प्रधानमंत्री एलपीजी पंचायत | 25 Sep 2017

चर्चा में क्यों?

  • प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत 3 करोड़ गैस कनेक्शन वितरित किये गए थे, जिनमें से एक करोड़ से अधिक मामले ऐसे हैं, जहाँ एक साल से अधिक समय बीत जाने के बावज़ूद लोगों ने दूसरा सिलेंडर नहीं लिया है।
  • ऐसे में एलपीजी का उपयोग बढ़ाने के लिये सरकार देश भर में एक लाख एलपीजी पंचायतों का आयोजन करने जा रही है।

एलपीजी पंचायत की ज़रूरत क्यों?

  • देश के लगभग 21 करोड़ परिवार एलपीजी का उपभोग कर रहे हैं। शहरों में करीब सौ फीसदी तो गाँवों में 51 फीसदी परिवार एलपीजी का उपभोग कर रहे हैं।
  • हालाँकि, उज्जवला योजना के तहत दिये गए 3 करोड़ कनेक्शनों में से 35 फीसदी परिवारों ने अभी तक दूसरा गैस सिलिंडर नहीं लिया।
  • दरअसल, पेट्रोलियम मंत्रालय भी चाहता है कि देश के सभी परिवारों को एलपीजी से लैस किया जाए, ताकि ईंधन पर निर्भरता कम हो तथा महिलाओं का स्वास्थ्य बेहतर हो।
  • सरकार चाहती है कि उज्जवला योजना के तहत वर्ष 2019 तक गैस कनेक्शनों की संख्या 5 करोड तक पहुँचाई जाए| इसलिये पहली बार गैस का उपभोग कर रहे परिवारों में एलपीजी उपभोग के प्रति जागरुकता लाने के लिये देश भर में एक लाख प्रधानमंत्री एलपीजी पंचायतों का आयोजन किया जाएगा।

क्यों महत्त्वपूर्ण है एलपीजी पंचायत?

  • प्रधानमंत्री एलपीजी पंचायत, उज्ज्वला योजना की सफलता को नया आयाम देने में सफल रहेगी। इसके तहत महिलाओं के बीच जाकर पंचायतों का आयोजन करना है।
  • इन पंचायतों में हर क्षेत्र में काम कर रही महिलाओं की मदद भी ली जाएगी। इसमें आंगनबाडी, समाजसेवा, राजनीति के क्षेत्र में काम करने वाली महिलाएँ भी शामिल होंगी।
  • एलपीजी पंचायतों के ज़रिये देश के दूर-दराज़ के क्षेत्रों में भी जागरुकता बढ़ाने में मदद मिलेगी कि एलपीजी उनके द्वारा उपयोग में लाए जा रहे पारंपरिक उर्जा से सस्ता भी है और स्वच्छ भी।
  • एलपीजी पंचायतों में यह बताया जाएगा कि एलपीजी का इस्तेमाल न सिर्फ सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिये बेहतर है, बल्कि आस-पास के पर्यावरण को भी स्वच्छ रखने में मददगार होता है।
  • उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का मुख्य उद्देश्य अशुद्ध ईंधन पर खाना बनाने की वज़ह से होने वाली मृत्यु-दर में कमी लाना और अशुद्ध ईंधन के जलने की वज़ह से बढ़ रहे वायु प्रदूषण को कम करना है।