आपदा पश्चात् आवश्यकता मूल्यांकन | 28 Sep 2019

चर्चा में क्यों?

हाल ही में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (National Institute of Disaster Management- NIDM) ने आपदा पश्चात आवश्यकता मूल्यांकन (Post Disaster Needs Assessment- PDNA) पर एक-दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला (Workshop) का आयोजन किया।

संदर्भ:

  • हाल ही में NIDM ने राष्ट्रीय चक्रवात जोखिम शमन परियोजना (National Cyclone Risk Mitigation Project- NCRMP) के तहत PDNA हेतु वैज्ञानिक उपकरण विकसित करने के लिये एक अध्ययन प्रारंभ किया है।
  • इस कार्यशाला का ध्येय सभी संबंधित हितधारकों तक अध्ययन के परिणाम दस्तावेजों (Outcome Documents) को प्रसारित करना है ताकि आपदा-पश्चात् चरण में गृह मंत्रालय को प्रस्तुत करने के लिये ज्ञापन तैयार करते समय उनका उपयोग संदर्भ दस्तावेज के रूप में किया जा सके।

आपदा पश्चात आवश्यकता मूल्यांकन के बारे में:

  • PDNA का विकास संयुक्त राष्ट्र विकास समूह, विश्व बैंक और यूरोपीय संघ द्वारा आपदा के बाद की परिस्थितियों में सामान्य मूल्यांकन और रिकवरी योजना को विकसित करने तथा उसका उपयोग करने हेतु किया गया है।
  • PDNA सरकार द्वारा संचालित और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों, विश्व बैंक तथा यूरोपीय संघ द्वारा समर्थित एक कार्यक्रम है।
  • ये आकलन सरकारों और अन्य हितधारकों को भूकंप, चक्रवात, बाढ़ और सूखे के बाद रिकवरी हेतु योजनाओं को विकसित करने और आवश्यक संसाधनों का आवंटन करने के लिये आधार तैयार करते हैं।
  • संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (United Nations Development Programme- UNDP) PDNA विशेषज्ञों का एक रोस्टर भी रखता है जो किसी आपदा के बाद के आकलन में सहायता के लिये तैनात किये जाते हैं। साथ ही इस महत्त्वपूर्ण उपकरण को व्यापक स्तर पर लागू करने के ध्येय से UNDP वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है।
  • PDNA एक समग्र रिकवरी कार्यक्रम विकसित करने की दिशा में पहला कदम है जो न्यायसंगतता और समावेश को बढ़ावा देता है।

PDNA

आपदा पश्चात आवश्यकता मूल्यांकन के मूल तत्त्व:

  • आपदा-पूर्व संदर्भ और आधारभूत जानकारी।
  • आपदाओं का आकलन।
  • आपदा प्रभावों का आकलन।
  • रिकवरी रणनीति के तहत सेक्टर रिकवरी (Sector Recovery) की जरूरतों का निर्धारण।

राष्ट्रीय चक्रवात जोखिम शमन परियोजना

(National Cyclone Risk Mitigation Project- NCRMP)

  • गृह-मंत्रालय के तत्त्वावधान में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (National Disaster Management Authority- NDMA) द्वारा संबंधित राज्य सरकारों और NIDM के समन्वय से इस परियोजना को कार्यान्वित किया जाता है।
  • राष्ट्रीय चक्रवात जोखिम शमन परियोजना को विश्व बैंक से प्राप्त वित्तीय सहायता के साथ लागू किया जाता है।
  • इसके अंतर्गत चार प्रमुख घटकों को समाहित किया गया है:
    • घटक A: चक्रवात की चेतावनी और सलाह प्रदान करने हेतु अंतिम मील कनेक्टिविटी (Last Mile Connectivity-LMC) को मजबूत करके प्रारंभिक चेतावनी प्रसार प्रणाली में सुधार।
    • घटक B: चक्रवात जोखिम शमन हेतु निवेश।
    • घटक C: जोखिम प्रबंधन और क्षमता निर्माण के लिये तकनीकी सहायता।
    • घटक D: परियोजना प्रबंधन और संस्थागत समर्थन।

स्रोत: PIB