‘ऑर्गेनिक नियर इन्फ्रारेड फिल्टर’ का विकास | 25 Oct 2017

संदर्भ 

हाल ही में तिरुवनंतपुरम स्थित ‘सीएसआईआर- नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर इंटरडिसिप्लिनरी साइंस एंड टेक्नोलॉजी’ (CSIR-NIIST) के वैज्ञानिकों द्वारा एक ऐसे कार्बनिक फिल्टर को विकसित किया गया है जिससे होकर केवल नियर अवरक्त प्रकाश (near-infrared (NIR) light) ही गुजर सकता है।  

प्रमुख बिंदु

  • इस नए एन.आई.आर फिल्टर का उपयोग रात्रि में उपयोग किये जाने वाले चश्मों तथा  रात में फोटोग्राफी करने के लिये किया जा सकता है।  
  • इसके अतिरिक्त, इसकी सहायता से काले रंग के कपड़े पर लगे खून के धब्बों की पहचान भी की जा सकती है।   अतः भविष्य में सुरक्षा और फोरेंसिक क्षेत्र में भी इसके अनुप्रयोग देखे जा सकेंगे।  
  • वर्तमान में उपलब्ध अकार्बनिक फिल्टर काफी महंगे हैं और वे आसानी से टूट जाते हैं, जबकि कार्बनिक फिल्टर मज़बूत हैं और वे आसानी से नहीं टूटते हैं।  
  • इस नए फिल्टर का उपयोग दस्तावेज़ों में अंकित छिपे हुए सिक्युरिटी कोड्स की पहचान करने में किया जा सकता है, जिन्हें  केवल एक एनआईआर पठनीय कैमरे (NIR-readable camera) के माध्यम से देखना संभव है।  

कैसे बनाया गया है फिल्टर?

  • इस फिल्टर का निर्माण एमाइड समूह युक्त काले रंग (डाईकेटोपायरोलोपायरोल- diketopyrrolopyrrole अथवा डीपीपी) को मिश्रित करके किया गया है।   यह एमाइड समूह अणुओं को उनके नजदीकी अणुओं से संपर्क बनाए रखने में मदद करता है, जिससे अणुओं के प्रकाशीय गुणधर्मों में परिवर्तन आता है।  
  • दरअसल, एमाइड समूह अणुओं को संयोजित करने और उनके स्व-समूहन में मदद करता है, जिससे एक मुलायम कार्बनिक जैल (organogel) का निर्माण होता है।  
  • शोधकर्त्ताओं ने कार्बनिक जैल को एक पारदर्शी बहुलक (पॉलीडाईमिथाइलसिलोक्ज़ेन - polydimethylsiloxane) के साथ मिश्रित करके इस फिल्टर का निर्माण किया।   कार्बनिक जैल को बहुलक में मिश्रित करने पर पारदर्शी बहुलक एक अर्द्ध-पारदर्शी बहुलक में परिवर्तित हो गया और फिल्टर का रंग काला दिखने लगा, क्योंकि इसने अधिकांश पराबैंगनी दृश्य प्रकाश को अवशोषित कर लिया था।
  • अनेक प्रयोगों के पश्चात् यह पाया गया कि फिल्टर ने 300-850 nm (पराबैंगनी, दृश्य और नियर अवरक्त प्रकाश के एक भाग को) के प्रकाश को अवशोषित कर लिया और 850-1500nm के नियर अवरक्त प्रकाश का संचरण कर दिया।   अतः एक काले कपडे पर रक्त के सूख चुके धब्बे (जिन्हें नग्न आँखों द्वारा देखा जाना संभव नहीं था) अब आसानी से दिखने लगे।   
  • इस फिल्टर का परीक्षण रात के समय फोटोग्राफी के लिये किया गया था, जिससे यह पता चला कि फिल्टर केवल नियर अवरक्त प्रकाश के लिये ही उत्तरदायी था।   

ऑर्गेनो जैल का महत्त्व

  • कार्बनिक जैल युक्त फिल्टर में पराबैंगनी और दृश्य प्रकाश को अवशोषित करने की क्षमता होती है जबकि इससे केवल नियर अवरक्त प्रकाश ही गुजर सकता है।   डीपीपी अणुओं के स्व-समूहन से बने सूक्ष्म रेशे पदार्थ के अधिकांश प्रकाश का अवशोषण कर लेते हैं, जिससे इसका रंग काला हो जाता है।