कृषि समूह एवं निर्यात के लिये नीति शीघ्र | 06 Sep 2017

चर्चा में क्यों ?

10वें कृषि नेतृत्व शिखर सम्मेलन-2017 को संबोधित करते हुए वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि कृषि समूहों को विकसित करने और कृषि निर्यात को बढ़ाने के लिये सरकार जल्द ही एक नीति लाएगी।

कृषि-समूहों (agri-clusters) की आवश्यकता क्यों ? 

  • भारत में किसानों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्हें अपनी उपज की न तो बेहतर कीमत मिल पाती है और न ही बाज़ारों तक पहुँच। यहाँ तक कि उनके परिश्रम का अधिकांश लाभ बिचौलिये उठा ले जाते हैं। 
  • भारत सहित कई विकासशील देशों के किसानों को विश्व बाज़ारों तक पहुँचने में कई तरह के व्यापारिक अवरोधों एवं प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता है। विश्व व्यापार संगठन की बैठकों में कृषि के मुद्दे को लेकर ही अक्सर विकसित और विकासशील देशों के बीच गतिरोध देखा जाता है।   
  • किसानों को भी वैश्विक बाज़ारों तक पहुँचने और उनके उत्पादों की बेहतर कीमतें पाने का अधिकार है। 
  • अतः कृषि समूह विकसित करने और एक अच्छी कृषि निर्यात नीति की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही है। इसी के साथ­-साथ किसानों के फायदे के लिये वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाएँ भी विकसित करने की आवश्यकता है। 

आगे की राह

  • सरकार मनीला और सियोल में व्यापार मंत्रियों की बैठक में इस मुद्दे को उठाएगी। 
  • इस वर्ष दिसंबर में अर्जेंटीना में विश्व व्यापार संगठन का मंत्री स्तरीय सम्मेलन होने वाला है जहाँ इस मुद्दे पर भी चर्चा होने की उम्मीद है।
  • उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार का एक लक्ष्य 2022 तक किसानों की आय दो गुना करना है।