ल्यूकेमिया के उपचार हेतु मेडिसिन पेटेंट पूल के साथ समझौता | 26 Jun 2023

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र समर्थित समूह मेडिसिन पेटेंट पूल (MPP) ने कैंसर की कुछ दवाओं को रोगियों हेतु अधिक सुलभ और सस्ता बनाने के लिये तीन भारत-आधारित कंपनियों के साथ उप-लाइसेंस समझौते पर हस्ताक्षर किये।

  • ये समझौते कई देशों में नोवार्टिस की कैंसर उपचार दवा निलोटिनिब के जेनेरिक संस्करणों के उत्पादन की अनुमति देते हैं, जिसका उपयोग मुख्य रूप से क्रोनिक माइलॉयड ल्यूकेमिया (CML) हेतु किया जाता है।
  • इस लाइसेंस में भारत, सात मध्यम-आय वाले देशों और 44 क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जो स्थानीय नियामक प्राधिकरण के तहत निलोटिनिब के जेनेरिक संस्करणों की आपूर्ति की अनुमति देता है।

मेडिसिन पेटेंट पूल:

  • MPP एक संयुक्त राष्ट्र समर्थित सार्वजनिक स्वास्थ्य संगठन है, जो कम और मध्यम आय वाले देशों (LMIC) के लिये जीवन-रक्षक दवाओं के विकास को बढ़ावा देने तथा सुविधा प्रदान करने हेतु काम कर रहा है।
  • इसकी स्थापना जुलाई 2010 में जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में की गईथी।
  • MPP सिविल सोसाइटी, सरकारों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, उद्योग, रोगी समूहों और अन्य हितधारकों के साथ साझेदारी सुनिश्चित करता है, ताकि जेनेरिक निर्माण और नए फॉर्मूलेशन के विकास को प्रोत्साहित करने हेतु आवश्यक दवाओं को प्राथमिकता तथा लाइसेंस दिया जा सके एवं बौद्धिक संपदा अधिकार हासिल किया जा सके।
  • अब तक MPP ने तेरह ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV) एंटी-रेट्रोवायरल, एक HIV प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म, तीन हेपेटाइटिस सी डाइरेक्ट-एक्टिंग एंटीवायरल, एक तपेदिक उपचार, एक लंबे समय तक काम करने वाली तकनीक, कोविड-19 के लिये दो एक्सपेरीमेंटल ओरल एंटीवायरल उपचार और एक कोविड-19 सीरोलॉजिकल एंटीबॉडी तकनीक के लिये बारह पेटेंट धारकों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।

क्रोनिक माइलॉयड ल्यूकेमिया (CML):

  • परिचय:
    • यह ल्यूकेमिया के प्रकारों में से एक है जो एक रक्त-कोशिका कैंसर है जो अस्थि मज्जा (Bone Marrow) और रक्त को प्रभावित करता है। अन्य प्रकार हैं,
      • एक्यूट लिंफोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (ALL)
      • एक्यूट माइलॉयड ल्यूकेमिया (AML)
      • क्रोनिक लिंफोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (CLL)
    • असामान्य श्वेत रक्त कोशिकाओं, जिन्हें माइलॉयड कोशिकाएँ कहा जाता है, की अनियंत्रित वृद्धि इसकी प्रमुख विशेषता है।
    • आमतौर पर CML धीरे-धीरे बढ़ता है और इसका निदान अक्सर क्राॅनिक चरण के दौरान किया जाता है।
  • नैदानिक परीक्षण:
    • CML का निदान आमतौर पर रक्त और अस्थि मज्जा परीक्षण के माध्यम से किया जाता है।

स्रोत: द हिदू