मानकी-मुंडा व्यवस्था और हो जनजाति | 15 Sep 2025

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

चर्चा में क्यों?  

झारखंड के कोल्हान क्षेत्र में हो जनजाति के आदिवासियों ने मानकी-मुंडा व्यवस्था में कथित प्रशासनिक हस्तक्षेप के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जहाँ खाली पदों, वंशानुगत अक्षमताओं और सुधार की मांगों के कारण तनाव व्याप्त है। 

मानकी-मुंडा व्यवस्था क्या है? 

  • मानकी-मुंडा व्यवस्था: यह हो आदिवासी समुदाय का सदियों पुराना स्वशासन ढाँचा है। 
    • प्रत्येक गाँव का नेतृत्व एक वंशानुगत मुंडा करता है, जो स्थानीय विवादों के समाधान के लिये उत्तरदायी होता है, जबकि 8–15 गाँवों के समूह को, जिसे ‘पीढ़’ (Pidh) कहा जाता है, एक मानकी देखता है, जो गाँव स्तर पर अनसुलझे मामलों का निपटारा करता है। 
    • यह व्यवस्था विकेंद्रीकृत और पूर्णतः सामाजिक-राजनीतिक है, जिसका राजस्व संग्रह, भूमि प्रबंधन या कराधान से कोई संबंध नहीं है। 
  • ब्रिटिश हस्तक्षेप: प्लासी (1757) और बक्सर (1764) के युद्ध के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी को दीवानी अधिकार प्राप्त हुए, जिसके साथ कराधान व्यवस्था लागू की गई। 
    • स्थायी बंदोबस्त अधिनियम (1793) ने ज़मींदारों को भूमि राजस्व वसूली के लिये बाध्य किया, जिससे हो जनजाति की भूमि छीन ली गई तथा इसके परिणामस्वरूप हो विद्रोह (1821–22) और कोल विद्रोह (1831) भड़क उठे। 
    • क्षेत्र का प्रबंधन करने के लिये ब्रिटिशों ने मानकी-मुंडा व्यवस्था को दबाने के बजाय उसे अपने साथ मिला लिया। 
    • कैप्टन थॉमस विल्किंसन (1833) ने विल्किंसन नियम में इस व्यवस्था को संहिताबद्ध किया, जिसमें मुंडाओं और मानकियों को औपचारिक रूप से मान्यता दी गई तथा उन्हें औपनिवेशिक प्रशासन में एकीकृत किया गया। 
    • इससे निजी संपत्ति और पट्टे की व्यवस्था शुरू हुई, जिससे सामूहिक भूमि स्वामित्व व्यक्तिगत स्वामित्व में बदल गया और बाहरी लोगों (दिक्कुओं) के आगमन के साथ जनसांख्यिकीय परिवर्तन हुए। 
  • स्वतंत्रता के बाद: कोल्हान ने विल्किंसन के नियमों को बड़े पैमाने पर बरकरार रखा और न्यायालयों ने उन्हें वैध प्रथागत प्रथाओं के रूप में मान्यता दी, जब तक कि मोरा हो बनाम बिहार राज्य (2000) मामले में पटना उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि वे औपचारिक कानून नहीं बल्कि प्रथाएँ हैं, लेकिन उन्होंने निरंतर अभ्यास की अनुमति दी। 
    • वर्ष 2021 झारखंड पहल (न्याय मंच) ने सुधार का प्रस्ताव रखा, लेकिन उसे लागू नहीं किया गया। 

हो जनजाति के संदर्भ में मुख्य तथ्य क्या हैं? 

