जल जीवन मिशन | 21 Aug 2025

स्रोत: PIB  

चर्चा में क्यों?

15 अगस्त, 2025 को जल जीवन मिशन (JJM) की 6वीं वर्षगाँठ मनाई गई, जिसमें 15 करोड़ घरों तक नल के जल की पहुँच सुनिश्चित करने के इसके प्रभाव को प्रदर्शित किया गया।

जल जीवन मिशन क्या है?

परिचय: 

  • 15 अगस्त, 2019 को शुरू किया गया जल जीवन मिशन (JJM) का उद्देश्य प्रत्येक ग्रामीण घर को वर्ष 2024 तक (अब 2028 तक बढ़ाया गया है) नल का जल उपलब्ध कराना है, जिसमें प्रति व्यक्ति प्रति दिन 55 लीटर पानी का लक्ष्य रखा गया है। यह एक केंद्रीय प्रायोजित योजना है, जिसे जल शक्ति मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।

उद्देश्य

म्नेमोनिक: TAP

  • T – Target Every Rural Household (प्रत्येक ग्रामीण परिवार को लक्ष्य बनाना): सभी ग्रामीण घरों को फंक्शनल हाउसहोल्ड टैप कनेक्शन (FHTC) उपलब्ध कराना।
  • A – Areas of Priority (प्राथमिकता वाले क्षेत्र): गुणवत्ता-प्रभावित, सूखा-ग्रस्त, मरुस्थलीय क्षेत्रों और सांसद आदर्श ग्राम योजना (SAGY) वाले गाँवों पर विशेष ध्यान।
  • P – Public Places (सार्वजनिक स्थान): स्कूलों, आँगनवाड़ी केंद्रों, ग्राम पंचायतों और सामुदायिक भवनों में नल की सुविधा सुनिश्चित करना।

विशेषताएँ:

म्नेमोनिक: WATER

  • W – Women and Weaker Sections (महिला और कमज़ोर वर्ग): गाँव जल एवं स्वच्छता समिति (VWSC) और पानी समितियों में 50% महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना।
  • A – Awareness and Stakeholder Involvement (जागरूकता और हितधारकों की भागीदारी): जल के लिये जनआंदोलन, श्रमदान जैसी स्वैच्छिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना।
  • T – Technological Interventions (प्रौद्योगिकीय हस्तक्षेप): JJM-IMIS (इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम), रियल-टाइम डैशबोर्ड, और जल आपूर्ति हेतु IoT आधारित सेंसर समाधान।
  • E – Empowerment through Education (शिक्षा के माध्यम से सशक्तीकरण): प्रति गाँव 5 व्यक्तियों (विशेषकर महिलाओं) को जल गुणवत्ता परीक्षण का प्रशिक्षण प्रदान करना।
  • R – Rural Focus (ग्रामीण केंद्रित):हैबिटेशन’ से ‘हाउसहोल्ड’ पर ध्यान केंद्रित करते हुए विकेंद्रीकृत, मांग-आधारित और समुदाय-प्रबंधित जल आपूर्ति।             

COMPONENT OF JJM

JJM के कामकाज को प्रभावित करने वाली प्रमुख चुनौतियाँ क्या हैं?

म्नेमोनिक: GAPS

  • G – Gaps in Data (आँकड़ों में कमी): अविश्वसनीय आँकड़ों को लेकर चिंता, जिससे ग्रामीण जल आपूर्ति समस्याओं का समाधान कठिन हो जाता है। 12,000 से अधिक ग्रामीण बस्तियाँ लोहा, नाइट्रेट, लवणता और भारी धातुओं से प्रदूषित हैं।
  • A – Absence of Infrastructure Quality (बुनियादी ढाँचे की गुणवत्ता का अभाव): संसदीय स्थायी समिति ने रेखांकित किया कि पाइपलाइन बिछाने के बाद सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे की पुनर्बहाली कई राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में निम्न स्तर की है।
  • P – Poor Maintenance Planning (रखरखाव की कमज़ोर योजना): वर्ष 2025 के मध्य तक केवल 20 राज्यों ने ही मरम्मत और रखरखाव की व्यापक नीतियाँ बनाई हैं।
  • S – Sluggish Execution (निष्क्रिय क्रियान्वयन): आवश्यक कार्यों और परियोजनाओं के धीमे कार्यान्वयन से मिशन की प्रगति प्रभावित हो रही है।

जल जीवन मिशन (JJM) के कार्यान्वयन को बेहतर बनाने के लिये कौन-से प्रमुख कदम उठाए जा सकते है?

