नाटो में सदस्य देश अपनी जीडीपी के 4% का योगदान करें:ट्रंप | 12 Jul 2018

संदर्भ

  • डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रुसेल्स में नाटो शिखर सम्मेलन के सदस्यों से रक्षा क्षेत्र में जीडीपी का 4% तक खर्च बढ़ाने की आश्चर्यजनक मांग की है।
  • दरअसल, उन्होंने नाटो के रक्षा क्षेत्र में मौजूदा योगदान को 2% के लक्ष्य से बढ़ाकर दोगुना करने की बात कही है।

प्रमुख बिंदु

  • वर्ष 2014 के वेल्स शिखर सम्मेलन में नाटो के सहयोगी सदस्य देशों ने 10 वर्षों के भीतर रक्षा क्षेत्र में जीडीपी का 2% खर्च करने पर सहमति व्यक्त की थी।

उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO)

♦ नाटो  एक अंतर्सरकारी सैन्य गठबंधन है जिसकी स्थापना अप्रैल 1949 में हुई थी।
♦ वर्तमान में इस संगठन में 29 सदस्य देश शामिल हैं।
♦ इसका मुख्यालय ब्रुसेल्स, बेल्जियम में है। 
♦ 1949 में इसके 12 संस्थापक सदस्य थे जिसमें बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, फ्राँस, आइसलैंड, इटली, लक्ज़मबर्ग, नीदरलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं।
♦ अन्य सदस्य देशों में ग्रीस और तुर्की(1952), जर्मनी (1955), स्पेन(1982), चेक गणराज्य, हंगरी और पोलैंड(1999), बुल्गारिया, एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया, रोमानिया, स्लोवाकिया व स्लोवेनिया(2004), अल्बानिया एवं क्रोएशिया(2009) तथा मॉन्टेनेग्रो(2017) शामिल हैं।

  • नाटो के नवीनतम प्रकाशित आँकड़ों के मुताबिक, जो देश रक्षा क्षेत्र में जीडीपी का 2% या उससे अधिक खर्च के लक्ष्य को पूरा करते हैं, उनमें अमेरिका (3.6%), ग्रीस (2.2%), एस्टोनिया (2.14%), यूके (2.10%), और पोलैंड (2%) शामिल हैं। फ्रांस 1.8% और जर्मनी 1.2% खर्च करते हैं।
  • उल्लेखनीय है कि जर्मनी द्वारा वर्ष 2030 तक रक्षा व्यय पर जीडीपी का 2% तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
  • ट्रंप लंबे समय से यूरोपीय नाटो के सदस्य देशों की आलोचना करते रहे हैं कि वे नाटो के लिये पर्याप्त भुगतान नहीं करते हैं।
  • जर्मनी जो यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, अमेरिका द्वारा किये गये खर्च 3.5% की तुलना में 1.24% ही खर्च करती है।
  • इसके साथ ही उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि जर्मनी पूरी तरह से रूस द्वारा नियंत्रित है क्योंकि उसे रूस से 60% से 70% ऊर्जा और एक नई पाइपलाइन मिल जाएगी।