फिलिस्तीन-भारत टेक्नो पार्क | 09 Dec 2019

प्रीलिम्स के लिये:

फिलिस्तीन-भारत टेक्नो पार्क

मेन्स के लिये:

फिलिस्तीन-भारत संबंध

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत ने फिलिस्तीन-भारत टेक्नो पार्क (Palestine-India Techno Park) के निर्माण के लिये 3 मिलियन डॉलर की तीसरी किश्त जारी की है।

मुख्य बिंदु:

  • भारत ने फिलिस्तीन में बुनियादी ढाँचे से संबंधित क्षमता निर्माण के लिये कुल 12 मिलियन डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है।
  • भारत सरकार इस राशि का अर्द्ध आधार पर भुगतान करेगी।
  • वर्ष 2017 में इस पार्क को ‘इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ साइंस पार्क्स एंड एरिया ऑफ इनोवेशन’ (International Association of Science Parks and Areas of Innovation- IASP) के अंतर्गत शामिल कर लिया गया था।

फिलिस्तीन-भारत टेक्नो पार्क के बारे में

(Palestine-India Techno Park):

  • टेक्नो पार्क के माध्यम से ज्ञान आधारित और रचनात्मक उद्यमों के साथ-साथ स्थानीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक स्तर पर टेक्नो क्लस्टर्स (Techno Clusters) का निर्माण किया जाता है जिससे राष्ट्रीय स्तर पर व्यावसायिक वातावरण और संस्कृति का निर्माण होता है।
  • टेक्नो पार्क का उद्देश्य उद्योगों के लिये सुलभ वातावरण की स्थापना करना, व्यावसायीकरण और औद्योगीकरण की प्रक्रिया का समर्थन करना तथा निजी क्षेत्र एवं शोध-शिक्षण क्षेत्र में सामंजस्य स्थापित करना है।
  • फिलिस्तीन-भारत टेक्नो पार्क का निर्माण फिलिस्तीन स्थित ‘बिर्ज़ित यूनिवर्सिटी’ (Birzeit University) के पास किया जाएगा।
  • निर्माण के बाद यह पार्क फिलिस्तीन में सूचना प्रौद्योगिकी (IT) के एक हब (Information Technology Hub) के रूप में कार्य करेगा। इस हब के माध्यम से IT क्षेत्र से संबंधित सभी सेवाओं का वन स्टॉप समाधान उपलब्ध कराया जाएगा।

भारत-फिलिस्तीन संबंध:

  • वर्ष 1938 में महात्मा गांधी ने जर्मनी में यहूदियों के उत्पीड़न के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा था कि “फिलिस्तीन अरबों से उसी अर्थ में संबंधित है जैसे इंग्लैंड अंग्रेज़ों के लिये या फ्राँस फ्रांसीसियों के लिये है।"
  • वर्ष 1974 में भारत ‘फिलिस्तीन मुक्ति संगठन’ (Palestine Liberation Organisation) को फिलिस्तीनी लोगों के एकमात्र वैध प्रतिनिधि के रूप में मान्यता देने वाला पहला गैर-अरब राज्य बन गया।
  • वर्ष 1988 में फिलिस्तीनी राष्ट्रीय कॉंन्ग्रेस द्वारा स्वतंत्रता की घोषणा करने के बाद भारत फिलिस्तीन को एक राज्य के रूप में मान्यता देने वाले शुरूआती देशों में से एक था।
  • उस समय भारत ने एक स्वतंत्र, संप्रभु तथा संगठित फिलिस्तीन के निर्माण के लिये अपना समर्थन बनाए रखा जिसकी राजधानी पूर्वी येरुशलम थी।
  • वर्ष 1996 में भारत ने गाज़ा में अपना प्रतिनिधि कार्यालय खोला जिसे वर्ष 2003 में रामल्ला (Ramallah) में स्थानांतरित कर दिया गया।
  • वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिलिस्तीन की यात्रा की जो कि किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा की गई प्रथम फिलिस्तीनी यात्रा थी।
  • भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत और फिलिस्तीन के मध्य लगभग 40 मिलियन अमेरिकी डॉलर का व्यापार होता है जो कि ऑटोमोटिव स्पेयर पार्ट्स (Automotive Spare Parts), मेडिकल टूरिज़्म (Medical Tourism), कृषि उत्पादों, टेक्सटाइल्स (Textiles), कृषि रसायन तथा फार्मास्यूटिकल्स (Pharmaceuticals) क्षेत्र में संचालित होता है।

स्रोत- द इंडियन एक्सप्रेस