अमराबाद रिज़र्व में माउस डियर का सरंक्षण | 15 Sep 2017

चर्चा में क्यों?

देश में पहली बार अपनी तरह के एक अनोखे अभियान में तेलंगाना राज्य वन विभाग द्वारा अमराबाद टाइगर रिज़र्व (Amrabad Tiger Reserve) के नल्लामल्ला के जंगलों में माउस डियर (mouse deer) को छोड़ा गया है, ताकि उनका सरंक्षण सुनिश्चित किया जा सके।

अभियान का उद्देश्य

  • 2.4 हेक्टेयर के संरक्षित क्षेत्र में इन माउस डियर को छोड़ने का उद्देश्य जैव-विविधता में सुधार लाना है।
  • गौरतलब है कि इस अभियान के लिये अमरबाद टाइगर रिज़र्व को इसलिये चुना गया क्योंकि ये लुप्तप्राय जीव पहले इसी क्षेत्र में पाए जाते थे।
  • इस अभियान के तहत इनके लिये बाह्य रूप से भोजन की आपूर्ति की जाएगी और फिर धीरे-धीरे कम करते हुए यह आपूर्ति बंद कर दी जाएगी, ताकि वे भोजन के लिये स्व-निर्भर हो सकें।

माउस डियर से संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य

  • माउस डियर को 'चित्तीदार कस्तूरी-मृग' (spotted Chevrotain) भी कहा जाता है। यह लुप्तप्राय प्रजातियों में से एक है जो आमतौर पर देश के पर्णपाती और सदाबहार जंगलों में पाया जाता है।
  • ये जीव रात में विचरण करते हैं। इन्हें तेलुगू में "जेरीनी पंडी" भी कहा जाता है। हाल के वर्षों में निवास स्थलों के विनाश और शिकार के कारण उनकी संख्या में तेज़ी से गिरावट आई है।

अमराबाद टाइगर रिज़र्व से संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य

  • अमराबाद टाइगर रिज़र्व, महाबूबनगर और नालगोंडा के ज़िलों में 2,800 वर्ग कि.मी. के क्षेत्र में फैला देश में सबसे बड़ा टाइगर रिज़र्व है।
  • अमराबाद टाइगर रिज़र्व पहले 'नागार्जुनसागर-श्रीसैलम टाइगर रिज़र्व’ क्षेत्र का हिस्सा था, लेकिन जब आंध्र प्रदेश और तेलंगाना अलग हुए तो रिज़र्व के उत्तरी हिस्से का नाम बदलकर 'अमराबाद टाइगर रिज़र्व' कर दिया गया, जो कि तेलंगाना राज्य में स्थित है।
  • नागार्जुनसागर-श्रीसैलम टाइगर रिज़र्व का दक्षिणी हिस्सा ‘नागार्जुनसागर-श्रीसैलम टाइगर रिज़र्व’ के नाम से ही आंध्र प्रदेश में स्थित है।