नासा का गेटवे लूनर ऑर्बिटिंग आउटपोस्ट | 18 Jun 2020

प्रीलिम्स के लिये

गेटवे लूनार ऑर्बिटिंग आउटपोस्ट, अर्टेमिस कार्यक्रम

मेन्स के लिये

पृथ्वी ग्रह से इतर अन्य ग्रहों पर बढ़ती मानव की गतिविधियाँ 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में नासा ने अपने गेटवे लूनर ऑर्बिटिंग आउटपोस्ट (Gateway Lunar Orbiting Outpost) के शुरुआती क्रू-मॉड्यूल के लिये अनुबंध किया है। 

प्रमुख बिंदु: 

  • यह अनुबंध जिसकी कीमत 187 मिलियन डॉलर है, को वर्जीनिया के ऑर्बिटल साइंस कॉरपोरेशन ऑफ डल्लास (Orbital Science Corporation of Dulles) द्वारा सराहा गया है, जो नार्थरोप  ग्रुम्मन स्पेस (Northrop Grumman Space) की पूर्ण स्वामित्त्व वाली सहायक कंपनी है।  
  • नासा ने इस गेटवे को चंद्रमा की कक्षा में एवं चंद्रमा की सतह पर अन्वेषण के नए युग की कुंजी के रूप में वर्णित किया है।
  • इस गेटवे की सबसे अनूठी विशेषताओं में से एक यह है कि इसे और अधिक शोध करने के लिये चंद्रमा के आसपास अन्य कक्षाओं में भी ले जाया जा सकता है।
  • इस गेटवे को अंतर्राष्ट्रीय एवं वाणिज्यिक दोनों भागीदारों द्वारा बनाया जा रहा है और यह पहले चंद्रमा पर एवं चंद्रमा के पास तथा बाद में मंगल ग्रह पर अन्वेषण कार्य का समर्थन करेगा।

अनुबंध में क्या है?

  • नासा ने गेटवे के लिये हैबिटेशन एंड लाॅजिस्टिक्स (Habitation and Logistics- HALO) को समर्थन देने हेतु डिज़ाइन करने के लिये यह अनुबंध जारी किया है, जो नासा के अर्टेमिस कार्यक्रम (Artemis Program) का एक हिस्सा है जिसका उद्देश्य वर्ष 2024 तक पहले महिला और फिर आदमी को चंद्रमा पर भेजना है। 
    • HALO, दबाव की दशा में रहने योग्य कमरों को संदर्भित करता है जहाँ अंतरिक्ष यात्री गेटवे का दौरा करते हुए अपना समय बिताएंगे।
  • नासा की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, ये क्वार्टर (कमरे) एक छोटे से अपार्टमेंट के आकार के होंगे और यह नासा के ओरियन अंतरिक्ष यान के साथ मिलकर अंतरिक्ष यात्रियों के लिये अनुकूल सुविधाएँ प्रदान करेगा।

नासा का गेटवे लूनार ऑर्बिटिंग आउटपोस्ट:

  • अनिवार्य रूप से गेटवे एक छोटा सा अंतरिक्ष यान है जो चंद्रमा की परिक्रमा लगाएगा जिसे पहले चंद्रमा पर भेजे जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के लिये और बाद में मंगल ग्रह के अभियानों के लिये प्रयोग में लाया जाएगा।
  • यह एक अस्थायी कार्यालय तथा अंतरिक्ष यात्रियों के लिये रहने योग्य क्वार्टर (कमरे) के रूप में कार्य करेगा जो पृथ्वी से लगभग 250,000 मील की दूरी पर अवस्थित होगा।
    • इस अंतरिक्ष यान में विज्ञान एवं अनुसंधान के लिये प्रयोगशालाएँ, रहने योग्य क्वार्टर आदि की सुविधाएँ होंगी।
    • इसके अलावा अंतरिक्ष यात्री प्रति वर्ष कम-से-कम एक बार गेटवे का उपयोग करेंगे।
    • इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) की तुलना में गेटवे बहुत छोटा है (एक स्टूडियो अपार्टमेंट के आकार का) जबकि ISS छह बेडरूम वाले घर के आकार का होता है।
    • एक बार गेटवे से जाने के बाद अंतरिक्ष यात्री एक समय में तीन महीने तक वहाँ रह सकेंगे तथा विज्ञान के प्रयोगों का संचालन कर सकेंगे और चंद्रमा की सतह पर यात्रा कर सकेंगे।
  • नासा की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, गेटवे एक हवाई अड्डे के रूप में कार्य करेगा 
  • गौरतलब है कि नासा गेटवे का उपयोग एक विज्ञान मंच के रूप में करना चाहती है ताकि वह पृथ्वी का पुनः अन्वेषण कर सके, सूर्य का निरीक्षण कर सके और विशाल ब्रह्मांड की अबाधित जानकारियों को प्राप्त कर सके।
    • पृथ्वी, चंद्रमा और मंगल के भू-विज्ञान का अध्ययन करके नासा इनके बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकती है।
  • नासा ने वर्ष 2026 तक गेटवे के पूरा होने का लक्ष्य निर्धारित किया है जबकि अंतरिक्ष यान पर काम पहले से ही चल रहा है।
  • वर्ष 2022 तक नासा ने अंतरिक्ष यान के लिये पावर एंड प्रोपल्शन (Power and Propulsion) तैयार करने की योजना बनाई है जिसे एक वाणिज्यिक रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस