5 वर्षों में सरकार की प्रमुख उपलब्धियाँ | 31 Jan 2019

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ संसद का बजट सत्र 31 जनवरी को शुरू हुआ। मई 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले संभवतः यह लोकसभा का अंतिम सत्र है। संसद के दोनों सदनों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में पिछले पाँच वर्षों में हुई सरकार की प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।


सरकार की प्रमुख उपलब्धियाँ

  • GST लागू होने के बाद से देश में ईमानदार और पारदर्शी व्यापारिक व्यवस्था बन रही है। इस व्यवस्था से व्यापारियों के लिये पूरे देश में कहीं पर भी व्यापार करना आसान हुआ है और देश ने बहुत कम समय में इस नई प्रणाली को अपनाया है।
  • 2014 से पहले 3.8 करोड़ लोग इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते थे, वहीं यह तादाद बढ़कर 6.8 करोड़ से ज़्यादा हो गई है। 
  • नए इंसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड की वज़ह से अब तक बैंकों और देनदारों के 3 लाख करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष निपटारा हुआ है। 
  • डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर का विस्तार करने से 6 लाख 5 हज़ार करोड़ रुपए से ज़्यादा की राशि लाभार्थियों तक पहुँची। अब तक लगभग 1 लाख 10 हज़ार करोड़ रुपए गलत हाथों में जाने से बचे हैं। लगभग 8 करोड़ फर्ज़ी नामों को भी लाभार्थियों की सूची से हटाया गया है।
  • स्वच्छ भारत अभियान के तहत 9 करोड़ से ज़्यादा शौचालयों का निर्माण हुआ। यही वज़ह है कि आज ग्रामीण स्वच्छता का दायरा बढ़कर 98 प्रतिशत हो गया है, जो कि 2014 में 40 प्रतिशत से भी कम था।
  • आयकर का बोझ घटाकर और महंगाई पर नियंत्रण करके मध्यम वर्ग को बचत के नए अवसर दिये हैं।
  • केवल 1 रुपया प्रतिमाह के प्रीमियम पर प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और 90 पैसे प्रतिदिन के प्रीमियम पर प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के रूप में लगभग 21 करोड़ गरीब देशवासियों को बीमा सुरक्षा कवच प्रदान किया गया है।
  • प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान के तहत देश के 50 करोड़ गरीबों के लिये गंभीर बीमारी की स्थिति में, हर परिवार पर प्रतिवर्ष 5 लाख रुपए तक के इलाज खर्च की व्यवस्था की गई है। केवल 4 महीनों में ही इस योजना के तहत 10 लाख से ज़्यादा लोग अपना इलाज करवा चुके हैं।
  • दशकों के प्रयास के बाद भी वर्ष 2014 तक देश में केवल 12 करोड़ गैस कनेक्शन थे। बीते केवल साढ़े चार वर्षों में कुल 13 करोड़ परिवारों को गैस कनेक्शन दिया गया है।
  • चूल्हे के धुएँ के कारण महिलाओं का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा था और उनका अधिकांश समय ईंधन जुटाने में लग जाता था। इसके मद्देनज़र उज्ज्वला योजना के तहत अब तक 6 करोड़ से ज़्यादा गैस कनेक्शन दिये गए हैं।
  • तमिलनाडु के मदुरै से लेकर जम्मू-कश्मीर के पुलवामा तक और गुजरात के राजकोट से लेकर असम के कामरूप तक, नए एम्स बनाए जा रहे हैं। गाँवों में चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिये बीते चार वर्षों में मेडिकल की पढ़ाई में 31 हजार नई सीटें जोड़ी गई हैं।
  • पिछले साढ़े चार वर्षों में विभिन्न आवास योजनाओं के तहत 1 करोड़ 30 लाख से ज़्यादा घरों का निर्माण किया जा चुका है, जबकि वर्ष 2014 के पहले, पाँच वर्षों में सिर्फ 25 लाख घरों का ही निर्माण हुआ था।
  • 2014 में 18 हजार से अधिक गाँव ऐसे थे, जहाँ बिजली नहीं पहुँची थी। आज देश के हर गाँव तक बिजली पहुँच गई है। प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना के तहत अब तक 2 करोड़ 47 लाख घरों में बिजली का कनेक्शन दिया जा चुका है।
  • बीते साढ़े चार वर्षों में औसतन हर महीने 140 सहायता शिविरों का आयोजन किया गया, जहाँ पहुंचकर दिव्यांग-जन खुद सहायता उपकरण प्राप्त करते हैं। इस दौरान लगभग 12 लाख दिव्यांग-जनों को 700 करोड़ रुपए के सहायता उपकरण दिये गए हैं।
  • 2014 में देश में मानव-रहित रेलवे क्रॉसिंग्स की संख्या 8,300 थी। मानव-रहित रेलवे क्रॉसिंग्स समाप्त करने का अभियान चलाया गया और अब ऐसी क्रॉसिंग्स की संख्या बहुत कम रह गई है। 
  • किसी नाबालिग के साथ बलात्कार करने के जघन्य अपराध के लिये अपराधी को फाँसी की सज़ा तक देने का प्रावधान किया गया है। ऐसे मामलों में तेज़ी से सुनवाई के लिये कई राज्यों में फास्ट ट्रैक कोर्ट्स बनाए गए हैं।
