एम.टी. स्वर्ण कृष्ण: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस | 09 Mar 2021

चर्चा में क्यों?

बंदरगाह, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री द्वारा भारत के शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (Shipping Corporation of India- SCI) के जहाज़ एम.टी. स्वर्ण कृष्ण (MT Swarna Krishna) जिसका संचालन समग्र रूप से महिला चालक दल द्वारा किया जा रहा है, को हरी झंडी दिखाई गई।

  • यह  SCI के  चल रहे  डायमंड जुबली समारोह और अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8वांँ दिन) के अवसर पर एक पहल  है ।
  • विश्व समुद्री इतिहास (World Maritime History) में यह पहली बार है कि जब पूर्णत: महिला अधिकारियों द्वारा संचालित एक मालवाहक जहाज़ को रवाना किया जा रहा है।

शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया:

  • SCI की स्थापना 2 अक्तूबर, 1961 को पूर्वी नौवहन निगम और पश्चिमी नौवहन निगम के विलय द्वारा की गई थी
    • दो और शिपिंग कंपनियों- जयंती शिपिंग कंपनी (Jayanti Shipping Company) और मोगल लाइन्स लिमिटेड (Mogul Lines Limited) को क्रमशः वर्ष 1973 और वर्ष 1986 में SCI में मिला दिया गया।
    • यह भारत सरकार का सार्वजनिक उपक्रम है। यह उन जहाज़ों का संचालन और प्रबंधन करता है जो राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों  पर  सेवा प्रदान करते हैं।
  • मुख्यालय: मुंबई
  • नवरत्न का दर्जा: SCI को वर्ष 2008 में भारत सरकार द्वारा प्रतिष्ठित "नवरत्न" कंपनी का दर्जा दिया गया था।
  • विनिवेश: नवंबर 2019 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रणनीतिक खरीदार को प्रबंधन नियंत्रण के हस्तांतरण के साथ SCI में भारत सरकार के 63.75% की हिस्सेदारी के रणनीतिक विनिवेश हेतु '' सैद्धांतिक रूप से '' मंज़ूरी प्रदान की थी।

प्रमुख बिंदु:

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस: 

  • यह प्रतिवर्ष 8 मार्च को मनाया जाता है जिसमें शामिल हैं:
    • महिलाओं की उपलब्धियों को प्रोत्साहित करना। 
    • महिलाओं की समानता के बारे में जागरुकता को बढ़ाना। 
    • त्वरित लिंग समानता के लिये पैरवी।
    • महिला को केंद्र में रखते हुए अनुदान एकत्र करना। 
  • संक्षिप्त परिचय
    • पहली बार महिला दिवस वर्ष 1911 में ज़र्मनी के क्लारा ज़ेटकिन द्वारा मनाया गया था। प्रथम महिला दिवस की जड़ें मज़दूर आंदोलन से जुड़ी थीं। 
    • वर्ष 1913 में इसे 8 मार्च को स्थानांतरित कर दिया गया था, जो वर्तमान तक जारी है।
    • संयुक्त राष्ट्र द्वारा पहली बार वर्ष 1975 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया था। 
      • दिसंबर 1977 में महासभा के सदस्य राष्ट्रों द्वारा अपनी ऐतिहासिक और राष्ट्रीय परंपराओं के अनुसार, वर्ष के किसी भी दिन मनाए जाने वाला महिला अधिकार और अंतर्राष्ट्रीय शांति हेतु संयुक्त राष्ट्र दिवस घोषित करने का प्रस्ताव अपनाया गया।

2021 की थीम

  • UN द्वारा वर्ष 2021 हेतु  ‘वुमेन इन लीडरशिप: अचिविंग एन इक्वल फ्यूचर इन कोविड-19 वर्ल्ड’ (Women in leadership: Achieving an equal future in a Covid-19 world) थीम को चुना गया है। 
    • उल्लेखनीय है कि वर्ष 2021 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कुछ महिला समूहों द्वारा “चूज़ टू चैलेंज” नामक अभियान भी शुरू किया गया है।

संबंधित डेटा:

  • संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, कानूनी प्रतिबंधों ने 2.7 बिलियन महिलाओं को पुरुषों के  समान नौकरियों तक पहुंँचने से रोका  है।
    • वर्ष 2019 तक 25% से कम महिलाएंँ सांसद  थीं।
    • तीन में से एक महिला लिंग आधारित हिंसा से पीड़ित है।
  • ILO के अनुमान के अनुसार, वर्ष 2019 में कोविड-19 महामारी से पहले भारत में महिला श्रम बल की भागीदारी पुरुषों (76%)की तुलना में 20.5% थी।
  • वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स (जो लिंग समानता की दिशा में प्रगति को मापता है) में भारत वर्ष 2019-20 में 112वें स्थान पर आ गया  है जिसका मुख्य कारण 70 लाख से अधिक भारतीय महिलाओं को रोज़गार से मुक्त किया जाना है।

भारत में महिलाओं हेतु सुरक्षात्मक उपाय:

  • संवैधानिक उपाय:
    • मौलिक अधिकार: अनुच्छेद 14 सभी भारतीयों को समानता के अधिकार की गारंटी प्रदान करता है।अनुच्छेद 15 (1) के अनुसार, लिंग के आधार पर राज्य द्वारा कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा और अनुच्छेद 15 (3) महिलाओं के पक्ष में राज्य द्वारा किये जाने वाले विशेष प्रावधान करता है।  
    • मौलिक कर्तव्य: संविधान प्रत्येक नागरिक को अनुच्छेद 51 (ए) (ई) के माध्यम से महिलाओं की गरिमा के खिलाफ अपमानजनक प्रथाओं का त्याग करने हेतु मौलिक कर्तव्य को लागू करता है। 
  • विधायी ढांँचा:
    • घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, 2005: यह अभियोजन के माध्यम से घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करता है। 
    • दहेज निषेध अधिनियम, 1961: यह दहेज की मांग, भुगतान या स्वीकृति पर प्रतिबंध लगाता है।
    • कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013: यह महिलाओं को उनके कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से सुरक्षा प्रदान करता है।
  • संबंधित योजनाएँ: महिला प्रौद्योगिकी पार्क, जेंडर एडवांसमेंट फॉर ट्रांसफॉर्मिंग  इंस्टीट्यूट (GATI) आदि।

महिलाओं से संबंधित विषयों पर वैश्विक सम्मेलन:

  • संयुक्त राष्ट्र द्वारा महिलाओं से संबंधित मुद्दों पर 4 बार वैश्विक सम्मेलनों का आयोजन किया गया है: 
    • मैक्सिको सिटी, 1975
    • कोपेनहेगन, 1980
    • नैरोबी, 1985
    • बीजिंग, 1995
  • बीजिंग में आयोजित चौथा महिला विश्व सम्मेलन (WCW), संयुक्त राष्ट्र के सबसे बड़े इवेंट्स में से एक था और लैंगिक समानता एवं महिलाओं के सशक्तीकरण के संदर्भ में महत्त्वपूर्ण घटनाक्रम था।
    • बीजिंग सम्मलेन में प्लेटफॉर्म फॉर एक्शन (Platform for Action–PFA) को अपनाया गया था।
    • यह महिलाओं के प्रति सभी प्रकार के भेदभावों को समाप्त करने हेतु अभिसमय (Convention on the Elimination of All Forms of Discrimination Against Women–CEDAW) और संयुक्त राष्ट्र महासभा तथा आर्थिक एवं सामाजिक विकास संगठन (ECOSCO) द्वारा अपनाए गए प्रासंगिक प्रस्तावों को अनुमोदित करता है।

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम ( United Nations Development Programme-UNDP) द्वारा  विकासशील देशों में गरीब महिलाओं हेतु अस्थायी मूल आय (TBI) का प्रस्ताव दिया गया है, ताकि इस उपाय के तहत कोरोनोवायरस महामारी के प्रभावों से निपटने में मदद की जा सके और हर दिन महिलाओं के समक्ष उत्पन्न आर्थिक दबाव को कम किया जा सके।

स्रोत: द हिंदू