नई 'केंप्युटर' (chemputer) प्रणाली के माध्यम से दवा उत्पादन में क्रांतिकारी बदलाव | 04 Dec 2018

चर्चा में क्यों?


हाल ही में वैज्ञानिकों ने दवाओं के अणुओं का उत्पादन करने के लिये एक नई विधि विकसित की है, जिसमें प्रोग्राम तैयार करने में सक्षम एक 'केंप्युटर' (chemputer) के माध्यम से कार्बनिक रसायनों को आसानी से और विश्वसनीय रूप से संश्लेषित करने हेतु डाउनलोड किये जा सकने वाले ब्लूप्रिंट का उपयोग किया जाता है।

प्रमुख बिंदु

  • साइंस नामक जर्नल में प्रकाशित यह शोध पहली बार प्रदर्शित करता है कि महत्त्वपूर्ण दवा अणुओं के संश्लेषण को एक किफायती और मॉड्यूलर रासायनिक-रोबोट प्रणाली में कैसे प्राप्त किया जा सकता है जिसे कि एक केंप्युटर कहते हैं।
  • जबकि रासायनिक उत्पादन में हालिया प्रगति ने स्वचालित प्रणालियों के माध्यम से प्रयोगशाला स्तर पर कुछ रासायनिक यौगिकों का उत्पादन करने की अनुमति दी है, लेकिन रासायनिक सूत्रों को लिखने और साझा करने के लिये केंप्युटर को एक नए सार्वभौमिक और अंतःक्रियात्मक मानक द्वारा समर्थन प्रदान किया गया है।
  • शोधकर्त्ताओं ने कहा कि रसायन विज्ञान के लिये एक सामान्य अवधारणा विकसित करना इसकी मुख्य वज़ह थी जिसे सार्वभौमिक, व्यावहारिक और कंप्यूटर प्रोग्राम द्वारा संचालित किया जा सके।
  • कंप्यूटर प्रोग्राम पर चलने वाले उन रासायनिक सूत्रों को वैज्ञानिकों ने 'केम्पिलर' नाम दिया है। ये केम्पिलर केंप्युटर को यह निर्देश देते हैं कि पहले से कहीं अधिक किफायती और सुरक्षित ढंग से मांग अनुरूप अणुओं का उत्पादन कैसे करें। 
  • शोधकर्त्ताओं का दावा है कि एक सार्वभौमिक कोड का उपयोग करने की यह क्षमता दुनिया भर के रसायनविज्ञानियों को अपने रासायनिक सूत्रों को डिजिटल कोड में बदलने की अनुमति देगी।
  • यह लोगों को आईट्यून्स या स्पॉटिफी पर संगीत डाउनलोड करने के समान ही रासायनिक सूत्रों को साझा करने और डाउनलोड करने की अनुमति देगा।
  • ग्लासगो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ली क्रोनिन के अनुसार, “यह दृष्टिकोण रसायन शास्त्र के डिजिटलीकरण में एक महत्त्वपूर्ण कदम है और मांग के अनुरूप जटिल अणुओं की सार्वभौमिक असेंबली की अनुमति देगा तथा एक सरल सॉफ़्टवेयर एप और मॉड्यूलर केंप्युटर का उपयोग करके नए अणुओं को खोज और निर्माण की क्षमता को सर्वसुलभ बनाएगा।"
  • क्रोनिन ने कहा, "एक कॉम्पैक्ट केंप्युटर प्रणाली के माध्यम से दवाओं के लिये रासायनिक सूत्रों को ऑनलाइन उपलब्ध कराने और संश्लेषित करने योग्य बनाने से दुनिया के दूरस्थ हिस्सों में चिकित्सा पेशेवरों को ज़रूरत के समय जीवन रक्षक दवाओं को बनाने की अनुमति मिल सकती है।"
  • शोधकर्त्ताओं ने कहा कि इस प्रणाली के संभावित अनुप्रयोग बहुत अधिक हैं और हम जैविक रसायन शास्त्र के लिये इस क्रांतिकारी नए दृष्टिकोण की ओर अग्रसर होने के लिये बहुत उत्साहित हैं।

स्रोत : द हिंदू बिज़नेस लाइन