नैनोमैटिरियल्स आधारित सुपरकैपसिटर | 08 May 2020

प्रीलिम्स के लिये:

नैनोमैटिरियल्स आधारित सुपरकैपसिटर, 

मेन्स के लिये:

नैनोमैटिरियल्स आधारित सुपरकैपसिटर से संबंधित मुद्दे 

चर्चा में क्यों:

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-वाराणसी (Indian Institute of Technology-Varanasi) के शोधकर्त्ताओं (INSPIRE पुरस्कार प्राप्तकर्त्ता भी शामिल) ने नैनोमैटिरियल्स आधारित सुपरकैपसिटर (Nanomaterials Based Supercapacitor) विकसित किया है। 

प्रमुख बिंदु:

  • यह शोधकार्य ‘मैटेरियल्स रिसर्च एक्सप्रेस’ (Materials Research Express) में प्रकाशित किया गया है।
  • गौरतलब है कि नैनोमैटिरियल्स आधारित सुपरकैपेसिटर की मदद से उच्च ऊर्जा घनत्व और उच्च शक्ति घनत्व को प्राप्त किया जा सकता है।
  • शोधकर्त्ताओं ने 100°C पर उच्च संधारित क्षमता वाले ‘रिडूसड ग्राफेन ऑक्साइड’ (Reduced Graphene Oxide rGO) को विकसित किया है।
  • शोधकर्त्ताओं ने लौह-आधारित नैनोकैटलिस्ट के संश्लेषण हेतु एक नया दृष्टिकोण भी विकसित किया है, जिसका उपयोग कैबोन नैनोट्यूब के बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिये किया जा सकता है।

महत्त्व:

  • तकनीकी प्रगति और बढ़ती आबादी से ऊर्जा की मांग में निरंतर बढ़ोतरी मानव समाज के सामने एक गंभीर चुनौती है।
  • उच्च ऊर्जा घनत्व वाले सुपरकैपसिटर से अत्यधिक समय तक बिना चार्ज किये एक सामान विद्युत धारा प्रवाहित हो सकती है।
  • सुपरकैपसिटर की मदद से वाहनों की बैटरी को बिना चार्ज किये लंबी दूरी का सफर तय किया जा सकता है।

अन्य शोधकार्य:

  • शोधकर्त्ताओं का एक समूह नैनोमैटेरियल्स के ऑप्टोइलेक्ट्रोनिक अनुप्रयोग पर भी कार्य कर रहा है।
    • ‘ऑप्टोइलेक्ट्रोनिक’ इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और प्रणालियों का अध्ययन है जिसमे प्रकाश के स्रोत का पता लगाना और नियंत्रित करना शामिल है।
  • शोधकर्त्ताओं द्वारा ‘फोटोडिटेक्शन’ (Photodetection) और ‘सरफेस एनहांस्ड रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी’ (Surface-Enhanced Raman Spectroscopy) के लिये कार्बन तथा धातु डाइकैल्कोजेनाइड्स अर्द्धचालक (Metal Dichalcogenides Semiconductors) के नैनोस्ट्रक्चर को भी विकसित किया जा रहा है।
    • ट्रांज़ीशन मेटल डाइकैल्कोजेनाइड्स: यह मोनोलेयर्स MX2 के पतले अर्द्धचालक के अणु के रूप में होते हैं जिसमे M एक ट्रांज़ीशन मेटल अणु (Mo, W, इत्यादि) और X एक चाल्कोज़न (Chalcogen) अणु (S, Se, इत्यादि) है।
    • फोटोडिटेक्शन: ‘फोटोडिटेक्शन’ एक ऑप्टिकल सिग्नल को दूसरे सिग्नल के रूप में परिवर्तित करता है। अधिकांश फोटोडिटेक्शन ऑप्टिकल सिग्नल को विद्युत सिग्नल में परिवर्तित करते हैं जिन्हें आगे संसाधित या संग्रहीत किया जा सकता है।
  • इस शोधकार्य के माध्यम से उन्होंने दृश्यमान प्रकाश (Visible Light) का पता लगाने हेतु नैनोस्केल MoS2 के विभिन्न आर्किटेक्चर के उत्कृष्ट फोटोडिटेक्शन के व्यवहार का भी पता लगाया है। 
  • सिग्नल कार्य हेतु ‘अल्ट्राफास्ट डिटेक्टर’ को विकसित करने हेतु यह शोधकार्य मददगार साबित हो सकता है।
  • यह शोधकार्य ‘फिज़िकल केमिस्ट्री लेटर्स’ (Physical Chemistry Letters) में प्रकाशित किया गया है।
  • ‘सरफेस एनहांस्ड रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी’ पानी में मौजूद न्यूनतम सांद्रता वाले हानिकारक अणुओं का पता लगाने में मदद कर सकता है।

इनोवेशन इन साइंस परसूट फॉर इंस्पायर्ड रिसर्च (INSPIRE):

  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Science & Technology-DST) द्वारा शुरू किये गए INSPIRE कार्यक्रम के तहत विज्ञान में प्रतिभावान छात्रों को अवसर प्रदान करने का प्रयास किया जाता है।
  • इस कार्यक्रम की शुरुआत 13 दिसंबर, 2008 को की गई थी।
  • INSPIRE कार्यक्रम के तीन घटक हैं - 
    • विज्ञान में प्रतिभा के शुरूआती आकर्षण हेतु योजना
    • उच्‍च शिक्षा के लिये छात्रवृत्‍ति
    • शोध कार्य हेतु अवसर

Inspire-Scheme

स्रोत: पीआईबी