महाराजा छत्रसाल | 31 Mar 2021

चर्चा में क्यों?

हाल ही में मध्य प्रदेश के खजुराहो में महाराजा छत्रसाल कन्वेंशन सेंटर का उद्घाटन किया गया है।

  • बुंदेलखंड के राजा, महाराजा छत्रसाल के नाम पर स्थापित इस कन्वेंशन सेंटर को पर्यटन मंत्रालय की स्वदेश दर्शन योजना के तहत बनाया गया है।

खजुराहो

  • यह देश के 19 चिह्नित प्रतिष्ठित पर्यटक स्थलों में से एक है।
    • पर्यटन मंत्रालय ने प्रतिष्ठित पर्यटक स्थल विकास योजना की शुरुआत की है, जो कि समग्र दृष्टिकोण को अपनाकर देश के 19 चिह्नित प्रतिष्ठित पर्यटक स्थलों के विकास से संबंधित एक केंद्रीय क्षेत्रक योजना है।
  • खजुराहो समूह के स्मारक को यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
    • यहाँ के मंदिर अपनी नागर स्थापत्य शैली और कामुक मूर्तियों के लिये प्रसिद्ध हैं।
    • खजुराहो के अधिकांश मंदिरों का निर्माण 885 ईस्वी से 1050 ईस्वी के बीच चंदेल राजवंश द्वारा किया गया था।

स्वदेश दर्शन योजना

  • यह एक केंद्रीय क्षेत्रक योजना है, जिसे वर्ष 2014-15 में देश में थीम आधारित पर्यटन सर्किट के एकीकृत विकास हेतु शुरू किया गया था।
    • वर्तमान में 15 थीम आधारित सर्किट हैं - बौद्ध, तटीय क्षेत्र, रेगिस्तान, पर्यावरण, विरासत, हिमालयन क्षेत्र, कृष्ण, उत्तर-पूर्व, रामायण, ग्रामीण क्षेत्र, आध्यात्म, सूफी, तीर्थंकर, आदिवासी और वन्यजीव।
    • थीम आधारित पर्यटन सर्किट का विकास पर्यटक अनुभव में वृद्धि करने, रोज़गार के अवसरों को बढ़ाने हेतु उच्च पर्यटक मूल्य, प्रतिस्पर्द्धा और स्थिरता के एकीकृत सिद्धांतों के आधार पर किया जाता है।
  • पर्यटन मंत्रालय इस योजना के तहत सर्किट की अवसंरचना के विकास के लिये राज्य सरकारों/केंद्रशासित प्रदेशों को केंद्रीय वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
  • इस योजना को स्वच्छ भारत अभियान, कौशल भारत, मेक इन इंडिया आदि जैसी अन्य योजनाओं के साथ तालमेल स्थापित करने के उद्देश्य से भी शुरू किया गया है, ताकि पर्यटन को रोज़गार सृजन और देश के आर्थिक विकास के लिये एक प्रमुख क्षेत्र के रूप में स्थापित किया जा सके।

प्रमुख बिंदु

संक्षिप्त परिचय

  • जन्म: महाराजा छत्रसाल का जन्म 4 मई, 1649 को बुंदेला राजपूत कबीले में चंपत राय और लाल कुंवर के घर हुआ था।
    • वे ओरछा के रुद्र प्रताप सिंह के वंशज थे।
  • वे एक मध्यकालीन भारतीय योद्धा थे, जिन्होंने मुगल साम्राज्य के विरुद्ध लड़ाई लड़ी और बुंदेलखंड में अपना राज्य स्थापित किया।
  • मृत्यु: 20 दिसंबर, 1731

मुगल साम्राज्य के विरुद्ध संघर्ष

  • उन्होंने वर्ष 1671 में मुगल साम्राज्य के विरुद्ध संघर्ष शुरू किया और सर्वप्रथम छतरपुर ज़िले के नौगाँव क्षेत्र पर कब्ज़ा किया।
  • उन्होंने मुगलों के विरुद्ध तकरीबन 50 वर्ष तक संघर्ष किया और बुंदेलखंड के एक बड़े हिस्से पर कब्ज़ा कर लिया तथा पन्ना में अपना केंद्र स्थापित किया।

बाजीराव प्रथम के साथ संबंध:

  • बाजीराव प्रथम ने मुगलों के विरुद्ध संघर्ष में छत्रसाल की मदद की थी। बाजीराव प्रथम ने 1728 में मुहम्मद खान बंगश के नेतृत्व में मुगल सेना के विरुद्ध सैन्य सहायता भेजी थी।
  • पेशवा बाजीराव प्रथम की दूसरी पत्नी मस्तानी छत्रसाल की बेटी थी।
  • अपनी मृत्यु से पूर्व छत्रसाल ने मुगलों के विरुद्ध सहायता के बदले महोबा और आसपास के क्षेत्र बाजीराव प्रथम को सौंप दिये थे।

साहित्य के संरक्षक

  • उनके दरबार में कई नामचीन कवि थे। कवि भूषण, लाल कवि, बख्शी हंसराज और अन्य दरबारी कवियों द्वारा लिखी गई उनकी स्तुतियों ने उन्हें स्थायी प्रसिद्धि हासिल करने में काफी सहायता की।

धार्मिक मत

  • वे महामति प्राणनाथ जी के शिष्य थे।
  • महामति प्राणनाथ जी ने राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक मामलों में उनका मार्गदर्शन किया।
  • स्वामी प्राणनाथ जी ने छत्रसाल को पन्ना में हीरे की खानों के बारे में बताया और उनकी वित्तीय स्थिति को मज़बूत करने में मदद की।

विरासत

  • मध्य प्रदेश में छतरपुर शहर और इसके ज़िले का नाम छत्रसाल के नाम पर रखा गया है।
  • मध्य प्रदेश में महाराजा छत्रसाल संग्रहालय और दिल्ली में छत्रसाल स्टेडियम का नाम भी महाराजा छत्रसाल के नाम पर रखा गया है।

स्रोत: पी.आई.बी.