इंटरनेशनल डे ऑफ क्लीन एयर फॉर ब्लू स्काई | 08 Sep 2022

प्रिलिम्स के लिये:

राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम, PM10, PM2.5, UNEP।

मेन्स के लिये:

इंटरनेशनल डे ऑफ क्लीन एयर फॉर ब्लू स्काई, इसका महत्त्व।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (Ministry of Environment, Forest and Climate Change-MoEF&C) ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के तहत वायु गुणवत्ता में सुधार के लिये जागरूकता बढ़ाने और कार्यों को सुविधाजनक बनाने हेतु 'स्वच्छ वायु दिवस (Clean air day)' के रूप में ‘इंटरनेशनल डे ऑफ क्लीन एयर फॉर ब्लू स्काई’ का आयोजन किया।

  • अपने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के लिये चुने गए 131 में से 20 शहरों ने अपने वर्ष 2017 के स्तर की तुलना में वर्ष 2021-22 में राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर को प्राप्त किया है।

प्रमुख बिंदु:

  • थीम :
    • वायु, हम साझा करते हैं ( The Air We Share)।
    • यह वायु प्रदूषण से निपटने के लिये शमन नीतियों और कार्यों के अधिक कुशल कार्यान्वयन के लिये तत्काल तथा रणनीतिक अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सहयोग की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।
  • परिचय:
    • अपने 74वें सत्र के दौरान संयुक्त राष्ट्र महासभा में 19 दिसंबर, 2019 को इंटरनेशनल डे ऑफ क्लीन एयर फॉर ब्लू स्काई आयोजित करने का एक प्रस्ताव अपनाया।
    • संकल्प ने संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) को अन्य संबंधित हितधारकों के सहयोग से दिवस के पालन को सुविधाजनक बनाने के लिये प्रोत्साहित किया।
    • प्रस्ताव के पारित कराने हेतु जलवायु और स्वच्छ वायु गठबंधन ने UNEP और कोरिया गणराज्य के साथ मिलकर प्रयास किया।
  • महत्त्व:
    • संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों के साथ शिखर सम्मेलन की मेजबानी करके इंटरनेशनल डे ऑफ क्लीन एयर फॉर ब्लू स्काई मनाता है।
    • उपस्थित लोगों ने अपने दृष्टिकोण रखे और दुनिया भर में वायु प्रदूषण तथा वायु गुणवत्ता के प्रभावों पर चर्चा की।

 NCAP के प्रमुख निष्कर्ष:

  • इन 131 शहरों में से 95 ने वायु गुणवत्ता में सुधार दिखाया है।
    • वाराणसी में वायु गुणवत्ता के स्तर में 53% का सबसे उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया गया।
    • वर्ष 2017 में वाराणसी में PM10 की वार्षिक औसत सांद्रता 244 थी, जो वर्ष 2021 में गिरकर 144 हो गई।
  • सभी महानगरों, दिल्ली, बंगलुरु, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता और हैदराबाद में PM10 ने वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2021-22 में वायु गुणवत्ता में महत्वपूर्ण सुधार दिखाया है।
    • सुधार वाले अन्य प्रमुख शहरों में नोएडा, चंडीगढ़, नवी मुंबई, पुणे, गुवाहाटी आदि शामिल हैं।
  • लेकिन इसी अवधि में 27 शहरों में वायु गुणवत्ता में गिरावट देखी गई है।
    • उनमें से छत्तीसगढ़ के ज़िला कोरबा शामिल है, जहाँ 10 तापीय कोयला विद्युत संयंत्र हैं।
  • राज्यों में, मध्य प्रदेश का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है, क्योंकि NCAP के लिये केंद्र द्वारा चुने गए राज्य के सात शहरों में से छह ने वायु गुणवत्ता में गिरावट देखी गई है।
    • ये शहर हैं- भोपाल, देवास, इंदौर, जबलपुर, सागर, उज्जैन और ग्वालियर।
  • पश्चिम बंगाल में हावड़ा और दुर्गापुर; महाराष्ट्र में औरंगाबाद और ठाणे; बिहार में गया; गुजरात में राजकोट और वडोदरा; भुवनेश्वर (ओडिशा); पटियाला (पंजाब) और जम्मू में भी वायु गुणवत्ता में गिरावट देखी गई है।

NCAP

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs):

प्रश्न. निम्नलिखित कथनो पर विचार कीजिये: (2017)

  1. अल्पजीवी जलवायु प्रदूषकों को न्यूनीकृत करने हेतु जलवायु एवं स्वच्छ वायु गठबंधन (CCAC), G20 की एक अनोखी पहल है।
  2. CCAC मीथेन, ब्लैक कार्बन एवं हाइड्रोफ्लोरोकार्बनों पर ध्यान केंद्रित करता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: b

  • बांग्लादेश, कनाडा, घाना, मैक्सिको, स्वीडन और संयुक्त राज्य अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) के साथ मिलकर इन प्रदूषकों को एक सामूहिक चुनौती के रूप में स्वीकारने के लिये पहला प्रयास शुरू किया तथा यह मीथेन, ब्लैक कार्बन एवं हाइड्रोफ्लोरोकार्बनों पर ध्यान केंद्रित करता है। CCAC विश्व के 65 देशों (भारत सहित), 17 अंतर-सरकारी संगठनों, 55 व्यावसायिक संगठनों, वैज्ञानिक संस्थाओं और कई नागरिक समाज संगठनों की एक स्वैच्छिक साझेदारी है। अत: कथन 1 नहीं और 2 सही है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस