प्रधानमंत्री जन धन योजना के 6 वर्ष | 28 Aug 2020

प्रिलिम्स के लिये:  

प्रधानमंत्री जन धन योजना, जन धन दर्शक एप

मेन्स के लिये:

वित्तीय समावेशन, ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास में प्रधानमंत्री जन धन योजना की भूमिका 

चर्चा में क्यों?

केंद्र सरकार द्वारा देश के नागरिकों तक बैंकिंग सुविधाओं की सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करने हेतु वर्ष 2014 में शुरू की गई ‘प्रधानमंत्री जन धन योजना’ (Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana- PMJDY) ने 28 अगस्त 2020 को 6 वर्ष पूरे किये हैं।

प्रमुख बिंदु:

  • भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा 15 अगस्त, 2014 को प्रधानमंत्री जन धन योजना की घोषणा की गई थी।
  •  इस योजना को 28 अगस्त 2014 को औपचारिक रूप से शुरू किया गया था। 

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  • इस योजना की शुरुआत से लेकर अब तक इसके तहत 40.35 करोड़ बैंक खाते खोले जा चुके हैं।
    • गौरतलब है कि इस योजना को लागू करने के पहले वर्ष में इसके तहत 17.90 करोड़ बैंक खाते खोले गए थे।
  • हालिया आँकड़ों के अनुसार, देश के विभिन्न बैंकों में जन धन खातों में जमा धनराशि 1.30 लाख करोड़ रुपए से अधिक है। 

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  • इस योजना के तहत खोले गए कुल बैंक खातों में से 63.6% ग्रामीण क्षेत्रों से हैं।
  • प्रधानमंत्री जन धन योजना में महिलाओं की भागीदारी 55.2% रही है।

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उद्देश्य:

  • किफायती मूल्य पर वित्तीय उत्पादों और सेवाओं की पहुँच सुनिश्चित करना।
  • लागत में कमी लाने और पहुंच को व्‍यापक बनाने हेतु तकनीकी के प्रयोग को बढ़ावा देना।

मूल सिद्धांत :

  • बैंकिंग पहुँच से दूर व्यक्तियों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ना (Banking the unbanked)
  • सुरक्षा प्रदान करना (Securing the unsecured)
  • वित्‍त पोषण की सुविधा प्रदान करना (Funding the unfunded)

उपलब्धियाँ:

  • अगस्त 2020 तक के आँकड़ों के अनुसार, इस योजना के तहत खोले गए 40.35 करोड़ PMJDY खातों में से 34.81 करोड़ (86.3%) खाते सक्रिय हैं।
  • अगस्त 2015 से लेकर अगस्त 2020 के बीच इस योजना के तहत खातों की संख्या में 2.3 गुना वृद्धि और जमा राशि में 5.7 गुना वृद्धि देखी गई है। 
  • वर्तमान में इस योजना के तहत प्रति खाता औसत जमा राशि 3,239 रुपए तक पहुँच गई है, अगस्त, 2015 की तुलना में इस योजना के तहत प्रति खाता औसत जमा राशि में 2.5 गुने की वृद्धि देखी गई है।  
    • गौरतलब है कि इस योजना के तहत खोले गए बैंक खातों में न्यूनतम धनराशि जमा  रखने की अनिवार्यता नहीं होती है।  
  • इस योजना के तहत कैशलेस बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिये अब तक 29.75 करोड़ खाताधारकों को रूपे कार्ड (RuPay card) जारी किये जा चुके हैं।  ]
  • इस योजना के माध्यम से बैंकों पर बिना किसी अतिरिक्त दबाव के वित्तीय समावेशन के लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में महत्त्वपूर्ण प्रगति देखी गई है।   
  • इस योजना के क्रियान्वयन में सरकार की तत्परता से निम्न आय वर्ग के परिवारों को बचत करने का एक साधन प्राप्त हुआ है।  
  •  इस योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में लोगों तक बैंकिंग पहुँच में वृद्धि हुई है तथा इसके तहत महिलाओं की बढ़ती भागीदारी भी इस योजना की एक बड़ी सफलता है। 

योजना को प्रभावी बनाने के प्रयास:

  • इस योजना की सफलता को देखते हुए केंद्र सरकार ने वर्ष 2018 में योजना के तहत खोले गए नए खातों (28 अगस्त, 2018 के बाद) पर ‘रूपे कार्ड बीमा’ (RuPay Card Insurance) के माध्यम से दुर्घटना बीमा कवर को 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 2 लाख रुपए कर दिया था।
  • सरकार ने इस योजना के तहत खोले गए बैंक खातों में ओवरड्राफ्ट  (Overdraft) की सीमा को 5,000 रुपए से बढ़ाकर 10,000 रुपए करने के साथ इस सुविधा के लिये 18-60 वर्ष आयु सीमा को बढ़ाकर 18-65 वर्ष कर दिया गया।
  • सरकार ने इस योजना के क्रियान्वयन को अधिक प्रभावी बनाने हेतु अपना ध्यान ‘प्रत्येक घर’ से हटाकर ‘हर बैंक खातारहित वयस्क’(Every Unbanked Adult) पर किया।  
  • COVID-19 महामारी के दौरान महिलाओं को आर्थिक चुनौतियों से निपटने हेतु सहायता के रूप में सरकार ने 26 मार्च, 2020 को सभी महिला जन धन खाता धारकों के खातों में तीन माह तक 500-500 रुपए जमा करने की घोषणा की थी।

अन्य सुधार: 

  • केवाईसी (KYC) की जटिल औपचारिकताओं से जुड़ी समस्या को दूर करने हेतु सरलीकृत केवाईसी/ई-केवाईसी (e-KYC) की शुरुआत।
  • रूपे डेबिट कार्ड या आधार समर्थित भुगतान प्रणाली (Aadhaar enabled Payment System-AePS) के माध्यम से अंतर-संचालन (Inter-Operability) की सुविधा।
  • पूर्व की ऑफ-लाइन प्रणाली के स्थान पर इस योजना के तहत खोले गए सभी खाते ऑनलाइन होते हैं, जिन्हें बैंकों की कोर बैंकिंग प्रणाली से संबद्ध किया गया है।  
  • जन धन दर्शक एप (Jan Dhan Darshak App): सरकार द्वारा नागरिकों को बैंक शाखाओं, एटीएम, बैंक मित्रों, डाक घरों आदि की अवस्थिति की जानकारी हेतु जन धन दर्शक एप लॉन्च किया गया है। 
    • इस एप का प्रयोग ऐसे गावों की पहचान के लिये भी किया जाता है जहां 5 किमी. के दायरे में किसी भी प्रकार की बैंकिंग की सुविधा उपलब्ध नहीं है, इसके तहत चिन्हित गाँवों में 'राज्य स्तरीय बैंकर्स समितियों' के सहयोग से बैंक शाखा शुरू करने का प्रयास किया जाता है। 

आगे की राह: 

  • PMJDY खाताधारकों का सूक्ष्म बीमा योजनाओं के तहत कवरेज सुनिश्चित करने हेतु पात्र खाताधारकों ‘प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना’ (PMJJBY) और ‘प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना’ (PMSBY) के तहत शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है।   
  • रूपे कार्ड और अन्य सुविधाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में कैशलेस विनिमय को बढ़ावा दिया जाना चाहिये। 
  • जन धन योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे उद्यमों के लिये वित्तीय सहायता उपलब्ध करने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिये। 

  स्रोत:  पीआईबी