मानव कोशिकाओं को सूचीबद्ध करने का नया तरीका | 22 Aug 2017

चर्चा में क्यों ? 

एक अनुमान के अनुसार मानव शरीर में 37 खरब कोशिकाएँ होती हैं। ये कितने प्रकार की होती हैं इसकी पहचान करने के पारंपरिक तरीके ( जैसे माइक्रोस्कोप से कोशिकाओं के आकार को ध्यान से देखना,इत्यादि ) में बहुत समय लगता है।

लेकिन वैज्ञानिकों ने एक ऐसा तरीका ईज़ाद किया है, जिससे कोशिकाओं को समझना  एवं उनकी गणना करना पहले की अपेक्षा आसान हो जाएगा। 

क्या है नई विधि ? 

  • वैज्ञानिकों ने एक-एक कोशिका का निरीक्षण करने के बजाय एक बार में 42,035 कोशिकाओं के अंदर जीनों की गतिविधियों को समझने का प्रयास किया।
  • आनुवंशिक रूप से शरीर की सभी कोशिकाएँ समरूप होती हैं। वे सभी लगभग 20,000  प्रोटीन-कोडिंग जीनों को रखती हैं।
  • प्रोटीन बनाने के लिये कोशिका द्वारा विशेष संयोजन वाले जीनों का उपयोग ही प्रत्येक प्रकार की कोशिकाओं को एक-दूसरे से अलग करती है।
  • इस प्रक्रिया का प्रथम चरण आरएनए (RNA) के रूप में जीन की नक़ल तैयार करना है। 
  • कोशिका आरएनए अणु का इस्तेमाल प्रोटीन बनाने के लिये सांचे के रूप में करती है। 
  • वैज्ञानिकों का कहना है कि कोशिका के अंदर आरएनए अणुओं का भिन्न संग्रह कोशिका के प्रकार की जानकारी दे सकता है। अतः आरएनए अणुओं को मापने के उन्होंने एक आणविक बार कुटसंकेतक (Bar Coding) विकसित किया है। 
  • हालाँकि यह विधि अभी भी प्रयोगात्मक अवस्था में है, परंतु विशेषज्ञों के अनुसार मानव शरीर में हर कोशिका के प्रकार को सूचीबद्ध करने के लिये यह विधि एक आवश्यक उपकरण बन सकती है।

कोशिका : एक नज़र 

  • सभी जीव-जंतु अनेक सूक्ष्म इकाइयों से बने होते हैं, जिसे कोशिका कहते हैं। 
  • 1665 में रॉबर्ट हुक ने कोशिका का पता लगाया था। 
  • कोशिकाओं को देखने के लिये सूक्ष्मदर्शी का प्रयोग किया जाता है।
  • कोशिकाओं की आकृति एवं आकार उनके द्वारा किये जाने वाले अलग-अलग कार्यों के अनुरूप होते हैं। 
  • कुछ कोशिकाएँ ( जैसे अमीबा) अपना आकार बदल सकती हैं।  
  • कोशिकाओं के विभाजन से बहु-कोशिकीय जीवों का विकास होता है।  
  • पादप कोशिका में कोशिका भित्ति (cell wall) पाई जाती है, जो जंतु कोशिका में नहीं पाई जाती। 
  • कोशिकाएँ दो प्रकार की होती हैं- प्रोकैरियोटिक एवं यूकैरियोटिक।