नई सेना विमानन ब्रिगेड: LAC | 06 Nov 2021

प्रिलिम्स के लिये:

नई सेना विमानन ब्रिगेड

मेन्स के लिये:

नई सेना विमानन ब्रिगेड का महत्त्व और अधिदेश

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत ने अरुणाचल प्रदेश सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पूर्वी सेक्टर में एक नई सेना विमानन ब्रिगेड की स्थापना की।

  • इसके अलावा चीन की विधायिका ने एक नया सीमा कानून भी अपनाया है जो राज्य और सेना को क्षेत्र की रक्षा करने तथा चीन के क्षेत्रीय दावों को कमज़ोर करने वाले "किसी भी कार्य का मुकाबला" करने के लिये अधिदेशित करता है।
  • LAC वह सीमांकन है जो भारतीय-नियंत्रित क्षेत्र को चीनी-नियंत्रित क्षेत्र से अलग करता है। हाल के वर्षों में भारत द्वारा शुरू की गई अवसंरचना परियोजनाओं के कारण लद्दाख की गलवान घाटी में गतिरोध बढ़ गया है।

प्रमुख बिंदु

  • परिचय:
    • नई सेना विमानन ब्रिगेड को मार्च 2021 में तेज़पुर, असम के पास मिसामारी हवाई अड्डे पर स्थापित किया गया था और इसमें उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (ALH), अमेरिका के चीता हेलीकॉप्टर और इज़राइल के हेरॉन ड्रोन जैसी क्षमताएँ हैं।
    • यद्यपि नई ब्रिगेड का कार्य मुख्य रूप से सेना की खुफिया, निगरानी और टोही (आईएसआर) गतिविधियों के लिये है लेकिन यह LAC पर अन्य उद्देश्यों के लिये सेना का समर्थन करने की क्षमता भी रखता है।
  • वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC):
    • सीमांकन रेखा: हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश तथा केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख चीन के साथ एक सीमा साझा करते हैं।
    • सेक्टर: LAC को आमतौर पर तीन सेक्टरों में विभाजित किया जाता है: पश्चिमी सेक्टर, मध्य सेक्टर और पूर्वी सेक्टर।
      • पूर्वी सेक्टर: इस क्षेत्र में भारत, चीन के साथ 1346 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है।
        • यह सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश तक फैला हुआ है।
        • पूर्वी सेक्टर में LAC का संरेखण वर्ष 1914 की मैकमोहन रेखा के समरूप है।
        • चीन मैकमोहन रेखा को अवैध और अस्वीकार्य मानता है, तथा यह दावा करता है कि मैकमोहन रेखा को मानचित्र पर चित्रित करने संबंधी वर्ष 1914 के अभिसमय पर जिन तिब्बती प्रतिनिधियों द्वारा शिमला में हस्ताक्षर किये गए थे, उनके पास ऐसा करने का अधिकार नहीं था।
        • चीन पूरे अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत के भाग के रूप दावा करता है।
      • मध्य सेक्टर:
        • इस सेक्टर में भारत, चीन के साथ लगभग 545 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है जो लद्दाख से नेपाल तक विस्तृत है।
        • हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड इस सेक्टर में तिब्बत (चीन) के साथ इस सीमा को स्पर्श करते हैं। इस सेक्टर में सीमा को लेकर दोनों पक्षों में बहुत अधिक मतभेद नहीं है।
      • पश्चिमी सेक्टर:
        • इस सेक्टर में भारत चीन के साथ करीब 1597 किलोमीटर की सीमा साझा करता है। यह केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख (तत्कालीन जम्मू और कश्मीर राज्य) और चीन के झिंजियांग/शिनजियांग प्रांत के बीच है।
        • इस सेक्टर में अक्साई चिन को लेकर क्षेत्रीय विवाद है। भारत इसे तत्कालीन कश्मीर के हिस्से के रूप में दावा करता है, जबकि चीन का दावा है कि यह शिनजियांग का हिस्सा है।
        • पश्चिमी क्षेत्र में सीमा विवाद 1860 के दशक में अंग्रेज़ों द्वारा प्रस्तावित जॉनसन रेखा से संबंधित है जो कुनलुन पर्वत तक फैली हुई थी तथा अक्साई चिन को तत्कालीन रियासत जम्मू और कश्मीर के हिस्से के रूप में प्रदर्शित करती थी।
          • स्वतंत्रता के बाद भारत ने जॉनसन रेखा के आधार पर अक्साई चिन पर अपना दावा किया।
        • LAC पर विवादित 23 क्षेत्रों में से 11 की पहचान लद्दाख में पश्चिमी क्षेत्र में, चार मध्य क्षेत्र में और आठ पूर्वी क्षेत्र में की गई है।
          • वर्ष 1993 में भारत द्वारा पहली बार LAC की अवधारणा को स्वीकार किये जाने के बाद से सरकार द्वारा विभिन्न तंत्रों के माध्यम से 23 विवादित क्षेत्रों की पहचान की गई थी।

स्रोत: द हिंदू