मंकीपॉक्स | 27 Jul 2021

प्रिलिम्स के लिये

ज़ूनोटिक रोग, मंकीपॉक्स

मेन्स के लिये

ज़ूनोटिक रोगों (मंकीपॉक्स) का कारण एवं इन्हें रोकने हेतु उपाय

चर्चा में क्यों?

हाल ही में अमेरिका ने नाइजीरिया से यात्रा करने वाले लोगों की निगरानी करना शुरू किया है, क्योंकि उसको डर है कि ये लोग मंकीपॉक्स (Monkeypox) से संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए हो सकते हैं।

प्रमुख बिंदु

मंकीपॉक्स के विषय में:

  • यह एक वायरल ज़ूनोटिक रोग (Zoonotic Disease- जानवरों से मनुष्यों में संचरण होने वाला रोग) है और बंदरों में चेचक जैसी बीमारी के रूप में पहचाना जाता है, इसलिये इसे मंकीपॉक्स नाम दिया गया है। यह नाइजीरिया की स्थानिक बीमारी है।
  • यह रोग मंकीपॉक्स वायरस के कारण होता है, जो पॉक्सविरिडे फैमिली (Poxviridae Family) में ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस (Orthopoxvirus Genus) का सदस्य है।
  • वायरस का प्राकृतिक स्रोत अज्ञात है, लेकिन इसे कई जानवरों में पाया गया है।
    • मंकीपॉक्स वायरस के स्रोत के रूप में पहचाने जाने वाले जानवरों में बंदर और वानर, विभिन्न प्रकार के कृतंक (चूहों, गिलहरियों और प्रैरी कुत्तों सहित) तथा खरगोश शामिल हैं।

प्रकोप:

  • इसे सर्वप्रथम वर्ष 1958 में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) में बंदरों में और वर्ष 1970 में मनुष्यों में पाया गया था।
  • नाइजीरिया ने वर्ष 2017 में पूर्व में पुष्टि किये गए मामले के 40 वर्ष बाद सबसे बड़े प्रकोप का अनुभव किया है।
  • इसके बाद कई पश्चिम और मध्य अफ्रीकी देशों में इस बीमारी की सूचना मिली है।

लक्षण:

  • इससे संक्रमित लोगों में चिकन पॉक्स जैसे दिखने वाले दाने निकल आते हैं लेकिन मंकीपॉक्स के कारण होने वाला बुखार, अस्वस्थता और सिरदर्द आमतौर पर चिकन पॉक्स के संक्रमण की तुलना में अधिक गंभीर होते हैं।
  • रोग के प्रारंभिक चरण में मंकीपॉक्स को चेचक से अलग किया जा सकता है क्योंकि इसमें लिम्फ ग्रंथि (Lymph Gland) बढ़ जाती है।

संचरण:

  • प्राथमिक संक्रमण किसी संक्रमित जानवर के रक्त, शारीरिक तरल पदार्थ या त्वचीय या म्यूकोसल घावों के सीधे संपर्क के माध्यम से होता है। संक्रमित जानवरों का अपर्याप्त पका हुआ माँस खाना भी जोखिम का कारक है।
  • मानव-से-मानव संचरण का कारण संक्रमित श्वसन पथ स्राव, संक्रमित व्यक्ति की त्वचा के घावों से या रोगी या घाव से स्रावित तरल पदार्थ द्वारा तथा दूषित वस्तुओं के निकट संपर्क हो सकता है।
  • संचरण टीकाकरण या प्लेसेंटा (जन्मजात मंकीपॉक्स) के माध्यम से भी हो सकता है।

संवेदनशीलता:

  • यह तेज़ी से फैलता है और संक्रमित होने पर दस में से एक की मौत का कारण बन सकता है।

उपचार और टीका:

  • मंकीपॉक्स संक्रमण के लिये कोई विशिष्ट उपचार या टीका उपलब्ध नहीं है। अतीत में मंकीपॉक्स को रोकने में चेचक रोधी टीके को 85% प्रभावी दिखाया गया था।
    • वर्ष 1980 में दुनिया को चेचक से मुक्त घोषित कर दिया गया था, इसलिये यह टीका अब व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं है।
  • वर्तमान में मंकीपॉक्स के प्रसार को रोकने के लिये कोई वैश्विक प्रणाली मौजूद नहीं है।

आगे की राह:

  • बेहतर निगरानी और प्रतिक्रिया, बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाना और जंगली जानवरों, विशेष रूप से बंदरों के संपर्क से बचना।
  • कोई भी जानवर जो संक्रमित जानवर के संपर्क में आया हो, उसे क्वारंटाइन किया जाना चाहिये, मानक सावधानियों को ध्यान दिया जाना चाहिये और 30 दिनों तक मंकीपॉक्स के लक्षणों का परीक्षण करना चाहिये।
  • अन्य बीमारियों पर भी ध्यान देना ज़रूरी है। स्थानिक रोगों से संबंधित रिपोर्ट किये गए मामलों की संख्या में गिरावट आई है क्योंकि लोग कोविड-19 के कारण अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं की देखभाल नहीं कर पा रहे हैं।

स्रोत-डाउन टू अर्थ