मंकीपॉक्स | 09 May 2022

प्रिलिम्स के लिये:

वायरल ज़ूनोसिस, मंकीपॉक्स, स्मॉल पॉक्स।

मेन्स के लिये:

ज़ूनोटिक रोग, स्वास्थ्य। 

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में यूनाइटेड किंगडम में स्वास्थ्य अधिकारियों ने एक व्यक्ति में ‘मंकीपॉक्स’ के मामले की पुष्टि की है, जो चेचक के समान एक दुर्लभ वायरल संक्रमण है, इस व्यक्ति ने हाल ही में नाइजीरिया की यात्रा की थी।

  • मंकीपॉक्स एक वायरल ज़ूनोसिस (जानवरों से मनुष्यों में प्रसारित होने वाला वायरस) है, जिसमें चेचक के रोगियों में अतीत में देखे गए लक्षणों के समान लक्षण होते हैं, हालाँकि यह चिकित्सकीय रूप से कम गंभीर है।
  • वर्ष 1980 में चेचक के उन्मूलन और बाद में चेचक के टीकाकरण की समाप्ति के साथ यह सबसे महत्त्वपूर्ण ऑर्थोपॉक्सवायरस के रूप में उभरा है।
  • ‘जीनस ऑर्थोपॉक्सवायरस’ (Genus Orthopoxvirus) की चार प्रजातियाँ होती हैं जो मनुष्यों को संक्रमित करती हैं: वेरियोला (चेचक), मंकीपॉक्स, वैक्सीनिया (बफेलो पॉक्स) और काऊ पॉक्स।

मंकीपॉक्स:

  • मंकीपॉक्स के विषय में: यह एक वायरल ज़ूनोटिक रोग (Zoonotic Disease- जानवरों से मनुष्यों में संचरण होने वाला रोग) है और बंदरों में चेचक जैसी बीमारी के रूप में पहचाना जाता है, इसलिये इसे मंकीपॉक्स नाम दिया गया है। यह नाइजीरिया की स्थानिक बीमारी है।
    • मंकीपॉक्स वायरस के स्रोत के रूप में पहचाने जाने वाले जानवरों में बंदर और वानर, विभिन्न प्रकार के कृतंक (चूहों, गिलहरियों तथा प्रैरी कुत्तों सहित) एवं खरगोश शामिल हैं।
    • यह रोग मंकीपॉक्स वायरस के कारण होता है, जो पॉक्सविरिडे फैमिली (Poxviridae Family) में ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस (Orthopoxvirus Genus) का सदस्य है।
  • पृष्ठभूमि: मंकीपॉक्स का संक्रमण पहली बार वर्ष 1958 में अनुसंधान के लिये रखे गए बंदरों की कॉलोनियों में चेचक जैसी बीमारी के दो प्रकोपों ​​के बाद खोजा गया जिसे 'मंकीपॉक्स' नाम दिया गया।
  • लक्षण: इससे संक्रमित लोगों में चिकन पॉक्स जैसे दिखने वाले दाने निकल आते हैं लेकिन मंकीपॉक्स के कारण होने वाला बुखार, अस्वस्थता और सिरदर्द आमतौर पर चिकन पॉक्स के संक्रमण की तुलना में अधिक गंभीर होते हैं।
    • रोग के प्रारंभिक चरण में मंकीपॉक्स को चेचक से अलग किया जा सकता है क्योंकि इसमें लिम्फ ग्रंथि (Lymph Gland) बढ़ जाती है।
  • संचरण: मंकीपॉक्स वायरस ज़्यादातर जंगली जानवरों जैसे- कृन्तकों और प्राइमेट्स से लोगों के बीच फैलता है, लेकिन मानव-से-मानव संचरण भी होता है। 
  • मानव से मानव संचरण: पहला मानव संचरण का मामला 1970 में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) में चेचक को खत्म करने के तीव्र प्रयास के दौरान दर्ज किया गया था।
    • मानव-से-मानव संचरण का कारण संक्रमित श्वसन पथ स्राव, संक्रमित व्यक्ति की त्वचा के घावों से या रोगी या घाव से स्रावित तरल पदार्थ द्वारा तथा दूषित वस्तुओं के निकट संपर्क के कारण हो सकता है।
  • रोगोद्भवन अवधि: मंकीपॉक्स के लिये रोगोद्भवनअवधि (संक्रमण से लक्षणों तक का समय) आमतौर पर 7-14 दिनों की होती है लेकिन यह अवधि 5-21 दिनों तक भी हो सकती है। 
  • मृत्यु दर: यह तेज़ी से फैलता है और संक्रमित होने पर दस में से एक व्यक्ति की मौत का कारण बन सकता है। कम आयु वर्ग में सबसे अधिक मौतें होती हैं
  • उपचार: मंकीपॉक्स की नैदानिक ​​प्रस्तुति चेचक से संबंधित ऑर्थोपॉक्सवायरस संक्रमण से मिलती-जुलती है जिसे 1980 में विश्व भर में समाप्त घोषित कर दिया गया था।
    • चेचक उन्मूलन कार्यक्रम के दौरान उपयोग किया जाने वाला वैक्सीनिया टीका भी मंकीपॉक्स के खिलाफ सुरक्षात्मक उपचार है। 
    • चेचक और मंकीपॉक्स की रोकथाम के लिये अब एक नई तीसरी पीढ़ी की वैक्सीनिया वैक्सीन को मंज़ूरी दी गई है तथा एंटीवायरल एजेंट भी विकसित किये जा रहे हैं।

विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs): 

प्रश्न. निम्नलिखित बीमारियों पर विचार कीजिये: (2014)

  1. डिप्थीरिया
  2. छोटी माता (चिकनपॉक्स)
  3. चेचक (स्मॉलपॉक्स)

उपर्युक्त में से किस रोग/किन रोगों का भारत में उन्मूलन हो चुका है?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3
(c) 1, 2 और 3
(d) कोई नहीं

उत्तर: B

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस