पीएम श्री स्कूल | 06 Sep 2022

प्रिलिम्स के लिये:

सर्वपल्ली राधाकृष्णन, शिक्षक दिवस, पीएम श्री स्कूल।

मेन्स के लिये:

शिक्षा क्षेत्र में सुधार।

चर्चा में क्यों?

शिक्षक दिवस 2022 के अवसर पर, भारत के प्रधानमंत्री ने पीएम श्री स्कूल (पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया- PM ScHools for Rising India) नामक नयी पहल की घोषणा की है।

Radhkrishnan

शिक्षक दिवस:

  • भारत में शिक्षकों, शोधकर्त्ताओं और प्रवक्ताओं/प्रोफेसर सहित शिक्षकों के कार्यों के महत्त्व कों पहचानने और मनाने के लिये वर्ष 1962 से प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • वर्ष 1962 में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद, कुछ छात्रों ने उनसे उनका जन्मदिन मनाने की अनुमति माँगी। हालाँकि डॉ. राधाकृष्णन ने किसी भी प्रकार के उत्सव को मंज़ूरी नहीं दी, बल्कि अनुरोध किया कि इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए।
  • डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का परिचय:
    • जन्म:
      • इनका जन्म 5 सितंबर, 1888 को तमिलनाडु के तिरुत्तानी शहर में एक तेलुगु परिवार में हुआ था।
    • शैक्षणिक पृष्ठभूमि:
      • उन्होंने मद्रास के क्रिश्चियन कॉलेज में दर्शनशास्त्र का अध्ययन किया।
      • अपनी डिग्री पूरी करने के बाद, वह मद्रास प्रेसीडेंसी कॉलेज में दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर और उसके बाद मैसूर विश्वविद्यालय में दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर बन गए।
    • कार्य:
      • इन्होंने वर्ष 1952 से 1962 तक भारत के पहले उपराष्ट्रपति और वर्ष 1962 से 1967 तक भारत के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया।
      • ये वर्ष 1949 से 1952 तक सोवियत संघ में भारत के राजदूत भी रहे।
      • इन्होंने वर्ष 1939 से 1948 तक बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के चौथे कुलपति के रूप में भी कार्य किया।
    • पुरस्कार:
      • वर्ष 1984 में इन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
    • उल्लेखनीय रचनाएँ:
      • समकालीन दर्शन में धर्म का शासन, रवींद्रनाथ टैगोर का दर्शन, जीवन का हिंदू दृष्टिकोण, कल्कि या सभ्यता का भविष्य, जीवन का एक आदर्शवादी दृष्टिकोण, हमें जिस धर्म की आवश्यकता है, भारत और चीन, गौतम बुद्ध।

प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम-श्री) योजना

  • परिचय:
    • यह देश भर में 14500 से अधिक स्कूलों के उन्नयन और विकास के लियकेंद्र प्रायोजित योजना है।
    • इसका उद्देश्य केंद्र सरकार/ राज्य/केंद्रशासित प्रदेश सरकार/स्थानीय निकायों द्वारा प्रबंधित स्कूलों में से चयनित मौजूदा स्कूलों को मज़बूत करना है।
  • महत्त्व:
    • यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सभी घटकों को प्रदर्शित करेगा और अनुकरणीय स्कूलों के रूप में कार्य करेगा तथा अपने आसपास के अन्य स्कूलों को प्रशिक्षण भी प्रदान करेगा।
      • इन स्कूलों का उद्देश्य न केवल गुणात्मक शिक्षण, शिक्षा और संज्ञानात्मक विकास होगा, बल्कि 21 वीं सदी के प्रमुख कौशल से लैस समग्र एवं सर्वांगीण व्यक्तियों का निर्माण भी होगा।
    • इन स्कूलों में अपनाई गई शिक्षाशास्त्र अधिक अनुभवात्मक, समग्र, एकीकृत, खेल/खिलौना आधारित, पूछताछ-संचालित, खोज-उन्मुख, शिक्षार्थी-केंद्रित, चर्चा-आधारित, लचीली और मनोरंजक होगी।
    • प्रत्येक कक्षा में प्रत्येक बच्चे के सीखने के परिणामों में दक्षता हासिल करने पर ध्यान दिया जाएगा।
      • सभी स्तरों पर मूल्यांकन वैचारिक समझ और वास्तविक जीवन स्थितियों में ज्ञान के अनुप्रयोग एवं योग्यता पर आधारित होगा।
    • ये स्कूल प्रयोगशालाओं, स्मार्ट कक्षाओं, पुस्तकालयों, खेल उपकरणों, कला कक्ष आदि सहित आधुनिक बुनियादी ढांँचे से लैस होंगे जो समावेशी और सुलभ हैं।
      • इन स्कूलों को जल संरक्षण, अपशिष्ट पुनर्चक्रण, ऊर्जा कुशल बुनियादी ढाँचे और पाठ्यक्रम में जैविक जीवन शैली के एकीकरण के साथ हरित स्कूलों के रूप में भी विकसित किया जाएगा।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)

प्रश्न. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 सतत् विकास लक्ष्य-4 (2030) के अनुरूप है। यह भारत में शिक्षा प्रणाली के पुनर्गठन और पुनर्रचना का इरादा रखती है। कथन का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2020)

स्रोत: पी.आई.बी.