संयुक्त राज्य अमेरिका में पोस्टल वोटिंग | 15 Sep 2020

प्रिलिम्स के लिये:

जनप्रतिनिधित्त्व अधिनियम, 1951  

मेन्स के लिये:

COVID-19 और पोस्टल वोटिंग

चर्चा में क्यों?

COVID-19 महामारी के बीच नवंबर, 2020 में यूएसए राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनज़र संयुक्त राज्य अमेरिका में कई राज्य पोस्टल वोटिंग विकल्पों को अधिक आसानी से सुलभ बनाने का प्रयास कर रहे हैं।

प्रमुख बिंदु:

  • संयुक्त राज्य अमेरिका में चुनाव:
    • संयुक्त राज्य अमेरिका में सभी चुनाव (संघीय, राज्य एवं स्थानीय) सीधे व्यक्तिगत राज्यों की सरकारों द्वारा आयोजित कराए जाते हैं। 
    • भारत के विपरीत संयुक्त राज्य अमेरिका में राष्ट्रीय (संघीय) स्तर पर चुनाव कराने के लिये सरकार से स्वतंत्र कोई चुनाव आयोग नहीं है।
    • संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान एवं कानून राज्यों को इस बात का व्यापक अनुदान देते हैं कि वे चुनाव कैसे कराते हैं, इसके परिणामस्वरूप देशभर में अलग-अलग नियम हैं।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका में पोस्टल वोटिंग:
    • संयुक्त राज्य अमेरिका का प्रत्येक राज्य पोस्टल वोटिंग की अनुमति देता है किंतु उनके पास इसके लिये अलग-अलग नियम हैं।
    • कुछ राज्यों में मतदाताओं को अनुपस्थिति मतपत्र (Absentee Ballots) प्रदान किये जाते हैं यदि वे इस बात का कारण बताते हैं कि वे चुनाव के दिन व्यक्तिगत रूप से उपस्थित क्यों नहीं हो सकते।
      • अनुपस्थित मतदान (Absentee Voting) व्यक्ति को ई-मेल द्वारा मतदान करने की अनुमति देता है।
    • हालाँकि कुछ राज्यों में ‘नो-एक्सक्यूज़ एब्सेंटी वोटिंग’ (No-excuse Absentee Voting) है जहाँ मतदाताओं को कारण बताए बिना ही अनुपस्थिति मतपत्र मिल सकता है।
    • कुछ राज्यों में ‘वोट-बाई-मेल’ (Vote-by-Mail) सुविधाएँ भी हैं जहाँ हर पंजीकृत मतदाता को बिना अनुरोध के मतपत्र भेजा जाता है।
    • वर्ष 2016 में संयुक्त राज्य अमेरिका में डाक मतपत्रों के माध्यम से लगभग 24% मतदान हुआ था। वर्ष 2020 में इस अनुपात में काफी वृद्धि होने की संभावना जताई जा रही है।
  • मुद्दा:
    • डोनाल्ड ट्रंप एवं उनके समर्थकों का आरोप है कि नवंबर, 2020 के संयुक्त राज्य अमेरिका के चुनावों में पोस्टल वोटिंग के विस्तार से अनाचार बढ़ेगा।
    • हालाँकि डेमोक्रेट एवं रिपब्लिकन पार्टी का एक वर्ग ट्रंप के आरोपों से असहमत है, उन्होंने कहा कि वह जानबूझकर डाक मतदान को बाधित कर रहे हैं।

भारत में पोस्टल वोटिंग:

  • भारत में पोस्टल बैलट की शुरुआत भारत सरकार द्वारा 21 अक्तूबर, 2016 को निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 के नियम 23 में संशोधन करके की गई थी।
  • भारत में मतपत्रों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से मतदाताओं को वितरित किया जाता है, जिन्हें चुनाव अधिकारियों को डाक के माध्यम से लौटा दिया जाता है।
  • वर्तमान में निम्नलिखित मतदाताओं को डाक मतपत्र के माध्यम से वोट डालने की अनुमति है:
    • सशस्त्र बलों के कर्मचारी
    • देश के बाहर कार्यरत अधिकारी
    • चुनावी कार्यों में कार्यरत अधिकारी
    • सेना अधिनियम, 1950 के तहत आने वाले सभी बल
  • भारत में चुनावों का आयोजन कराने संबंधी सभी मामले जन प्रतिनिधित्व कानून, 1951 के प्रावधानों के तहत आते हैं।

आगे की राह: 

  • संयुक्त राज्य अमेरिका में मतदान के लिये गहन निगरानी के तहत डाक मतदान का आयोजन किया जा सकता है ताकि मतदान में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो। हालाँकि गहन निगरानी नियमों को इस तथ्य पर विचार करते हुए पेश किया जाना चाहिये कि यह अल्पसंख्यक एवं कम शिक्षित आबादी के लिये भी हितकर हो।

स्रोत: द हिंदू