राष्ट्रीय पोषण मिशन | 10 Jul 2019

चर्चा में क्यों?

भारत में मातृ एवं बाल स्वास्थ्य और पोषण से संबंधी 30 से अधिक सरकारी कार्यक्रम और योजनाएँ हैं, परंतु इसके बावजूद भी भारत कुपोषण के संकट से जूझ रहा है।

मुख्य बिंदु:

  • राष्ट्रीय पोषण मिशन (National Nutrition Mission- NNM) का उद्देश्य छोटे बच्चों, महिलाओं और किशोरियों में कुपोषण और एनीमिया को कम करना है।
  • एक अनुमान के मुताबिक इस योजना से कुल 100 मिलियन लोग लाभान्वित होंगे।
  • NNM नीति आयोग द्वारा तैयार की गई राष्ट्रीय पोषण रणनीति (National Nutrition Strategy) द्वारा समर्थित है। इस रणनीति का उद्देश्य वर्ष 2022 भारत को कुपोषण से मुक्त करना है।
  • यह मिशन आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं (Anganwadi Workers- AWWs) को सुचन एवं प्रौद्योगिकी आधारित उपकरणों का प्रयोग करने, सोशल ऑडिट करने और पोषण संसाधन केंद्र स्थापित करने के लिये प्रोत्साहित करेगा।
  • इस मिशन का इरादा तो स्पष्ट है, परंतु इसके क्रियान्वन में कुछ चुनौतियाँ हैं, जो निम्नलिखित हैं:
    • कुपोषण एक जटिल और बहुआयामी मुद्दा है:
      • निर्धनता सहित अपर्याप्त भोजन की खपत, भोजन का असमान वितरण, मातृ, शिशु एवं बच्चे की अनुचित देखभाल, असमानता और लैंगिक असंतुलन, ख़राब साफ-सफाई और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं तक सीमित पहुँच आदि इसके प्रमुख कारण हैं।
      • स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न मंत्रालय और विभाग अक्सर अलग-अलग काम करते हैं और उनके बीच समन्वय में कमी पाई जाती है।
    • अन्य सरकारी योजनाओं की तरह यह योजना भी आवंटित राशि के आंशिक प्रयोग का सामना कर रही है। इस योजना के लिये वर्ष 2018-19 में आवंटित कुल संसाधनों का मात्र 16 प्रतिशत ही प्रयोग में लाया गया था।
    • रियल टाइम डेटा मॉनिटरिंग, स्थिरता और जवाबदेही की कमी के कारण यह मिशन काफी प्रभावित हो सकता है, इसलिये हमे निगरानी प्रणाली को और मज़बूत करने तथा स्थिरता एवं जवाबदेही को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।

स्रोत: लाइव मिंट