  • मुस्लिम महिलाओं को डर और भय की ज़िंदगी से निज़ात दिलाने तथा उन्हें अन्य महिलाओं के समान जीवन जीने के अधिकार देने हेतु तीन तलाक से जुड़े कानून को संसद से पारित करवाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
  • शीतकालीन सत्र में संसद द्वारा संविधान का 103वाँ संशोधन पारित करके गरीबों को आरक्षण का लाभ पहुँचाने का फैसला लिया गया है। यह पहल, देश के उन गरीब युवाओं के साथ न्याय करने का प्रयास है जो गरीबी के अभिशाप के कारण वंचित महसूस कर रहे थे।
  • नौजवानों को अपने व्यवसाय के लिये आसानी से ऋण प्राप्त हो, इसके लिये प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत बिना किसी गारंटी के 7 लाख करोड़ रुपए से ज़्यादा के लोन दिये गए हैं। इसका लाभ 15 करोड़ से ज़्यादा लोगों ने उठाया है। इनमें से 73 प्रतिशत लोन महिला उद्यमियों ने प्राप्त किये हैं।
  • देश के किसानों की आय को दोगुना करने के प्रयास किये जा रहे हैं। इस पहल के तहत 22 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को फसल की लागत का डेढ़ गुना से अधिक किया गया है।
  • कामकाजी महिलाओं को अपने नवजात शिशुओं के अच्छी तरह लालन-पालन का पर्याप्त समय मिल सके, इसके लिये मैटरनिटी लीव को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह किया गया है। 
  • जनधन योजना की वज़ह से आज देश में 34 करोड़ लोगों के बैंक खाते खुले हैं और देश का लगभग हर परिवार बैंकिंग व्यवस्था से जुड़ गया है। आज जनधन खातों में 88 हज़ार करोड़ रुपए जमा हैं और इन खातों ने बचत करने का तरीका बदल दिया है।
  • उच्च स्तरीय प्रोफेशनल एजुकेशन के अवसरों को बढ़ाने के लिये 7 IIT, 7 IIM, 14 IIIT,1 NIT और 4 NID की स्थापना की जा रही है।
  • दीन दयाल अंत्योदय योजना के तहत लगभग 6 करोड़ महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं। ऐसे महिला स्वयं सहायता समूहों को 75 हजार करोड़ रुपए से अधिक का ऋण उपलब्ध कराया गया है।
  • भारत ने सीमा पार आतंकियों के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक करके अपनी ‘नई नीति और नई रीति’ का परिचय दिया है।
  • पिछले साल भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हुआ है जिनके पास परमाणु त्रिकोण की क्षमता है। भारत अब आसमान, ज़मीन और समुद्र तीनों जगहों से परमाणु हमला करने में सक्षम देश बन गया है।
  • चार दशकों से लंबित वन रैंक वन पेंशन की मांग को पूरा करते हुए 20 लाख पूर्व-सैनिकों को 10,700 करोड़ रुपए से ज़्यादा के एरियर का भुगतान भी किया गया।
  • दशकों के अंतराल के बाद भारतीय वायुसेना आने वाले महीनों में नई पीढ़ी के अति आधुनिक युद्धक विमान राफेल को शामिल करके अपनी शक्ति को और सुदृढ़ करने जा रही है।
  • भारत की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया और आज यह दिवस पूरे विश्व में मनाया जाता है। 
  • भारत आज विश्व-व्यापी सौर ऊर्जा क्रांति का नेतृत्व कर रहा है। पिछले वर्ष इंटरनेशनल सोलर एलायंस महासभा की पहली बैठक दिल्ली में आयोजित की गई।
  • जम्मू-कश्मीर के विकास के लिये 80 हज़ार करोड़ रुपए का पैकेज दिया गया। इस पैकेज में से इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़ी अलग-अलग परियोजनाओं के लिये अब तक 66 हज़ार करोड़ रुपए से ज़्यादा दिये जा चुके हैं।
  • गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरीडोर बनाने का निर्णय लिया गया।
  • नमामि गंगे मिशन के तहत अब तक 25 हजार 500 करोड़ रुपए की परियोजनाओं को स्वीकृति दी जा चुकी है।
  • पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और संपूर्ण पूर्वी भारत में देश का नया ग्रोथ इंजन बनने की क्षमता है। पूर्वी भारत में रेलवे, हाईवे, वॉटरवे, एयरवे से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत किया जा रहा है।
  • रक्षा उपकरणों के उद्यम स्थापित करके देश को सुरक्षित बनाने तथा युवाओं को नए अवसर देने के लिये तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में डिफेंस कॉरीडोर का निर्माण किया जा रहा है।
  • भारत मोबाइल फोन बनाने वाला दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है। 2014 में जहाँ 1 GB डेटा की कीमत लगभग 250 रुपए थी, अब वह घटकर 10-12 रुपए हो गई है।
  • 2014 में देश में मात्र 59 ग्राम पंचायतों तक डिजिटल कनेक्टिविटी पहुँच पाई थी। आज एक लाख 16 हज़ार ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ दिया गया है और लगभग 40 हज़ार ग्राम पंचायतों में वाई-फाई हॉटस्पॉट लगा दिये गए हैं।
  • मेक इन इंडिया के तहत आंध्र प्रदेश में एशिया के सबसे बड़े MedTech Zone की स्थापना की जा रही है।