गुणवत्‍तापूर्ण अवसंरचना पर अंतर्राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन | 09 Jul 2019

चर्चा में क्यों?

हाल ही में स्‍वच्‍छ व सतत विकास के लिये गुणवत्‍तापूर्ण अवसंरचना हेतु इंजीनियरिंग सेवाएँ (Engineering Services on Quality Infrastructure for Clean & Sustainable Development) विषय पर एक अंतर्राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन का आयोजन नई दिल्‍ली में किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • सम्मेलन में केन्‍द्रीय वाणिज्‍य एवं उद्योग तथा रेल मंत्री ने गुणवत्‍ता पर विशेष ध्‍यान देने का आह्वान किया है ताकि भारत अपने उत्‍कृष्‍ट उत्‍पादों के लिये पहचाना जाए।
  • उन्होंने कहा कि भारत को केवल तुलनात्‍मक और प्रतिस्‍पर्धात्‍मक लागत का लाभ ही नहीं है, बल्कि देश को अपने उत्‍कृष्‍ट उत्‍पादों व उत्‍कृष्‍ट सेवाओं के लिये भी पहचान मिली है।
  • भारत में व्‍यापार के विस्‍तार के लिये दो प्रकार की संभावनाएँ हैं – पहला बड़े पैमाने पर निर्यात क्षमता तथा दूसरा इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी को भारत लाने की अपार संभावनाएँ।
  • वाणिज्‍य मंत्री के अनुसार, बजट 2019-20 में वित्‍त मंत्री ने भारत में ढाँचागत संरचना के विस्‍तार के लिये रोडमैप प्रस्तुत किया है जिसमें अगले पाँच वर्षों में एक लाख करोड़ रुपए का निवेश प्रस्तावित है साथ ही अगले 10-12 वर्षों के दौरान रेलवे के विस्‍तार और विकास के लिये 50 लाख करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य रखा गया है।
  • यह विज़न दिखाता है कि भारत अवसंरचना में बड़े पैमाने पर निवेश का गंतव्‍य स्‍थल बन गया है।

भारत की स्थिति

  • भारत सौर ऊर्जा उत्‍पादन में सबसे तेजी से उभरने वाला देश बन गया है।
  • पिछले पाँच वर्षों के दौरान सौर ऊर्जा की स्‍थापित क्षमता में 1200 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
  • LED बल्‍व उपयोग के मामले में भारत सबसे अग्रणी देश बन गया है।
  • इस वर्ष के बजट में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये विशेष छूट का भी उल्‍लेख किया गया है साथ ही दुपहिया, तिपहिया और चार पहिये वाहनों के विनिर्माण में भारत के अतिशीघ्र ही विश्‍व का अग्रणी देश बनने की सम्भावना व्यक्त की गई है ।

आगे की राह

  • LPG सुविधा प्राप्त घरों की संख्‍या में दोगुनी वृद्धि का अनुमान है।
  • बिजली और गैस आपूर्ति में आधुनिक प्रक्रिया अपनाने की जरूरत है, ताकि नागरिकों की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा किया जा सके।
  • सभी शहरी घरों को पाइप द्वारा रसोई गैस की आपूर्ति के लिये एक राष्‍ट्रीय गैस ग्रिड बनाने की आवश्यकता है जिससे आपूर्ति संबंधी लागत में कमी आएगी।

स्रोत- PIB