पतरातू सुपर थर्मल पावर परियोजना | 28 May 2018

चर्चा में क्यों?

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड में 27 हज़ार करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री ने हिंदुस्तान उर्वरक और रसयान लिमिटेड के सिंदरी उर्वरक परियोजना का पुनरुद्धार किया, गेल द्वारा रांची सिटी गैस वितरण परियोजना, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), देवघर, देवघर हवाई अड्डे और एनटीपीसी की पतरातू सुपर थर्मल पावर परियोजना (Patratu Super Thermal Power Project) के 2400 मेगावाट वाले प्रथम चरण की आधारशिला रखी।

  • यह झारखंड सरकार और एनटीपीसी की एक सहायक कंपनी पतरातू विद्युत उत्‍पादन निगम लिमिटेड (Patratu Vidyut Utpadan Nigam Ltd. - PVUNL) के बीच 74:26 प्रतिशत की हिस्‍सेदारी वाला संयुक्‍त उद्यम है।

पतरातू सुपर थर्मल पावर परियोजना

  • इसके तहत 4000 मेगावाट की कुल क्षमता का विस्‍तार स्‍थापित किया जाएगा।
  • भारत के 19वें राज्‍य के लिये उज्‍ज्‍वल भविष्‍य की परिकल्‍पना करते हुए एनटीपीसी की पीवीयूएनएल दो चरणों में इस परियोजना को क्रियान्वित करेगी।
  • प्रथम चरण में 2400 मेगावाट (3x800 मेगावाट) और दूसरे चरण में 1600 मेगावाट (2x800 मेगावाट) बिजली का उत्‍पादन किया जाएगा।
  • दूसरे चरण को बाद में क्रियान्वित किया जाएगा।
  • इस परियोजना के तहत 85 प्रतिशत बिजली झारखंड को आव‍ंटित की जाएगी, जिससे आगे चलकर यह राज्‍य लाभान्वित होगा और इसके साथ ही इस क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी मदद मिलेगी।
  • इस परियोजना से उत्पादित होने वाली 85% ऊर्जा झारखण्ड के प्रत्येक घर को प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के अंतर्गत 24 घंटे बिजली देगी। साथ ही इस क्षेत्र में अद्वितीय आर्थिक विकास का स्रोत भी साबित होगी।
  • इस परियोजना से इस क्षेत्र में रोज़गार और व्यवसाय के बहुत-से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष आयाम खुलेंगे।
  • इस परियोजना के लिये इंजीनियरिंग, खरीद एवं निर्माण ठेका भेल को दिया गया है। पहली यूनिट वर्ष 2022 तक चालू होने की परिकल्‍पना की गई है और इसके बाद छह-छह महीने के अंतराल पर अन्‍य दो यूनिटों को भी चालू किया जाएगा।
  • चूँ‍कि एनटीपीसी आसपास के समुदायों का जीवन स्‍तर बेहतर करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए समावेशी और सतत् विकास के लिये प्रतिबद्ध है।
  • इस तथ्‍य को ध्‍यान में रखते हुए पीवीयूएनएल पहल से ही स्‍वच्‍छ पेयजल एवं नियमित स्‍वास्‍थ्‍य शिविरों की व्‍यवस्‍था करने के साथ-साथ निकटवर्ती गाँवों में स्‍थानीय युवाओं के कौशल विकास पर भी अपना ध्‍यान केंद्रित करती रही है।
  • परियोजना का काम आगे बढ़ाने के साथ ही समुदाय विकास के तहत रोज़गार क्षमता बढ़ाने, स्‍वास्‍थ्‍य एवं स्‍वच्‍छता, बुनियादी ढाँचे के विकास एवं बालिकाओं की शिक्षा पर भविष्‍य में और ज़्यादा फोकस किया जाएगा।