदरगाह 'कुतुबंध' अवस्थित है। 'कुतुबंध' का अर्थ होता है “छुपा हुआ”।
  • नौसेना द्वारा जहाज़ निर्माण के लिये इस बंदरगाह का उपयोग किया जाता है।

भारत कला मेला

भारत कला मेला (India Art Fair), भारत का एक कला मेला है, इसका आयोजन प्रतिवर्ष देश की राजधानी नई दिल्ली में किया जाता है। इसे पहले ‘इंडिया आर्ट समिट’ कहा जाता था। इसके अंतर्गत समसामयिक तथा आधुनिक भारतीय कलाओं का प्रदर्शन किया जाता है।

प्रमुख बिंदु

  • ललित कला अकादमी द्वारा 4 से 18 फरवरी, 2018 तक पहले अंतरराष्ट्रीय कला मेला का आयोजन किया जा रहा है। 
  • कला मेले के दौरान विभिन्न कला गतिविधियों और वर्कशॉप का आयोजन किया जाएगा, जिनमें दृश्यकला फिल्मोत्सव, पॉटरी/पटचित्र/पेपरमेशी वर्कशॉप, बेस्ट फ्रॉम वेस्ट वर्कशॉप, संगीतमय प्रस्तुतियाँ, डांस-ड्रामा, जेकिया, सीवेन्सी द्वारा वॉयलिन मेकिंग वर्कशॉप, आर्टिस्ट गपशप प्वॉइंट, नुक्कड़ नाटक और प्रत्यक्ष प्रस्तुतियों का भी आयोजन किया जाएगा। 
  • इस कार्यक्रम में 800 से अधिक कलाकार भाग ले रहे हैं। इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफल बनाने के लिये चीन, वेनेजुएला, पेरू, पुर्तगाल, श्रीलंका, पोलेंड, टयूनिशिया, मेक्सिको, बांग्लादेश, त्रिनिदाद, टोबेगो, फीजी, फ्राँस, पापुआ, न्यू गीनिया, चेकिया, यूके, स्पेन और ब्राज़ील सहित कई देश मेले में भाग ले रहे हैं। 

पृष्ठभूमि

  • देश में कला और कलात्मक प्रवृत्तियों के प्रचार-प्रसार एवं संरक्षण हेतु ललित कला अकादमी का गठन 5 अगस्त, 1954 को भारत सरकार ने किया था।
  • यह वैधानिक स्वायत्त निकाय है, जो सोसायटी के रूप में 1957 से पंजीकृत है। 
  • इस राष्ट्रीय कला अकादमी का लक्ष्य भारत की विविध प्राचीन, आधुनिक एवं समकालीन कला प्रवृत्तियों, कला विधाओं एवं कलाकृतियों का प्रचार, प्रसार, संरक्षण एवं नियोजन करना है।

विश्व कैंसर दिवस

विश्व के लोगों को कैंसर के खिलाफ़ लड़ाई लड़ने में एकजुट करने के लिये प्रतिवर्ष 4 फरवरी को ‘विश्व कैंसर दिवस’ मनाया जाता है। यह एक वैश्विक कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य कैंसर के विषय में जागरूकता बढ़ाना, आवश्यक जानकारियों का प्रसार करना तथा वैश्विक स्तर पर सरकारों और व्यक्तियों को इस विषय में कार्रवाई करने के लिये संवेदनशील बनाना है।

प्रमुख बिंदु 

  • विश्व कैंसर दिवस 2016-2018 की टैगलाइन “हम कर सकते हैं, मैं कर सकता हूँ” है।
  • इसके तहत कैंसर के वैश्विक बोझ को कम करने हेतु सामूहिक या व्यक्तिगत स्तर पर कोई व्यक्ति किस प्रकार अपनी भूमिका का निर्वाह कर सकता है, का उल्लेख किया गया है।
  • व्यक्तिगत, पारिवारिक एवं सामुदायिक स्तर पर कैंसर हर किसी को अलग-अलग तरीकों से प्रभावित करता है।
  • कैंसर के प्रभाव को कम करने के लिये सभी के पास सामर्थ्य है।
  • विश्व कैंसर दिवस की स्थापना 4 फरवरी, 2000 को पेरिस में न्यू मिलेनियम हेतु कैंसर के खिलाफ विश्व सम्मेलन में पेरिस चार्टर द्वारा की गई थी। 

कैंसर क्या है?

  • कैंसर अर्थात शरीर के भीतर कुछ कोशिकाओं का अनियंत्रित होकर बढ़ना।
  • अनुपचारित कैंसर आसपास के सामान्य ऊतकों या शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है तथा इसके कारण बहुत से गंभीर रोग, विकलांगता यहाँ तक की मृत्यु भी हो सकती है। 

कारण 

  • शारीरिक कैंसरकारी तत्त्व जैसे कि पराबैंगनी और आयनीकरण करने वाली विकिरण।
  • रासायनिक कैंसरकारी तत्त्व जैसे - ऐस्बेस्टस, तंबाकू, एफ्लोटॉक्सिन (दूषित आहार), और आर्सेनिक (दूषित पेयजल)।
  • जैविक कैंसरकारी तत्त्व जैसे - कुछ वायरस, बैक्टीरिया या हेपेटाइटिस बी और सी वायरस तथा मानव पेपिलोमावायरस (एचपीवी) जैसे- परजीवियों से होने वाला संक्रमण।
  • कैंसर के विकास का एक अन्य महत्त्वपूर्ण कारक वृद्धावस्था है।
  • तंबाकू और अल्कोहल का सेवन, अस्वास्थ्यकर आहार एवं शारीरिक निष्क्रियता ।

क्रिसिडेक्स (CriSidEx)

  • हाल ही में वित्त मंत्रालय द्वारा लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों के लिये क्रिसिडेक्स (CriSidEx) नामक भारत का पहला सेंटीमेंट (मनोभाव) इंडेक्स जारी किया गया है।
  • इसे क्रिसिल और सिडबी द्वारा संयुक्त रूप से विकसित गया है।
  • क्रिसिडेक्स एक सम्मिश्रित इंडेक्स है जिसे 8 अलग-अलग सूचकांकों को मिला कर तैयार किया गया है।
  • यह लघु एवं मध्यम क्षेत्र के बारे में व्यापारिक सोच को 0 (बिलकुल ही नकारात्मक) से 200 (पूर्ण रूप से सकारात्मक) के पैमाने पर मापता है।
  • नवंबर-दिसंबर 2017 में 1100 लघु एवं मध्यम इकाइयों से मिली जानकारी के आधार पर इन मानकों को तय किया गया था।
  • क्रिसिडेक्स में दो सूचकांक होंगे, एक उस 'तिमाही' के लिये होगा जिसमें कि सर्वेक्षण किया जाएगा जबकि दूसरा 'अगली तिमाही' के लिये होगा।
  • दूसरे सूचकांक को कई चरणों में सर्वे करने के बाद मिले आँकड़ों के आधार पर विकसित किया जाएगा जो कि समय निरपेक्ष श्रृंखला के आँकड़े मुहैया करायेगा।
  • क्रिसिडेक्स का एक अहम फायदा यह होगा कि इससे मिली जानकारी किसी संभावित कठिनाई और उत्पादन श्रृंखला में परिवर्तन के बारे में सूचना देगी जिससे बाज़ार की कार्यकुशलता बढ़ेगी।
  • इसके अलावा, आयातकों और निर्यातकों की सोच के बारे में जानकारी जुटाकर यह विदेशी व्यापार के बारे में कदम उठाने के लिये ज़रूरी संकेत भी मुहैया कराएगा।