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मोहनजोदड़ो: यूनेस्को का विश्व धरोहर स्थल | 07 Sep 2022 | भारतीय इतिहास

प्रिलिम्स के लिये:

सिंधु घाटी सभ्यता, विश्व विरासत का महत्त्व, पाकिस्तान में बाढ़।

मेन्स के लिये:

मोहनजोदड़ो, यूनेस्को का विश्व धरोहर स्थल।

चर्चा में क्यों?

पाकिस्तान के पुरातत्व विभाग ने चेतावनी दी है कि सिंध प्रांत में भारी वर्षा से मोहनजोदड़ो के विश्व धरोहर  का दर्जा खतरे में पड़ गया है।

विरासत स्थल को खतरा:

मोहनजोदड़ो के प्रमुख बिंदु:

यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल:

यूनेस्को (UNESCO):

प्रश्न: निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सिंधु सभ्यता के लोगों की विशेषता/विशेषताएंँ प्रदर्शित करता है/करते हैं? (2013)

  1. उनके पास बड़े-बड़े महल और मंदिर थे।
  2. वे पुरुष और स्त्री दोनों रूपों में देवताओं की पूजा करते थे।
  3. उन्होंने युद्ध में घोड़ों द्वारा खींचे गए रथों को नियोजित किया।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) 1, 2 और 3
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं है

उत्तर: (b)

व्याख्या:

  • सिंधु घाटी स्थलों की खुदाई ने पुष्टि की कि सिंधु घाटी सभ्यता के निवासियों ने बड़ी स्मारक संरचनाओं का निर्माण नहीं किया था। महलों या मंदिरों या यहाँ तक कि राजाओं, सेनाओं या पुजारियों का भी कोई निर्णायक प्रमाण नहीं है। पाए जाने वाले सबसे बड़े ढाँचे अन्न भंडार हैं। अतः कथन 1 सही नहीं है।
  • मोहनजोदड़ो शहर में बृहत् स्नानागार है, जो शायद एक बड़ा, सार्वजनिक स्नान और सामाजिक क्षेत्र रहा होगा।
  • विभिन्न खुदाई के दौरान मिली मिट्टी की मुहरों से एक पुरुष भगवान की उपस्थिति का पता चलता है। विभिन्न जानवरों से घिरी एक टोपी पहने हुए एक पुरुष भगवान के साथ मुहर, शक्ति के पुरुष प्रतीक में विश्वास को प्रोत्साहित करती है। उत्खनन में मिली एक महिला भगवान की मूर्ति भी सृजन के स्रोत के रूप में महिला पर उनकी मान्यताओं का सुझाव देती है। अत: कथन 2 सही है।
  • सिंधु घाटी सभ्यता के दौरान घोड़ों द्वारा खींचे गए रथों का कोई प्रमाण नहीं है। अत: कथन 3 सही नहीं है।

मेन्स

 प्रश्न: सिंधु घाटी सभ्यता की शहरी नियोजन और संस्कृति ने किस हद तक वर्तमान शहरीकरण को इनपुट प्रदान किया है? चर्चा कीजिये। (2014)