राष्ट्रीय उन्नत रसायन बैटरी भंडारण कार्यक्रम | 18 May 2021

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उन्नत रसायन बैटरी (Advanced Chemistry Cell) के आयात को कम करने के लिये इसके निर्माताओं हेतु 18,100 करोड़ रुपए की उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (Production Linked Incentive) योजना को मंज़ूरी दी है।

  • इस योजना को राष्ट्रीय उन्नत रसायन बैटरी भंडारण कार्यक्रम (National Programme on Advanced Chemistry Cell Battery Storage) के नाम से जाना जाता है। यह योजना भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय (Ministry of Heavy Industries & Public Enterprises) के अधीन है।

प्रमुख बिंदु

  • उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना के विषय में:
    • इस योजना का उद्देश्य घरेलू इकाइयों में निर्मित उत्पादों की बिक्री में वृद्धि पर कंपनियों को प्रोत्साहन राशि देना है।
    • यह विदेशी कंपनियों को भारत में इकाइयाँ स्थापित करने के लिये आमंत्रित करता है, हालाँकि इसका उद्देश्य स्थानीय कंपनियों को मौजूदा विनिर्माण इकाइयों की स्थापना या विस्तार करने हेतु प्रोत्साहित करना है।
    • इस योजना को ऑटोमोबाइल, फार्मास्यूटिकल्स, आईटी हार्डवेयर जैसे-लैपटॉप, मोबाइल फोन और दूरसंचार उपकरण, रासायनिक बैटरी आदि क्षेत्रों के लिये भी मंज़ूरी दी गई है।
  • उन्नत रसायन बैटरी के विषय में:
    • यह प्रौद्योगिकी की नई पीढ़ी है जो विद्युत ऊर्जा को विद्युत अथवा रासायनिक ऊर्जा के रूप में संग्रहीत कर सकती हैं और आवश्यकता पड़ने पर इसे पुनः विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित कर सकती है।
    • इस तरह की बैटरी का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ-साथ उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग और बिजली ग्रिड में हो सकेगा।
  • राष्ट्रीय उन्नत रसायन बैटरी भंडारण कार्यक्रम के विषय में:
    • इस कार्यक्रम के तहत लगभग 45,000 करोड़ रुपए के निवेश को आकर्षित करके देश में 50 गीगावॉट ऑवर्स की एसीसी निर्माण क्षमता स्थापित करने की योजना है।
    • प्रत्येक चयनित ACC बैटरी स्टोरेज निर्माता को न्यूनतम 5 GWh क्षमता की ACC निर्माण सुविधा स्थापित करने, 25% का घरेलू मूल्यवर्द्धन (Domestic Value Addition) प्राप्त करने और 2 वर्षों के भीतर 225 करोड़ रुपए/GWh का अनिवार्य निवेश करने की आवश्यकता होती है।
    • इसके अलावा लाभार्थी फर्मों को पाँच वर्षों के भीतर परियोजना स्तर पर न्यूनतम 60% घरेलू मूल्यवर्द्धन सुनिश्चित करना होगा।
    • प्रोत्साहन राशि पाँच वर्ष की अवधि में वितरित की जाएगी। इसका भुगतान बिक्री, ऊर्जा दक्षता, बैटरी जीवन चक्र और स्थानीयकरण स्तरों के आधार पर किया जाएगा।
  • एनपीएसीसी योजना के अपेक्षित लाभ:
    • भारत में बैटरी निर्माण की मांग को पूरा करना।
    • मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत को सुगम बनाना।
    • इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग को सुगम बनाना, जिनसे कम प्रदूषण होता है।
      • ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में भारत की हिस्सेदारी में कमी आएगी।
    • प्रत्येक वर्ष लगभग 20,000 करोड़ रुपए का आयात बचेगा।
    • एसीसी में उच्च विशिष्ट ऊर्जा सघनता को हासिल करने के लिये अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहन।
    • नई और अनुकूल बैटरी प्रौद्योगिकियों को प्रोत्साहन।

स्रोत: पी.आई.बी.