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झारखंड का प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति घोटाला | 02 Nov 2020 | भारतीय राजनीति

प्रिलिम्स के लिये: 

प्रत्यक्ष लाभ अंतरण, राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल

मेन्स के लिये: 

आधार-सक्षम भुगतान प्रणाली में अनियमितता

चर्चा में क्यों?

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ समाचार पत्र द्वारा की गई एक जाँच में पता चला है कि झारखंड में केंद्र द्वारा वित्तपोषित छात्रवृत्ति योजना के तहत गरीब छात्रों को वितरित की जाने वाली छात्रवृत्ति में बैंक कर्मचारियों, बिचौलियों, विद्यालय एवं सरकारी कर्मचारियों द्वारा पैसे की उगाही की जा रही है।  

प्रमुख बिंदु:

छात्रवृत्ति के लिये आवेदन करने की प्रक्रिया क्या है और खाते में पैसा कब जमा किया जाता है?

राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल

(National Scholarship Portal- NSP):

प्रत्यक्ष लाभ अंतरण में अनियमितता:

(Direct Benefit Transfer) 

आधार-सक्षम भुगतान प्रणाली की कमज़ोरियाँ:

सत्यापन के लिये कोई अन्य विकल्प:

क्या केवल छात्रों के पैसों के साथ अनियमितता की जाती है?

झारखंड में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा कितने पैसे का वितरण किया जाता है?

गौरतलब है कि पूरे भारत में शैक्षणिक वर्ष 2019-20 हेतु प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के लिये 1423.89 करोड़ रुपए का वितरण किया गया था।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस