ओपन बजट सर्वेक्षण | 02 May 2020

प्रीलिम्स के लिये

ओपन बजट सर्वे

मेन्स के लिये

बजट पारदर्शिता का महत्त्व

चर्चा में क्यों?

हाल ही में जारी ओपन बजट सर्वेक्षण (Open Budget Survey) के अनुसार, भारत बजट पारदर्शिता और जवाबदेही के मामले में 117 देशों में 53वें स्थान पर है।

प्रमुख बिंदु

  • अंतर्राष्ट्रीय बजट भागीदारी (International Budget Partnership-IBP) द्वारा किये गए इस सर्वेक्षण में भारत को केंद्रीय बजट प्रक्रिया की पारदर्शिता के मामले में 100 में से 49 अंक प्राप्त हुए हैं।
  • बजट प्रक्रिया की पारदर्शिता के मामले में न्यूज़ीलैंड को सर्वाधिक 87 अंक प्राप्त हुए हैं और वह इस सर्वेक्षण में 117 देशों में सबसे ऊपर है।
  • वहीं सर्वेक्षण में पाकिस्तान को 28 अंक, बांग्लादेश को 36 अंक, चीन को 19 अंक, श्रीलंका को 47 अंक, म्याँमार को 28 अंक और नेपाल को 41 अंक प्राप्त हुए हैं।
    • इस प्रकार भारत को केंद्रीय बजट प्रक्रिया की पारदर्शिता के मामले में अपने सभी पड़ोसी देशों से अधिक अंक प्राप्त हुए हैं।
  • सर्वेक्षण के अनुसार, चीन के अपवाद के अतिरिक्त अन्य बड़े विकासशील देशों को भारत की तुलना में पारदर्शिता के लिये काफी अधिक अंक प्राप्त हुए हैं।

सर्वेक्षण में भारत की स्थिति

  • यदि इस वैश्विक द्विवार्षिक सर्वेक्षण में भारत के प्रदर्शन की बीते वर्षों से तुलना की जाए, तो पिछले कुछ वर्षों में भारत की स्थिति में काफी ठहराव रहा है।
    • वर्ष 2015 में भारत को केंद्रीय बजट प्रक्रिया की पारदर्शिता के मामले 46 अंक और 2017 में 48 अंक प्राप्त हुए थे। इस प्रकार भारत की स्थिति बीते कुछ वर्षों में एक जैसी रही है और इसमें कुछ विशेष सुधार नहीं हुआ है।
  • रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार ने आवश्यक और प्रासंगिक जानकारी प्रकाशित करने की दिशा में अच्छा कार्य किया है जिसने भारत को कई अन्य देशों से अच्छे अंक प्राप्त करने में मदद की है।
  • हालाँकि, सर्वेक्षण में पाया गया कि प्री-बजट स्टेटमेंट (Pre-Budget Statement) की अनुपस्थिति और 2018-19 में छमाही समीक्षा (Mid-Year Review) नहीं करने के कारण भारत के अंकों में गिरावट आई है।

ओपन बजट सर्वे (Open Budget Survey)

  • 117 देशों के इस सर्वेक्षण में कई प्रामाणिक और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तुलना योग्य संकेतकों के आधार पर 0-100 के पैमाने पर विभिन्न देशों में बजट पारदर्शिता का स्तर निर्धारित किया जाता है।
  • इस सर्वेक्षण में प्रत्येक देश की केंद्र या संघीय सरकार के प्रमुख बजट दस्तावेज़ों की उपलब्धता का मूल्यांकन किया जाता है और यह आकलन किया जाता है कि क्या ये समयबद्ध तरीके से सार्वजनिक किये जाते हैं अथवा ये व्यापक जानकारी प्रदान करते हैं या नहीं।

सर्वेक्षण में भारत के लिये सुझाव

  • सर्वेक्षण के अनुसार, भारत को बजट प्राथमिकता निर्धारण में आम लोगों की भागीदारी भी सुनिश्चित करनी होगी, ताकि आम लोगों के मुद्दों को और अधिक बेहतर ढंग से संबोधित किया जा सके।
  • सर्वेक्षण रिपोर्ट में तर्क दिया गया है कि केंद्र सरकार को एक प्री-बजट स्टेटमेंट भी प्रकाशित करना चाहिये जिसकी विधायकों और जनता द्वारा वार्षिक बजट पेश होने से पूर्व व्यापक जाँच की जा सकती है।
  • यह सुनिश्चित करने के लिये कि आम जनता द्वारा कड़ी मेहनत से अर्जित किये गए सार्वजनिक संसाधनों का उपयोग विवेकपूर्ण और जवाबदेह तरीके से किया जाए, केंद्रीय बजट प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना काफी महत्त्वपूर्ण हो गया है।

स्रोत: बिज़नेस स्टैंडर्ड