नाविका सागर परिक्रमा | 12 Sep 2017

चर्चा में क्यों?

  • हाल ही में भारतीय नौसेना के पोत वाहक जहाज तारिणी (आईएनएसवी तारिणी) को गोवा से रवाना किया गया है। गोवा के आईएनएस मंडोवी नौका पूल से रवाना किये गए इस पोत की विशेषता यह है कि इसमें सभी महिला क्रू शामिल हैं।
  • यह पूरे संसार की पहली भारतीय जल यात्रा है जिसमें चालक दल के सभी सदस्य महिलाएं हैं। वे गोवा से अपनी जल यात्रा की शुरूआत कर रहीं हैं और संसार की जल यात्रा को पूरा करने के बाद उनके मार्च 2018 में गोवा वापस लौट आने की उम्मीद है।
  • इस अभियान को ‘नविका सागर परिक्रमा’ का नाम दिया गया है। परिक्रमा को पाँच चरणों में पूरा किया जाएगा और यह इन 4 बंदरगाहों पर रुकेगी:

→ आस्‍ट्रेलिया का फ्रीमेंटल
→ न्‍यूजीलैंड का लाइटलेटन
→ फॉक्‍लेंड्स का पोर्टसिडनी
→ दक्षिण अफ्रीका का केपटाउन

आईएनएस तारिणी से संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य

  • आईएनएसवी तारिणी 55 फुट का जलयान है, जिसे स्‍वदेशी तकनीक से बनाया गया है। इसे इसी वर्ष के आरंभ में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया है। विश्‍व के फॉरम पर यह ‘मेक-इन-इंडिया’ पहल को प्रदर्शित करता है।

यात्रा का उदेश्य

  • समुद्र यात्रा के दौरान चालक दल गहरे समुद्र में प्रदूषण की जाँच करेगा और इस संबंध में रिपोर्ट देगा।
  • इस दौरान यह साहसिक दल भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमबी) को मौसम के पूर्वानुमान की सही जानकारी प्रदान करने के लिये मौसम विज्ञान/समुद्री/लहरों के बारे में नियमित रूप से आँकड़े इकट्टा करेगा और उन्‍हें लगातार नवीन जानकारी भी उपलब्‍ध कराएगा। इससे अनुसंधान और विकास संगठनों को विश्‍लेषण में भी मदद मिलेगी।
  • इस अभियान का नाम ‘नाविका सागर परिक्रमा’ रखा गया है। यह महिलाओं का उनकी अंतनिर्हित शक्‍ति के ज़रिये सशक्तीकरण किये जाने की राष्‍ट्रीय नीति के अनुरूप है।
  • उल्लेखनीय है कि इसका उद्देश्‍य भारत में महिलाओं के प्रति सामाजिक दृष्‍टिकोण और सोच में बदलाव लाना भी है।
  • इस समुद्री यात्रा में पर्यावरण हितैषी गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोतों के इस्‍तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • साथ ही इस अभियान का उद्देश्‍य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपनाना भी है।