बाह्य अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग | 14 Feb 2019

चर्चा में क्यों?

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बाह्य अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग में सहयोग के लिये भारत और फिनलैंड के बीच सहमति पत्र (Memorandum of Understanding-MoU) को अपनी मंज़ूरी दे दी है। इस MoU पर पहले ही 10 जनवरी, 2019 को नई दिल्ली में हस्ताक्षर किये जा चुके हैं।

समझौते का महत्त्व

  • हस्ताक्षरित MoU के तहत पृथ्वी के सुदूर संवेदन (Remote Sensing), उपग्रह संचार (Satellite communication), उपग्रह आधारित नौवहन (Navigation), अंतरिक्ष विज्ञान और बाह्य अंतरिक्ष के अन्वेषण (Exploration) के क्षेत्र में नई अनुसंधान गतिविधियों और अनुप्रयोग (Application) से जुड़ी संभावनाओं की तलाश को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • फिनलैंड की सरकार के साथ सहयोग के परिणामस्वरूप मानवता की भलाई के लिये अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों के उपयोग के क्षेत्र में एक संयुक्त गतिविधि का विकास संभव हो पाएगा।

किन क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा?

सहमति पत्र से निम्नलिखित संभावित क्षेत्रों में सहयोग सुनिश्चित होगा :

  • पृथ्वी का सुदूर संवेदन
  • उपग्रह संचार और उपग्रह आधारित नौवहन
  • अंतरिक्ष विज्ञान और ग्रह संबंधी अन्वेषण
  • अंतरिक्ष उपकरणों (Objects) और ज़मीन आधारित प्रणाली का विकास, परीक्षण एवं परिचालन
  • भारत के प्रक्षेपण यानों द्वारा फिनलैंड के अंतरिक्ष उपकरणों को प्रक्षेपित करना।
  • अंतरिक्ष से जुड़े डेटा की प्रोसेसिंग एवं उपयोग करना।
  • अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के उपयोग पर आधारित अभिनव अनुप्रयोगों और समाधानों (Solutions) को विकसित करना।
  • उभरते नए अंतरिक्ष अवसरों और डेटा पारिस्थितिकी एवं बाह्य अंतरिक्ष के सतत उपयोग के क्षेत्र में सहयोग करना।

कार्यान्वयनकारी रणनीति

  • सभी प्रतिभागी इस MoU के तहत सहकारी गतिविधियों में सामंजस्य स्थापित करने के उद्देश्य से एक-एक समन्वयक को मनोनीत करेंगे। इस MoU के कार्यान्वयन में सुविधा के लिये प्रतिभागी पारस्परिक निर्णय लेने के लिये बारी-बारी से भारत अथवा फिनलैंड में बैठकें करेंगे अथवा वीडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिये निर्णय लेंगे।
  • प्रतिभागी अथवा उनके द्वारा अधिकृत किये जाने पर कार्यान्वयनकारी एजेंसियां आवश्यकता पड़ने पर उन विशिष्ट सहकारी परियोजनाओं के प्रबंधन के लिये परियोजना टीमों का गठन कर सकती हैं, जिन पर काम कार्यान्वयनकारी व्यवस्थाओं के तहत शुरू किया जाएगा। यह निर्णय अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग के लिये फिनलैंड की सरकार द्वारा दिखाई गई रुचि को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

स्रोत : पी.आई.बी.