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वित्तीय शिक्षा के लिये राष्ट्रीय रणनीति | 21 Aug 2020 | शासन व्यवस्था

प्रिलिम्स के लिये

नेशनल सेंटर फॉर फाइनेंशियल एजुकेशन,

वित्तीय समावेशन एवं वित्तीय साक्षरता पर तकनीकी समूह,

कंपनी अधिनियम, 2013

मेन्स के लिये:

वित्तीय शिक्षा के लिये राष्ट्रीय रणनीति

चर्चा में क्यों?

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने वित्तीय रूप से जागरूक एवं सशक्त भारत के निर्माण हेतु वित्तीय शिक्षा के लिये राष्ट्रीय रणनीति: 2020-2025 (National Strategy for Financial Education: 2020-2025) जारी की है।

प्रमुख बिंदु:

वित्तीय साक्षरता (Financial literacy):

  • आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (Organization for Economic Co-operation & Development- OECD) के अनुसार, वित्तीय निर्णय लेने के लिये या व्यक्तिगत वित्तीय कल्याण हासिल करने के लिये इसे वित्तीय जागरूकता, ज्ञान,कौशल, दृष्टिकोण और आवश्यक व्यवहार के संयोजन के रूप में परिभाषित किया जाता है।

वित्तीय शिक्षा (Financial Education):

  • इसे उस प्रक्रिया के रूप में परिभाषित किया गया है जिसके द्वारा वित्तीय उपभोक्ता/ निवेशक वित्तीय उत्पादों, अवधारणाओं एवं जोखिमों से संबंधित अपनी जानकारी में सुधार करते हैं और सूचना, निर्देश या उद्देश्य के माध्यम से वित्तीय जोखिमों एवंअवसरों के बारे में अधिक जागरूक बनने के लिये कौशल एवं आत्मविश्वास विकसित करते हैं।
  • इसके अतिरिक्त सूचित विकल्प बनाने के लिये या यह जानने के लिये कि मदद के लिये कहाँ जाना है और वित्तीय कल्याण में सुधार करने के लिये अन्य प्रभावी कार्रवाई करना है।

नेशनल सेंटर फॉर फाइनेंशियल एजुकेशन (NCFE):

रणनीतिक उद्देश्य (Strategic Objectives):

हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने वर्ष 2019-2024 की अवधि के लिये वित्तीय समावेशन हेतु राष्ट्रीय रणनीति (National Strategy for Financial Inclusion- NSFI) भी जारी की है।

आगे की राह:

स्रोत: द हिंदू