पॉल्युशन एंड हेल्थ मीट्रिक्स रिपोर्ट | 20 Dec 2019

प्रीलिम्स के लिये

पॉल्युशन एंड हेल्थ मीट्रिक्स रिपोर्ट

मेन्स के लिये

मानव स्वास्थ्य पर प्रदूषण का प्रभाव

चर्चा में क्यों?

हाल ही में ग्लोबल एलायंस ऑन हेल्थ एंड पॉल्युशन (Global Alliance on Health and Pollution- GAHP) द्वारा 2019 पॉल्युशन एंड हेल्थ मीट्रिक्स: ग्लोबल, रीजनल एंड कंट्री एनालिसिस रिपोर्ट (2019 Pollution and Health Metrics: Global, Regional and Country Analysis report) जारी की गई।

  • यह रिपोर्ट लांसेट कमीशन ऑन हेल्थ एंड पॉल्युशन (Lancet Commission on Pollution and Health) के निष्कर्षों पर आधारित है।

मुख्य बिंदु:

  • इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2017 में वैश्विक स्तर पर हुई कुल मौतों में 15% मौतें प्रदूषण की वजह से हुईं।
  • विश्व में प्रदूषण की वजह से होने वाली असामयिक मौतों (Premature Deaths) के मामले में शीर्ष देशों की सूची में भारत (23 लाख) पहले स्थान पर तथा चीन (18 लाख) दूसरे स्थान पर है। अमेरिका (1 लाख 96 हज़ार) इस सूची में सातवें स्थान पर है।

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  • प्रदूषण की वजह से प्रति 1 लाख जनसंख्या पर होने वाली कुल असामयिक मौतों के मामले में चाड (287) पहले स्थान पर है जबकि, इस सूची में भारत (174) दसवें स्थान पर है।

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  • केवल वायु प्रदूषण की वजह से होने वाली असामयिक मौतों के मामले में चीन (12 लाख 42 हज़ार) पहले, भारत (12 लाख 40 हज़ार) दूसरे तथा पाकिस्तान (1 लाख 28 हज़ार) तीसरे स्थान पर है।

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  • भारत एकमात्र देश है जो कि इस रिपोर्ट द्वारा जारी तीनों सूचियों में शामिल है।
  • हालाँकि वर्ष 2015 से 2017 के दौरान प्रदूषण की वजह से होने वाली मौतों में कमी आई है। वर्ष 2015 में प्रदूषण की वजह से 90 लाख मौतें हुईं जबकि, वर्ष 2017 में ये 83 लाख रह गईं।
  • इन रिपोर्ट के अनुसार, जहाँ प्रदूषण के परंपरागत स्रोतों जैसे- गंदगी तथा घरेलू धुआँ आदि में कमी आई है वहीं आधुनिक स्रोतों जैसे- शहरीकरण एवं औद्योगीकरण आदि में वृद्धि हुई है।
  • वैश्विक स्तर पर आधुनिक प्रदूषण की वजह से प्रतिवर्ष 53 लाख लोगों की मौत होती है जो कि अन्य सभी कारणों में सर्वाधिक है।
  • रिपोर्ट के अनुसार, हृदय से संबंधित कुल रोगों के 21%, हृदयाघात के 23%, इस्केमिक (Ischemic) हृदय रोग के 26% तथा फेफड़ों के कैंसर के 43% मामलों में होने वाली कुल मौतों का कारण प्रदूषण था।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस