नासा का ‘इंजेनुइटी मार्स हेलीकॉप्टर' | 21 Apr 2021

चर्चा में क्यों?

हाल ही में नासा के एक लघु रोबोट हेलीकॉप्टर ‘इंजेनुइटी’ (Ingenuity) ने मंगल ग्रह पर सफल टेकऑफ और लैंडिंग की। यह किसी अन्य ग्रह पर पहली संचालित एवं नियंत्रित उड़ान थी।

  • पृथ्वी पर ऐसी पहली उड़ान संचालन वर्ष 1903 में राइट ब्रदर्स ने उत्तरी कैरोलिना के किटी हॉक में प्रदर्शित की थी।

Mars-Helicopter

प्रमुख बिंदु:

इंजेनुइटी:

  • इंजेनुइटी मंगल ग्रह पर उड़ान भरने वाला पहला हेलीकाप्टर है।
  • इसे नासा के ‘पर्सिवरेंस’ रोवर द्वारा ले जाया गया, जिसे जुलाई 2020 में लॉन्च किया गया था।
  • ‘इंजेनुइटी’ काउंटर रोटेटिंग ब्लेड का उपयोग करके उड़ने में सक्षम है जो लगभग 2,400 RPM (रोटेशन प्रति मिनट) की गति से स्पिन करता है।
  • इसमें एक वायरलेस संचार प्रणाली है और यह कंप्यूटर, नेविगेशन सेंसर और दो कैमरों से सुसज्जित है।
  • यह सौर ऊर्जा संचालित है तथा अपने आप चार्ज होने में सक्षम है।

इस मिशन का उद्देश्य:

  • यह हेलीकॉप्टर प्रकृति में प्रयोगात्मक है और रोवर के विज्ञान मिशन से पूरी तरह से स्वतंत्र है।
  • यह उन स्थानों की सतह से नमूने एकत्र करने में मदद करेगा, जहाँ रोवर नहीं पहुँच सकता है।

इस उड़ान का महत्त्व:

  • इन प्रायोगिक परीक्षण उड़ानों से भविष्य के मंगल मिशनों के लिये छोटे हेलीकॉप्टरों की भूमिका के बारे में निर्णय लेने में मदद मिलेगी, जहाँ वे रोबोट स्काउट्स के रूप में सहायक की भूमिका निभा सकते हैं, ऊपर से इलाके का सर्वेक्षण कर सकते हैं या पेलोड ले जाने वाले वैज्ञानिक उपकरण की भूमिका निभा सकते हैं।

नासा का ‘पर्सिवरेंस’ रोवर

  • यह लाल ग्रह (मंगल) पर लगभग दो वर्ष तक रहेगा और प्राचीन जीवन के संकेतों को ढूंढेगा।
  • रोवर को प्राचीन जीवन के संकेतों का अध्ययन करने के लिये डिज़ाइन किया गया है, इसके माध्यम से नमूने एकत्र किये जाएंगे जो भविष्य के मिशनों के दौरान पृथ्वी पर वापस भेजे जा सकते हैं तथा ऐसी नई तकनीक का परीक्षण किया जा सकता है जो इस ग्रह से संबंधित भविष्य के रोबोट और मानव मिशनों को लाभ पहुँचा सके।

मंगल:

आकार एवं दूरी:

  • यह सूर्य से चौथे स्थान पर स्थित ग्रह है और सौरमंडल का दूसरा सबसे छोटा ग्रह है। इसे 'लाल ग्रह' भी कहा जाता है।
  • मंगल ग्रह का आकार पृथ्वी का लगभग आधा है।

पृथ्वी से समानताएँ:

  • मंगल सूर्य की परिक्रमा करता है, यह 24.6 घंटे में एक चक्कर पूरा करता है, जो कि पृथ्वी पर एक दिन (23.9 घंटे) के समान है।
  • मंगल का अक्षीय झुकाव 25 डिग्री है। यह पृथ्वी के लगभग समान है, जो कि 23.4 डिग्री के अक्षीय झुकाव पर स्थित है।
  • पृथ्वी की तरह मंगल ग्रह पर भी अलग-अलग मौसम पाए जाते हैं, लेकिन वे पृथ्वी के मौसम की तुलना में लंबी अवधि के होते हैं क्योंकि मंगल सूर्य की परिक्रमा करने में अधिक समय लेता है (क्योंकि यह दूर है)।
  • मंगल के दिनों को 'सोलर डे' का संक्षिप्त रूप ‘सोल्स’ कहा जाता है।
  • मंगल के दो छोटे उपग्रह हैं- फोबोस और डीमोस।

भारत का मार्स ऑर्बिटर मिशन (MOM) या मंगलयान:

  • इसे नवंबर 2013 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा आंध्र प्रदेश के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था।
  • यह पीएसएलवी सी-25 रॉकेट द्वारा मंगल ग्रह की सतह और खनिज संरचना के अध्ययन के साथ-साथ मीथेन (मंगल पर जीवन का एक संकेतक) की खोज करने के उद्देश्य से लॉन्च किया गया था।

स्रोत-इंडियन एक्सप्रेस