  • परिचय: हो या कोल्हा भारत का एक ऑस्ट्रोएशियाटिक मुंडा जातीय समूह है, जो मुख्य रूप से झारखंड के कोल्हान क्षेत्र और ओडिशा के कुछ हिस्सों में केंद्रित है तथा पश्चिम बंगाल, बिहार, बांग्लादेश व नेपाल में भी इसकी छोटी आबादी है। 
  • भाषा: हो समुदाय हो भाषा बोलता है, जो मुंडारी से संबंधित एक ऑस्ट्रोएशियाटिक भाषा है।   
    • यह देवनागरी, लैटिन और वारंग सिटी (लाको बोदरा द्वारा विकसित मूल लिपि) में लिखी गई है। 
  • इतिहास: हो समुदाय की उपस्थिति लगभग 4000–3500 वर्ष पूर्व तक जाती है, जब इनका प्रवास दक्षिण-पूर्व एशिया से हुआ था। 
    • उन्होंने शोषक गैर-आदिवासी ज़मींदारों (दिक्कुओं) के विरुद्ध कोल विद्रोह (1831-33) में भाग लिया। पोरहाट के राजा के अधीन वर्ष 1857 क विद्रोह में भी सक्रिय रहे। पारंपरिक रूप से मुगल, मराठा और ब्रिटिश आक्रमणों का विरोध किया। 
  • समाज और संस्कृति: कोल्हान में मानकी-मुंडा व्यवस्था के माध्यम से सशक्त स्वशासन। 
    • समृद्ध त्यौहार परंपराएँ, जैसे– मागे परब (सृजनकर्त्ता भगवान का त्योहार), बा परब (फूलों का त्योहार), सोहराई (कृषि त्योहार) और जोमनामा परब (फसल)। 
    • नृत्य और संगीत संस्कृति का केंद्रबिंदु है, जिसका प्रदर्शन अखड़ा (गाँव के मैदान) में किया जाता है। 
  • अर्थव्यवस्था और वन: 80% से अधिक हो लोग कृषि में लगे हुए हैं और वे स्थायी कृषि अपनाने वाले पहले आदिवासी समुदायों में से थे, जिनमें से कुछ खनन गतिविधियों में भी शामिल थे। 
    • साल के वनों पर अत्यधिक निर्भरता। यह समुदाय साल के स्थान पर सागौन के बागान लगाने का कड़ा विरोध करता है। 

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ) 

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2013)

जनजाति राज्य
1. लिंबू (लिंबु) सिक्किम 
2. कार्बी हिमाचल प्रदेश
3. डोंगरिया कोंध ओडिशा
4. बोंडा तमिलनाडु

उपर्युक्त युग्मों में से कौन-से सही सुमेलित हैं? 

(a)  केवल 1 और 3 
(b) केवल 2 और 4 
(c) केवल 1, 3 और 4 
(d) 1, 2, 3 और 4 

उत्तर: (a)

प्रश्न. भारत में विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों (PVTGs) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019) 

  1. PVTG 18 राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश में निवास करते हैं।  
  2. स्थिर या कम होती जनसंख्या PVTG स्थिति निर्धारण के मानदंडों में से एक है।  
  3. देश में अब तक 95 PVTG आधिकारिक तौर पर अधिसूचित हैं।  
  4. PVTGs की सूची में ईरूलर और कोंडा रेड्डी जनजातियाँ शामिल की गई हैं। 

उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं ? 

(a) केवल 1, 2 और 3

(b) केवल 2, 3 और 4 

(c) केवल 1, 2 और 4  

(d) केवल 1, 3 और 4 

उत्तर: (c)

प्रश्न. अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पारंपरिक वनवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के अधीन, व्यक्तिगत या सामुदायिक वन अधिकारों अथवा दोनों की प्रकृति एवं विस्तार के निर्धारण की प्रक्रिया को प्रारंभ करने के लिये कौन प्राधिकारी होगा? (2013)

(a) राज्य वन विभाग 

(b) ज़िला कलक्टर/उपायुक्त 

(c) तहसीलदार/खंड विकास अधिकारी/मंडल राजस्व अधिकारी 

(d) ग्राम सभा

उत्तर: (d)