कैबिनेट द्वारा संशोधित विशेष प्रोत्साहन पैकेज योजना में संशोधन को स्वीकृति | 20 Jan 2017

पृष्ठभूमि     

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में निवेश तथा वर्ष 2020 तक इलेक्ट्रॉनिक्स में नेट ज़ीरो आयात के लक्ष्य को प्रोत्साहित करने हेतु ‘संशोधित विशेष प्रोत्साहन योजना’ (Modified Special Incentive Package Scheme : M-SIPS) में संशोधन करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है| 

प्रमुख बिंदु 

  • भारत में इलेक्ट्रॉनिक संरचना के निर्माण एवं विनिर्माण क्षेत्र (ESDM) के निवेश में तेज़ी लाने  के अतिरिक्त एम-सिप्स में किये गए संशोधनों से रोज़गार के अवसरों का सृजन करने तथा आयतों पर निर्भरता कम होने की आशा की जा रही है| 
  • इस योजना के तहत प्राप्त किये गए प्रोजेक्टों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से एक मिलियन से अधिक लोगों को रोज़गार उपलब्ध कराने की सामर्थ्य है|
  • यह योजना सभी राज्यों और जिलों को कवर करती है तथा उन्हें इलेक्ट्रोनिक विनिर्माण में निवेशों को आकर्षित करने का एक अवसर उपलब्ध कराती है| 
  • इस योजना के अंतर्गत अभी तक 17,997 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों वाले 75 आवेदनों को स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है|  

  संशोधन की मुख्य विशेषताएँ 

  • इस योजना के तहत आवेदनों को 31 दिसम्बर, 2018 अथवा उस समय तक प्राप्त किया जाएगा जब तक प्रोत्साहन प्रतिबद्धता 10,000 करोड़ रुपए तक न पहुँच जाए| यदि प्रोत्साहन प्रतिबद्धता 10,000 करोड़ तक पहुँच जाती है तो आगे की वित्तीय प्रतिबद्धताओं का निर्णय करने के लिये इसकी समीक्षा की जाएगी| 
  • नई स्वीकृतियों के लिये इस योजना के तहत दिया जाने वाला प्रोत्साहन, प्रोजेक्ट की स्वीकृति की तारीख से उपलब्ध होगा न कि आवेदन की रसीद प्राप्त होने के दिनांक से|
  • प्रोजेक्ट की स्वीकृति की तारिख से 5 वर्षों के अंदर किये गए निवेशों के लिये प्रोत्साहन उपलब्ध होगा|
  • सम्पूर्ण आवेदन के प्रस्तुतीकरण के 120 दिनों के भीतर ही सामान्यतः योग्य आवेदनों के अनुसार स्वीकृतियाँ प्रदान की जाएंगी|
  • इस योजना के तहत आरंभिक प्रोत्साहन को प्राप्त करने वाली इकाई कम से कम तीन वर्षों तक वाणिज्यिक उत्पादन में बने रहने के लिये एक उपक्रम उपलब्ध कराएगी|
  • इस प्रोजेक्ट का प्रस्ताव करने वाली मूल्यांकन समिति की अध्यक्षता इलेक्ट्रोनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव द्वारा की जाएगी| 
  • कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता और नीति आयोग के सीईओ और व्यय सचिव से मिलकर बनी एक पृथक समिति (MEITY) का गठन बड़े प्रोजेक्टों के लिये किया जाएगा, जिनमें 6850 करोड़ (लगभग 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर) के निवेश की कल्पना की गई है |

पृष्ठभूमि  

  • कैबिनेट ने इलेक्ट्रोनिक संरचना निर्माण एवं विनिर्माण (ESDM) क्षेत्र में बड़े स्तर पर विनिर्माण को प्रोत्साहित करने हेतु एक विशेष प्रोत्साहन पैकेज उप्लाव्बध करने के लिये जुलाई 2012 में एम-सिप्स को स्वीकृति प्रदान की|  यह योजना पूंजी व्यय के लिये सब्सिडी मुहैया कराती है| 
  • यह सब्सिडी विशेष आर्थिक क्षेत्रों में 20% तथा गैर-विशेष आर्थिक क्षेत्रों में 25% है| इसके विस्तार में वृद्धि और प्रक्रिया के सरलीकरण के लिये इस योजना को अगस्त 2015 में संशोधित किया गया था| 
  • इस योजना ने ईएसडीएम क्षेत्र में 1,26,838 करोड़ के निवेश को आकर्षित किया जिसमें से 17,997 करोड़ को MEITY द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई थी | 
  • एम –सिप्स इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र के निवेश पर सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करने में सक्षम है|