प्रीलिम्स फैक्ट्स : 01 मई, 2018 | 01 May 2018

ओमान की चट्टानों में कार्बन खनिजीकरण (carbon mineralization)

हाल ही में वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि ओमान की चट्टानों में कार्बन खनिजीकरण(carbon mineralization) की प्रक्रिया तीव्र गति से हो रही है जो जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मददगार हो सकती है।

  • अरब प्रायद्वीप चट्टानों में स्थित ओमान की शुष्क विशाल चट्टानें  प्राकृतिक रूप से वायुमंडल की कार्बन डाइऑक्साइड के साथ प्रतिक्रिया करते हैं और इसे पत्थर में बदलते हैं।
  • इस प्राकृतिक प्रक्रिया को कार्बन खनिजीकरण कहा जाता है। 
  • कार्बोनेट से घिरे कंकड़ और कोयले के टुकड़े सामान्य बजरी को प्राकृतिक मोज़ेक में बदल रहे हैं।
  • कार्बन कैप्चरिंग फॉर्मेशन में पेरिडोटाइट नामक चट्टान मुख्य रूप से शामिल होता है जो समुद्री सागर से जुड़े टुकड़े होते हैं।
  • उत्तरी कैलिफ़ोर्निया, पापुआ न्यू गिनी और अल्बानिया में अन्य स्थानों पर भी पेरिडोटाइट की इसी प्रकार की छोटी मात्रा पाई जाती है। 

पश्चिमी घाट में सोनरीला (Sonerila) पादप की खोज

हाल ही में पश्चिमी घाट में विभिन्न प्रजातियों के पौधों की खोज की गई है। 

  • छह प्रजातियों में दो झाड़ियाँ, दो ब्लोसम मिंट परिवार (लैमियासी) से, जबकि एक जड़ी बूटी कॉफ़ी परिवार (रूबियासी) से संबंधित है और एक फूल पौधा सोनरीला (10 सेमी लंबा) की खोज की गई है।
  • कोझिकोड इस नई ब्लोसम सोनरिलस प्रजाति का घर है जहाँ यह कक्कयम के सदाबहार जंगल में गीली, चट्टानी सतहों से पाई गई है।
  • इस  पुष्पीय पौधे की प्रजाति आमतौर पर उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाई जाती है।
  • कुछ सोनरिलस को सजावटी पौधों के रूप में भी जाना जाता है।
  • सोनरीला लेटरिटिका (Sonerila lateritica) चट्टानों में उगने वाली जंगली जड़ी-बूटी है जिसे  केरल के कोझिकोड ज़िले के पोंकुनु की पार्श्व पहाड़ियों में खोजा गया है। 

स्पेसक्राफ्ट इनसाइट 

हाल ही में अमेरिका के पश्चिमी तट से नासा पहला स्पेसक्राफ्ट इनसाइट लॉन्च करेगी।

  • स्पेसक्राफ्ट इनसाइट को कैलिफोर्निया के वांडेनबर्ग वायुसैनिक अड्डे के कॉम्लेक्स-3 नामक स्पेसलॉन्च से छोड़ा जाएगा।
  • इस स्पेसक्राफ्ट का मुख्य उद्देश्य मंगल पर भूकंप और ताप की जाँच करना है, अर्थात् यह मंगल की गहन आतंरिक संरचना का अध्ययन करेगा।
  • यह स्पेसक्राफ्ट किसी अन्य ग्रह पर भूकंप को मापने के लिये बनाए गए यन्त्र को मंगल ग्रह पर प्रतिस्थापित करेगा जिसके माध्यम से मंगल ग्रह पर आने वाले भूकंप से उत्त्पन्न होने वाली सिस्मिक तरंगों के उपयोग से ग्रह के आतंरिक नक़्शे बनाने में मदद मिलेगी।
  • गौरतलब है कि यह पश्चिमी तट से लॉन्च किया जाने वाला पहला मिशन है। अब तक अमेरिका के पूर्वी तट पर स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर (फ्लोरिडा) से ही अधिकांश इंटरप्लेनेट्री मिशन लॉन्च किये जाते थे।
  • इसके साथ ही यह क्यूबसेट तकनीक पर आधारित पहला अंतरिक्ष परीक्षण होगा।
  • इसके माध्यम से भविष्य के मिशनों हेतु संचार और नौवहन क्षमताओं को जाँचा जा सकेगा।