नासा का सोलर प्रोब | 24 Jul 2018

चर्चा में क्यों?

नासा ने सूर्य की सतह के अध्ययन के लिये कार के आकार का एक क्राफ्ट भेजने की योजना बनाई है। यह क्राफ्ट सूर्य की सतह पर चार मिलियन मील की दूरी का भ्रमण करेगा। यह सूर्य की ऊष्मा और विकिरण का सामना करने वाला अपनी तरह का पहला क्राफ्ट होगा।

प्रमुख बिंदु:

  • पार्कर सोलर प्रोब अब तक मानव द्वारा निर्मित किसी भी वस्तु की अपेक्षा अधिक करीब से सूर्य की सतह का अध्ययन करेगा।
  • आँखों को सरल दिखाई देने वाली सूर्य की संरचना काफी जटिल है। स्थिर और अपरिवर्तनीय डिस्क के समान प्रतीत होने वाला सूर्य एक गतिशील और चुम्बकीय रूप से सक्रिय तारा है।
  • सूर्य का वातावरण नियमित रूप से चुंबकीय पदार्थों को बाहर निकालता है, प्लूटो की कक्षा से दूर यह सौमंडल को घेरे रहता है।
  • चुंबकीय ऊर्जा की कुंडली जो प्रकाश और विकिरण कणों के साथ बाहर निकल सकती है, अंतरिक्ष में गमन कर हमारे वातावरण में अस्थायी व्यवधान उत्पन्न करती है और कभी-कभी पृथ्वी के नजदीक रेडियों और संचार के सिग्नल को भी विकृत कर देती है।

अंतरिक्ष मौसम:

  • पृथ्वी और अन्य दुनिया पर सौर गतिविधि का प्रभाव सामूहिक रूप से अंतरिक्ष मौसम के रूप में जाना जाता है और इसकी उत्पत्ति को समझने की कुंजी सूर्य में निहित है।
  • पार्कर सोलर प्रोब में सूर्य के दूरस्थ और प्रत्यक्ष दोनों रूप से अध्ययन करने के लिये उपकरणों का एक लाइनअप होता है।
  • इन उकरणों से प्राप्त डेटा तारे के बारे में एक साथ तीन आधारभूत प्रश्नों के उत्तर खोजने में वैज्ञानिकों की मदद करेंगे।
  • पार्कर सोलर प्रोब सूर्य की कोरोना का अन्वेषण करेगा। यह सूर्य का ऐसा क्षेत्र है जिसे पूर्ण सूर्य ग्रहण की स्थिति में चंद्रमा द्वारा सूर्य के प्रकाशमान हिस्से को ढक दिया जाता है।