म्नेमोनिक: REPAIR

  • R - Revise Infrastructure Quality (बुनियादी ढाँचे की गुणवत्ता में सुधार): पुनर्स्थापन प्रावधानों को लागू करना, ठेकेदारों के भुगतान को सत्यापित गुणवत्ता से जोड़ना और एकीकृत योजना अपनाना। जल आपूर्ति परियोजनाओं में उच्च-गुणवत्ता वाले बुनियादी ढाँचे और जवाबदेही सुनिश्चित करना।
  • E - Ensure Data Authenticity (डेटा की प्रामाणिकता सुनिश्चित करना): थर्ड-पार्टी ऑडिट अनिवार्य करना, जियोटैगिंग का उपयोग करना और पारदर्शिता के लिये सार्वजनिक डैशबोर्ड स्थापित करना। डेटा की विश्वसनीयता बढ़ाना और JJM की प्रगति की प्रभावी निगरानी सुनिश्चित करना।
  • P - Performance-based Funding (प्रदर्शन-आधारित वित्तपोषण): पिछड़े राज्यों में टास्क फोर्स तैनात करना, फंडिंग को प्रदर्शन से जोड़ना। राज्यों की प्रगति के आधार पर फंडिंग को बाँधें ताकि जवाबदेही बढ़े और कार्यान्वयन तेज़ हो जाए।
  • A - Awareness & Testing (जागरूकता और परीक्षण): सुरक्षित पाइप जल सुनिश्चित करना, ग्राम पंचायतों द्वारा अनिवार्य परीक्षण कराना और जागरूकता अभियान चलाना। जल सुरक्षा पर सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना तथा नियमित परीक्षण सुनिश्चित करना।
  • I - Integrate Financial Reforms (वित्तीय सुधारों का एकीकरण): ₹12,000 SBM-G प्रोत्साहन की समीक्षा करना और JJM को वर्षा जल संचयन एवं अटल भूजल योजना से जोड़ना। वित्तीय सहायता को मज़बूत करना और जल संरक्षण पहलों का एकीकरण करना।
  • R - Repair & Maintenance Planning (मरम्मत और रखरखाव से संबंधित योजना): राष्ट्रीय स्तर पर मरम्मत एवं रखरखाव की नीति सुनिश्चित करना और नियमित रूप से समीक्षा करना। बाधाओं को रोकना तथा जल प्रणालियों की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करना।

क्या आप जानते हैं?

  • पीने का पानी एक राज्य सूची का विषय है, जिसमे पेयजल आपूर्ति योजनाओं की योजना बनाने, अनुमोदन करने और लागू करने की शक्ति राज्य सरकार के पास होती है।
  • वर्ष 2019 में केवल 3.23 करोड़ ग्रामीण परिवारों (17%) के पास नल का पानी था, वर्ष 2025 तक यह कवरेज बढ़कर 15+ करोड़ परिवारों (80%) तक पहुँच गया।

दृष्टि मेन्स प्रश्न:

प्रश्न: अपर्याप्त ग्रामीण जल आपूर्ति के वित्तीय और सामाजिक प्रभावों का मूल्यांकन कीजिये तथा उन्हें दूर करने के उपाय सुझाइये। 

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न   

मेन्स

प्रश्न 1. जल संरक्षण एवं जल सुरक्षा हेतु भारत सरकार द्वारा प्रवर्तित जल शक्ति अभियान की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं? (2020)

प्रश्न. जल तनाव (Water Stress) क्या है? भारत में क्षेत्रीय स्तर पर यह कैसे और क्यों भिन्न है? (2019)